अजमेर. लॉकडाउन में भले ही छूट मिली हो लेकिन धार्मिक स्थलों पर अभी भी बंदी है. मंदिरों के बंद होने से पुष्प विक्रेताओं पर संकट पैदा हो गया है. अगर बात की जाए गुलाब के फूल (Rose flower) की तो पुष्कर के गुलाब के फूल पूरी दुनिया में अपनी खुशबू और खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध हैं. इन फूलों का निर्यात विदेशों में भी किया जाता है. ये गुलाब ब्रह्मा मंदिर के साथ-साथ ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह की भी शोभा बढ़ाते हैं.
लेकिन मौजूदा दौर में सभी धार्मिक स्थलों के साथ-साथ यह दोनों प्रमुख धार्मिक स्थल भी बंद हैं. ऐसे में गुलाब के फूलों का व्यापार करने वाले किसानों (Flower farmers upset) और व्यापारियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. गुलाब के फूलों का व्यापार करने वाले किसान महेंद्र सिंह और हरिशंकर चौहान बताते हैं कि पुष्कर में करीब 1000 बीघा जमीन पर गुलाब की खेती की जाती है. पहले गुलाब के फूल की कीमत 80 रुपए से 120 रुपए प्रति किलो तक पहुंचती थी, लेकिन अब 60 से 65 रुपए प्रति किलो के हिसाब से भी गुलाब के खरीदार नहीं मिल रहे हैं. हालात यह हो चुके हैं कि अब किसान गुलाब के फूलों को तोड़कर सुखाने या फेंकने के लिए मजबूर हो चुके हैं.
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लॉकडाउन की वजह से सभी तरह की सामाजिक आर्थिक गतिविधियां लगभग बंद हैं. यही वजह है कि फूलों के खरीददार नहीं मिल रहे हैं. गुलाब के फूलों का उत्पादन करने वाले किसान भागचंद और महेंद्र बताते हैं कि गुलाब के फूल का उत्पादन करने वाले किसान 20 से 30 रुपए किलो के हिसाब से इसे व्यापारियों को बेच रहे हैं. इसमें से 10 से 20 रुपए तो इसे मंडी तक लाने में ही खर्च हो जाते हैं जिसकी वजह से किसानों को लागत के मुताबिक पैसा नहीं मिल पा रहा.