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Health Tips For Teeth: दांतों का कैसे रखें ख्याल, दंत चिकित्सक से जानिए हेल्थ टिप्स - ajmer latest news

भोजन को खाने में सबसे बड़ी भूमिका दांतों की होती है. चबाने की प्रक्रिया में भोजन के साथ मुंह की लार मिलने से पाचन में भी सहायता (Health Tips For Teeth) मिलती है. इसलिए दांतों का निरोगी होना बेहत जरूरी है. चलिए जानते हैं कि जेएलएन अस्पताल के दांत चिकित्सा विभागाध्यक्ष डॉ. बलराम चौधरी से दांतों के क्या हैं हेल्थ टिप्स.

health tips for teeth
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Published : Mar 1, 2023, 12:39 PM IST

दंत चिकित्सक से जानिए हेल्थ टिप्स

अजमेर. भोजन को पचाने के लिए जरूरी है कि भोजन को खूब चबा कर खाया जाए. भोजन को चबाने के लिए हमारे दांतों का स्वस्थ होना बहुत जरूरी है. हेल्थ टिप्स में आज बात करेंगे दांतों और उनमें होने वाली बीमारियों के बारे में. अजमेर संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल में दंत चिकित्सा विभाग के अध्यक्ष डॉ. बलराम चौधरी से चलिए जानते हैं दांतों की समस्याओं को लेकर हेल्थ टिप्स क्या हैं.

जेएलएन अस्पताल के दंत चिकित्सा विभागाध्यक्ष डॉ. बलराम चौधरी ने बताया कि भोजन को खाने में सबसे बड़ी भूमिका दांतों की होती है. भोजन को दांतों से चबाने पर उसका स्वाद मिल पाता है. वहीं, चबाने की प्रक्रिया में भोजन के साथ मुंह की लार मिलने से पाचन में भी सहायता मिलती है. इसलिए दांतों का निरोगी होना बेहत जरूरी है. उन्होंने कहा कि आमतौर पर लोग सुबह दांतों को टूथ पेस्ट से ब्रश करते हैं, लेकिन रात को दांतों को ब्रश नहीं करते हैं. इस कारण हमारे दांतों में भोजन के तत्व फंसे रह जाते हैं. इससे उनको नुकसान पहुंचता है. दांतों को साफ रखने के लिए जरूरी है कि सुबह और रात को सोने से पहले ब्रश किया जाए.

दांतों के रोग और लक्षण : डॉ. बलराम चौधरी बताते हैं कि दांतों में पायरिया, अकल दाढ़ और गुटके सुपारी से दांत घिसने से गिरने और मुंह बंद होने (ओएसएमएफ) की समस्या ज्यादा देखी जाती है. उन्होंने कहा कि पायरिया बीमारी में मसूड़ों से खून आना, मसूड़ों के जगह छोड़ना, मसूड़ों की जड़ों में गैप आना, दांतों का हिलना जैसे लक्षण पाए जाते हैं. डॉ. बलराम चौधरी ने बताया कि आम धारणा है कि पायरिया होने पर लोग ब्रश करने से कतराते हैं. जबकि, ब्रश करने से दांतों में जमा पायरिया साफ होता है.

पढ़ें : Ajmer Health Tips: बिना सर्जरी के 'स्लिप डिस्क' से निजात सम्भव, जानिए क्या है इलाज

डॉ. बलराम चौधरी ने कहा कि अकल दाढ़ के लक्षणों में रोगी को गाल काटना, आगे की दाढ़ को खराब करना, मसूड़े फूलना, सूजन आना और मुंह खोलने में दिक्कत होना है. उन्होंने बताया कि गुटखा सुपारी खाने वाले लोगों के दांत धीरे-धीरे घिसने और तड़कने लगते है.कई बार तो समस्या इतनी बड़ी हो जाती है कि एक ही दांत कई जगह से टूटने लगता है.

दांत में आता है कालापन : डॉक्टर ने कहा कि बच्चों में नर्सिंग केरिस (डेढ़े मेढ़े दांत) की समस्या भी ज्यादा देखने को मिलती है. इसमें बच्चों के दांत में कालापन आना शुरू होता है. इस कारण दांत खिरने लगते है. महिलाओं में भी यह समस्या होती है. डॉ. चौधरी बताते हैं कि बच्चों में ब्रशिंग की आदत डालनी चाहिए. रात को सोने से पहले ब्रश करना दातों की सेहत के लिए जरूरी है. ऐसा नहीं करने पर छोटे बच्चों में दांत खिरने (दांत टूटने) की समस्या बढ़ती जाती है.

पढ़ें : Health tips for influenza: साधारण जुखाम भी हो सकता है इन्फ्लूएंजा, जानिए इस संक्रामक रोग से बचने के टिप्स

टेढ़े मेढ़े दांत की समस्या : डॉ. बलराम चौधरी बताते हैं कि कई लोगों को टेढ़े मेढ़े दांतों की समस्या होती है. समय रहते इनका इलाज संभव है. बेरेसीज से तारबंदी कर टेढ़ी-मेढ़ी दातों का उपचार किया जाता है. उन्होंने बताया कि टेढ़े मेढ़े दांतों की वजह से चेहरे की सुंदरता पर प्रभाव पड़ता है. दांतों के व्यवस्थित होने से चेहरे की सुंदरता भी बढ़ जाती है.

