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Divya Mittal NDPS Case : निलंबित एएसपी को कोर्ट से राहत, जमानत पर रिहा करने के दिए आदेश

एनडीपीएस मामले में गिरफ्तार निलंबित एएसपी दिव्या मित्तल को कोर्ट ने जमानत दे (Bail to suspended ASP Divya Mittal) दी है. मंगलवार को कागजी कार्रवाई होने के बाद उसे जेल से रिहा कर दिया जाएगा.

Divya Mittal Bribe Case
दिव्या मित्तल को कोर्ट ने जमानत
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Published : Apr 10, 2023, 3:21 PM IST

Updated : Apr 10, 2023, 3:47 PM IST

निलंबित एएसपी दिव्या मित्तल को कोर्ट से राहत

अजमेर. एनडीपीएस प्रकरण में गिरफ्तार निलंबित एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल को अपर जिला एवं सेशन न्यायालय कोर्ट संख्या 1 से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने सोमवार को सुनाए फैसले में दिव्या मित्तल को 50-50 हजार के मुचलके और 1 लाख रुपये की जमानत राशि पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. दिव्या मित्तल के वकील भगवान सिंह चौहान ने बताया कि दिव्या को एसओजी ने 1 अप्रैल को एनडीपीएस के मामले में गिरफ्तार किया था.

दिव्या मित्तल की ओर से 4 अप्रैल को जमानत अर्जी कोर्ट में पेश की गई थी. 5 अप्रैल को कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनी और 10 अप्रैल को जमानत अर्जी पर फैसला सुनाया है. उन्होंने बताया कि कोर्ट ने 50-50 हजार के मुचलके और 1 लाख रुपये की जमानत राशि पर दिव्या मित्तल को जमानत देने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने जमानत के लिए एक स्थानीय और एक रिश्तेदार को ही मुचलका भरने की शर्त रखी है.

पढ़ें. Jaipur ACB Action : दो करोड़ की रिश्वत मांगने के आरोप में ASP दिव्या मित्तल गिरफ्तार, 5 ठिकानों पर कार्रवाई

बता दें कि दो करोड़ रुपये रिश्वत के मामले में दिव्या मित्तल 75 दिन बाद 1 अप्रैल को केंद्रीय कारागार जेल से जमानत पर रिहा हुई थी. जेल से बाहर निकलते ही एसओजी ने दिव्या मित्तल को गिरफ्तार कर लिया था. आरोपी पक्ष के वकील घनश्याम सिंह ने बताया कि जमानत के कागज मंगलवार को कोर्ट में पेश होने के बाद दिव्या मित्तल को जेल से रिहा किया जाएगा.

यह था एडीपीएस प्रकरण : एसओजी के अनुसार एडिशनल एसपी रहते दिव्या मित्तल एनडीपीएस एक्ट के 3 मुकदमों में अनुसंधान अधिकारी थी. इन मुकदमों में दो रामगंज थाने और एक अलवर गेट थाने में दर्ज थे. एसओजी का आरोप था कि रामगंज थाने में दर्ज एनडीपीएस एक्ट के एक मुकदमे में आरोपी सुनील नंदवानी को गिरफ्तार किया गया. दिव्या मित्तल ने मुख्यालय से आरोपी को गिरफ्तार करने की स्वीकृति भी ली थी. बाद में स्वीकृति को कैंसिल करने के लिए भी दिव्या मित्तल ने मुख्यालय को लिखा था.

दो करोड़ रुपये की घूस के मामले में दिव्या मित्तल के गिरफ्तार होने के बाद एनडीपीएस एक्ट के तीनों प्रकरणों की जांच जोधपुर एसओजी में एडिशनल एसपी कमल सिंह तंवर को दी गई. एडिशनल एसपी कमल सिंह तंवर की जांच में दिव्या मित्तल की ओर से आरोपी दवा कंपनी के मालिक सुनील नंदवानी को फायदा पहुंचाने के लिए गलत तथ्य के साथ अनुसंधान फाइल में पेश करना पाया गया.

