अजमेर. पूर्व राजमंत्री और अजमेर दक्षिण से विधायक अनिता भदेल ने प्रदेश में बढ़ रहे महिला अत्याचार के मामलों को लेकर सीएम अशोक गहलोत पर निशाना साधा (Anita Bhadel targets CM Gehlot) है. उन्होंने सीएम गहलोत पर आरोप लगाया कि वह प्रदेश के गृहमंत्री भी हैं लेकिन महिला अत्याचार को रोकने में विफल रहे हैं. साथ ही गहलोत सरकार के मंत्री महिला अत्याचार के मामलों में शर्मनाक बयान देते हैं, जिसका अगामी विधानसभा चुनाव में महिला कांग्रेस को जवाब मिलेगा.
पूर्व राज्य मंत्री अजमेर दक्षिण से विधायक अनिता भदेल ने कहा कि सीएम अशोक गहलोत ने विपक्ष को आरोपित किया है वह हास्यपद है. ऐसा लगता है कि कांग्रेस पार्टी के भीतर अंतर्द्वंद और अंतर्कलह और कुर्सी बचाने की असुरक्षा ने सीएम गहलोत को विचलित कर दिया है. सीएम गहलोत के रेप के ज्यादातर केस फर्जी होते हैं वाले बयान पर भदेल ने कहा कि सीएम गहलोत गलत कह रहे हैं कि 56 फ़ीसदी महिलाएं झूठे मामले दर्ज करवाती है. सीएम गहलोत ने दिल्ली में कहा कि निर्भया कांड के बाद फांसी की सजा का कानून बनने से बच्चियों के रेप के बाद हत्याएं बढ़ गई हैं. अनिता भदेल ने कहा सीएम बलात्कारियों के मनोवैज्ञानिक बन गए हैं. यानी रेप का कानून जिम्मेदार है रेपिस्ट नहीं है. उन्होंने कहा राजस्थान में रेपिस्ट बचाओं आंदोलन चल रहा है. सीएम गहलोत के इस बयान से महिलाएं आहत हैं. कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल ने विधानसभा में कहा कि राजस्थान मर्दों का प्रदेश है इसलिए रेप और गैंगरेप हो रहे हैं.
पढ़ें: दीया कुमारी ने महिला अत्याचार पर गहलोत को घेरा, कहा- जब सांसद सुरक्षित नहीं तो जनता का क्या होगा?
कांग्रेस के नेता देते हैं अजीबोगरीब तर्क: अनिता भदेल ने आगे कहा कि कांग्रेस के नेताओं ने कभी विधानसभा में तो कभी भी मीडिया के समक्ष अपनी ओछी मानसिकता का परिचय देकर पीड़ित लाचार और शोषित नारी का अपमान किया है. उन्होंने कहा कि विपक्ष को कोसने की बजाए यदि कानून व्यवस्था और अपराधों को रोकने का प्रयास किया जाता तो राजस्थान की छवि रेपिस्तान की नहीं बनती. सीएम गहलोत महिला अत्याचार के मामलों में संवेदनशील नहीं है. सीएम होने के साथ ही गहलोत गृहमंत्री भी है. अपराधियों पर पुलिस का किसी भी तरह से नियंत्रण नहीं है. प्रदेश में महिलाओं की आधी आबादी है यानी आधी आबादी महिला मतदाता है. यह आधी आबादी कांग्रेस को चुनाव में बताएगी कि वह झूठ बोलती है या कांग्रेस सरकार और पुलिस अफसर झूठ बोलते हैं.
यह है आंकड़े: उन्होंने बताया कि एनसीआरबी ने 2021 के आंकड़े जारी किए हैं. उसमें देश के अन्य राज्यों की तुलना में राजस्थान में सर्वाधिक 16 फीसदी के लगभग रेप और गैंगरेप के 6337 मामले दर्ज हुए हैं. 2019 से 2021 के आंकड़ों के अनुसार राजस्थान दुष्कर्म के मामले में देश में पहले स्थान पर है. हत्या के मामलों में 75 फीसदी और नकबजनी में 36 फीसदी इजाफा हुआ है. प्रदेश में प्रतिदिन 17 से 18 रेप के मामले दर्ज हो रहे हैं. थानों में दुष्कर्म और छेड़छाड़ के 16 और सरकारी स्कूल में 15 घटना घटित हुई है. भदेल ने बताया कि राजस्थान में रेप के बाद ( 2019 में 31, 2020 में 25 और 2021 में 21 और अगस्त 2022, 14 ) हत्या और दुराचार होने की घटनाएं हुई हैं. उदयपुर संभाग के जनजातीय क्षेत्र में सामूहिक दुराचार के 150 से अधिक मामले दर्ज है.