इन बातों का रखें ध्यान : जेएलएन अस्पताल के दंत चिकित्सा विभागाध्यक्ष ने बताया कि दांतों की देखभाल करना आवश्यक है. इसके लिए दांतों को साफ रखना जरूरी है. सुबह और शाम को दांतों को नियमित रूप से ब्रश करना चाहिए. बच्चों को भी ब्रश करने की आदत डलवानी चाहिए. इसके अलावा साल में दो बार अपने दांतों का चेकअप दंत चिकित्सक से जरूर करवाएं. उन्होंने बताया कि दांत में गैप आने पर उसमें फिलिंग जरूर करवाए.

दंत चिकित्सक से जानिए हेल्थ टिप्स

अजमेर. भोजन को पचाने के लिए जरूरी है कि भोजन को खूब चबा कर खाया जाए. भोजन को चबाने के लिए हमारे दांतों का स्वस्थ होना बहुत जरूरी है. हेल्थ टिप्स में आज बात करेंगे दांतों और उनमें होने वाली बीमारियों के बारे में. अजमेर संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल में दंत चिकित्सा विभाग के अध्यक्ष डॉ. बलराम चौधरी से चलिए जानते हैं दांतों की समस्याओं को लेकर हेल्थ टिप्स क्या हैं.

जेएलएन अस्पताल के दंत चिकित्सा विभागाध्यक्ष डॉ. बलराम चौधरी ने बताया कि भोजन को खाने में सबसे बड़ी भूमिका दांतों की होती है. भोजन को दांतों से चबाने पर उसका स्वाद मिल पाता है. वहीं, चबाने की प्रक्रिया में भोजन के साथ मुंह की लार मिलने से पाचन में भी सहायता मिलती है. इसलिए दांतों का निरोगी होना बेहत जरूरी है. उन्होंने कहा कि आमतौर पर लोग सुबह दांतों को टूथ पेस्ट से ब्रश करते हैं, लेकिन रात को दांतों को ब्रश नहीं करते हैं. इस कारण हमारे दांतों में भोजन के तत्व फंसे रह जाते हैं. इससे उनको नुकसान पहुंचता है. दांतों को साफ रखने के लिए जरूरी है कि सुबह और रात को सोने से पहले ब्रश किया जाए.

दांतों के रोग और लक्षण : डॉ. बलराम चौधरी बताते हैं कि दांतों में पायरिया, अकल दाढ़ और गुटके सुपारी से दांत घिसने से गिरने और मुंह बंद होने (ओएसएमएफ) की समस्या ज्यादा देखी जाती है. उन्होंने कहा कि पायरिया बीमारी में मसूड़ों से खून आना, मसूड़ों के जगह छोड़ना, मसूड़ों की जड़ों में गैप आना, दांतों का हिलना जैसे लक्षण पाए जाते हैं. डॉ. बलराम चौधरी ने बताया कि आम धारणा है कि पायरिया होने पर लोग ब्रश करने से कतराते हैं. जबकि, ब्रश करने से दांतों में जमा पायरिया साफ होता है.

पढ़ें : Ajmer Health Tips: बिना सर्जरी के 'स्लिप डिस्क' से निजात सम्भव, जानिए क्या है इलाज

डॉ. बलराम चौधरी ने कहा कि अकल दाढ़ के लक्षणों में रोगी को गाल काटना, आगे की दाढ़ को खराब करना, मसूड़े फूलना, सूजन आना और मुंह खोलने में दिक्कत होना है. उन्होंने बताया कि गुटखा सुपारी खाने वाले लोगों के दांत धीरे-धीरे घिसने और तड़कने लगते है.कई बार तो समस्या इतनी बड़ी हो जाती है कि एक ही दांत कई जगह से टूटने लगता है.

दांत में आता है कालापन : डॉक्टर ने कहा कि बच्चों में नर्सिंग केरिस (डेढ़े मेढ़े दांत) की समस्या भी ज्यादा देखने को मिलती है. इसमें बच्चों के दांत में कालापन आना शुरू होता है. इस कारण दांत खिरने लगते है. महिलाओं में भी यह समस्या होती है. डॉ. चौधरी बताते हैं कि बच्चों में ब्रशिंग की आदत डालनी चाहिए. रात को सोने से पहले ब्रश करना दातों की सेहत के लिए जरूरी है. ऐसा नहीं करने पर छोटे बच्चों में दांत खिरने (दांत टूटने) की समस्या बढ़ती जाती है.

पढ़ें : Health tips for influenza: साधारण जुखाम भी हो सकता है इन्फ्लूएंजा, जानिए इस संक्रामक रोग से बचने के टिप्स

टेढ़े मेढ़े दांत की समस्या : डॉ. बलराम चौधरी बताते हैं कि कई लोगों को टेढ़े मेढ़े दांतों की समस्या होती है. समय रहते इनका इलाज संभव है. बेरेसीज से तारबंदी कर टेढ़ी-मेढ़ी दातों का उपचार किया जाता है. उन्होंने बताया कि टेढ़े मेढ़े दांतों की वजह से चेहरे की सुंदरता पर प्रभाव पड़ता है. दांतों के व्यवस्थित होने से चेहरे की सुंदरता भी बढ़ जाती है.

इन बातों का रखें ध्यान : जेएलएन अस्पताल के दंत चिकित्सा विभागाध्यक्ष ने बताया कि दांतों की देखभाल करना आवश्यक है. इसके लिए दांतों को साफ रखना जरूरी है. सुबह और शाम को दांतों को नियमित रूप से ब्रश करना चाहिए. बच्चों को भी ब्रश करने की आदत डलवानी चाहिए. इसके अलावा साल में दो बार अपने दांतों का चेकअप दंत चिकित्सक से जरूर करवाएं. उन्होंने बताया कि दांत में गैप आने पर उसमें फिलिंग जरूर करवाए.

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