अजमेर. घटना का सबसे दुखद पहलू यह है कि हादसे के 2 घंटे तक श्रमिकों को चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पाई और एंबुलेंस का इंतजार करते करते एक पिता के सामने झुलसे पुत्र ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया. करीब दो घंटे बाद पहुंची एम्बुलेंस से हादसे के शिकार सभी को राजकीय अस्पताल में लाया गया. जहां पर चिकित्सकों ने भीलवाड़ा निवासी 19 वर्षीय सूरज बंजारा को मृत घोषित कर दिया.
चार अन्य श्रमिक रमेश, मुंशी, विजय सिंह व प्रकाश बंजारा का उपचार जारी है. सूचना मिलने पर गांधीनगर थाना पुलिस भी राजकीय अस्पताल पहुंची और मृतक के शव को मोर्चरी में रखवाया. श्रमिकों ने ठेकेदार के खिलाफ पुलिस शिकायत के बाद पुलिस ठेकेदार की तलाश में जुट गई है. साथ ही इस पूरी घटना ने चिकित्सा व्यवस्था की पोल भी खोल दी है. कुछ माह पूर्व ही सांसद व विधायक कोटे से राजकीय अस्पताल को एक-एक क्रिटिकल एम्बुलेंस दी गई है.
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बावजूद उसके, हादसे के वक्त इस तरह की लापरवाही विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर रही है. अगर एम्बुलेंस मौके पर समय पर पहुंच जाती तो हो सकता था किसी की जिंदगी बच जाती. बरहाल व्यवस्था को सुधारने के सरकारी दावों के बीच असल मे जमीनी हकीकत कुछ और ही है. वहीं, दूसरी ओर देर शाम तक मृतक के परिजन मोर्चरी के बाहर धरना-प्रदर्शन करते रहे और शव नहीं उठाया. परिजन फैक्ट्री मालिक व ठेकेदार से मुआवजे की मांग पे अड़े हैं. मौके पर पुलिस जाप्ता तैनात रहा.