पढ़ें. हाईकोर्ट से जमानत के बाद निलंबित ASP दिव्या मित्तल को NDPS केस में SOG ने किया गिरफ्तार

बता दें कि एनडीपीएस एक्ट के मामले में दिव्या मित्तल को 18 अप्रैल तक न्यायिक अभिरक्षा में कोर्ट ने भेजा था. आरोपी पक्ष के वकील घनश्याम सिंह ने बताया कि उन्होंने एसओजी की ओर से दिव्या मित्तल के खिलाफ दर्ज एनडीपीएस एक्ट के 59(1) में प्रकरण को जमानती धारा होने का हवाला दिया है. वहीं, एनडीपीएस एक्ट 59 (2) में आरोपी पक्ष ने दिव्या मित्तल से बरामदगी नहीं होने की दलील दी.

एनडीपीएस एक्ट 59(3) में आरोपी पक्ष की ओर से कोर्ट में कहा गया कि लिखित परिवाद पेश नहीं किया गया और न ही पूर्व में राज्य सरकार से अभियोजन की स्वीकृति ली गई. आईपीसी की धारा 219 और 221 भी जमानती धाराएं हैं. उन्होंने बताया कि आरोपी पक्ष को सुनने के बाद कोर्ट ने जमानत अर्जी पर अपना फैसला सुनाया. उन्होंने बताया कि 4 अप्रैल को कोर्ट ने एसओजी के अधिकारी को बिना सोचे समझे मुकदमे में धाराएं लगाने पर फटकार लगाई थी. लिहाजा इस बार इस तरह की गलती दोबारा नहीं करने के लिए एसओजी को हिदायत दी गई है.

पढ़ें. Divya Mittal Bribe Case: आनासागर झील में दिव्या का मोबाइल ढूंढने उतरी SDRF, मिला डीवीडी से भरा बैग

एसीबी में भी रिश्वत मांगने का प्रकरण : 2 करोड़ रुपए के रिश्वत के मामले में दिव्या मित्तल को 16 जनवरी को जयपुर एसीबी ने गिरफ्तार किया था. परिवादी ने एसीबी को मामले की शिकायत की थी. मामले के सत्यापन में दिव्या मित्तल और दलाल की रिकॉर्डिंग और अन्य तथ्य एसीबी के पास थे, लेकिन मामले में भनक लगने पर दलाल सुमित कुमार उदयपुर से फरार हो गया. आरोप है कि परिवादी को दिव्या मित्तल ने उदयपुर दलाल सुमित कुमार के पास सौदा करने के लिए भेजा था. इस प्रकरण में दिव्या मित्तल 75 दिन तक न्यायिक अभिरक्षा में रही. इसके बाद हाई कोर्ट से दिव्या मित्तल जमानत पर रिहा हुईं, लेकिन जेल से निकलते ही एसओजी ने एनडीपीएस एक्ट के मामले में दिव्या को गिरफ्तार किया था.

निलंबित एएसपी दिव्या मित्तल को कोर्ट से राहत

अजमेर. एनडीपीएस प्रकरण में गिरफ्तार निलंबित एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल को अपर जिला एवं सेशन न्यायालय कोर्ट संख्या 1 से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने सोमवार को सुनाए फैसले में दिव्या मित्तल को 50-50 हजार के मुचलके और 1 लाख रुपये की जमानत राशि पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. दिव्या मित्तल के वकील भगवान सिंह चौहान ने बताया कि दिव्या को एसओजी ने 1 अप्रैल को एनडीपीएस के मामले में गिरफ्तार किया था.

दिव्या मित्तल की ओर से 4 अप्रैल को जमानत अर्जी कोर्ट में पेश की गई थी. 5 अप्रैल को कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनी और 10 अप्रैल को जमानत अर्जी पर फैसला सुनाया है. उन्होंने बताया कि कोर्ट ने 50-50 हजार के मुचलके और 1 लाख रुपये की जमानत राशि पर दिव्या मित्तल को जमानत देने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने जमानत के लिए एक स्थानीय और एक रिश्तेदार को ही मुचलका भरने की शर्त रखी है.

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बता दें कि दो करोड़ रुपये रिश्वत के मामले में दिव्या मित्तल 75 दिन बाद 1 अप्रैल को केंद्रीय कारागार जेल से जमानत पर रिहा हुई थी. जेल से बाहर निकलते ही एसओजी ने दिव्या मित्तल को गिरफ्तार कर लिया था. आरोपी पक्ष के वकील घनश्याम सिंह ने बताया कि जमानत के कागज मंगलवार को कोर्ट में पेश होने के बाद दिव्या मित्तल को जेल से रिहा किया जाएगा.

यह था एडीपीएस प्रकरण : एसओजी के अनुसार एडिशनल एसपी रहते दिव्या मित्तल एनडीपीएस एक्ट के 3 मुकदमों में अनुसंधान अधिकारी थी. इन मुकदमों में दो रामगंज थाने और एक अलवर गेट थाने में दर्ज थे. एसओजी का आरोप था कि रामगंज थाने में दर्ज एनडीपीएस एक्ट के एक मुकदमे में आरोपी सुनील नंदवानी को गिरफ्तार किया गया. दिव्या मित्तल ने मुख्यालय से आरोपी को गिरफ्तार करने की स्वीकृति भी ली थी. बाद में स्वीकृति को कैंसिल करने के लिए भी दिव्या मित्तल ने मुख्यालय को लिखा था.

दो करोड़ रुपये की घूस के मामले में दिव्या मित्तल के गिरफ्तार होने के बाद एनडीपीएस एक्ट के तीनों प्रकरणों की जांच जोधपुर एसओजी में एडिशनल एसपी कमल सिंह तंवर को दी गई. एडिशनल एसपी कमल सिंह तंवर की जांच में दिव्या मित्तल की ओर से आरोपी दवा कंपनी के मालिक सुनील नंदवानी को फायदा पहुंचाने के लिए गलत तथ्य के साथ अनुसंधान फाइल में पेश करना पाया गया.

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बता दें कि एनडीपीएस एक्ट के मामले में दिव्या मित्तल को 18 अप्रैल तक न्यायिक अभिरक्षा में कोर्ट ने भेजा था. आरोपी पक्ष के वकील घनश्याम सिंह ने बताया कि उन्होंने एसओजी की ओर से दिव्या मित्तल के खिलाफ दर्ज एनडीपीएस एक्ट के 59(1) में प्रकरण को जमानती धारा होने का हवाला दिया है. वहीं, एनडीपीएस एक्ट 59 (2) में आरोपी पक्ष ने दिव्या मित्तल से बरामदगी नहीं होने की दलील दी.

एनडीपीएस एक्ट 59(3) में आरोपी पक्ष की ओर से कोर्ट में कहा गया कि लिखित परिवाद पेश नहीं किया गया और न ही पूर्व में राज्य सरकार से अभियोजन की स्वीकृति ली गई. आईपीसी की धारा 219 और 221 भी जमानती धाराएं हैं. उन्होंने बताया कि आरोपी पक्ष को सुनने के बाद कोर्ट ने जमानत अर्जी पर अपना फैसला सुनाया. उन्होंने बताया कि 4 अप्रैल को कोर्ट ने एसओजी के अधिकारी को बिना सोचे समझे मुकदमे में धाराएं लगाने पर फटकार लगाई थी. लिहाजा इस बार इस तरह की गलती दोबारा नहीं करने के लिए एसओजी को हिदायत दी गई है.

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एसीबी में भी रिश्वत मांगने का प्रकरण : 2 करोड़ रुपए के रिश्वत के मामले में दिव्या मित्तल को 16 जनवरी को जयपुर एसीबी ने गिरफ्तार किया था. परिवादी ने एसीबी को मामले की शिकायत की थी. मामले के सत्यापन में दिव्या मित्तल और दलाल की रिकॉर्डिंग और अन्य तथ्य एसीबी के पास थे, लेकिन मामले में भनक लगने पर दलाल सुमित कुमार उदयपुर से फरार हो गया. आरोप है कि परिवादी को दिव्या मित्तल ने उदयपुर दलाल सुमित कुमार के पास सौदा करने के लिए भेजा था. इस प्रकरण में दिव्या मित्तल 75 दिन तक न्यायिक अभिरक्षा में रही. इसके बाद हाई कोर्ट से दिव्या मित्तल जमानत पर रिहा हुईं, लेकिन जेल से निकलते ही एसओजी ने एनडीपीएस एक्ट के मामले में दिव्या को गिरफ्तार किया था.

Last Updated : Apr 10, 2023, 3:47 PM IST
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