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कचरे में मिली 50 से अधिक नशीली दवाइयों की शीशियां, नशे के लिए उपयोग करने का संदेह

अजमेर के पुष्कर इलाके में कचरे के ढेर में नशीली दवाइयों की शिशियां मिली हैं, जिनका उपयोग ऑपरेशन के दौरान एनेस्थीसिया में किया जाता है. बाजारों में इसकी बिक्री वर्जित है. साथ ही कोई भी डॉक्टर इस दवा को मरीज के पर्चे में नहीं लिखता.

empty drug bottles found in puskar, पुष्कर में नशिली दवाई की शिशियां
तीर्थ नगरी पुष्कर में नशे का काला कारोबार धड़ल्ले से जारी...
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Published : Dec 5, 2019, 2:16 PM IST

पुष्कर (अजमेर). वर्तमान में देश की युवा पीढ़ी ड्रग्स के नशे के ओर लगातार बढ़ता जा रहा है. ऐसे में युवा नशे के लिए इंजेक्शन और ऑपरेशन में उपयोग होने वाली नशीली दवाओं के उपयोग में भी पीछे नहीं हट रहा है. तीर्थ नगरी पुष्कर में नशे का काला कारोबार तेजी से बढ़ता नजर आ रहा है.

तीर्थ नगरी पुष्कर में नशे का काला कारोबार धड़ल्ले से जारी...

पुष्कर के एक सुनसान इलाके में ऑपरेशन थियटर में एनेस्थीसिया के काम आने वाले एक नशीली दवाई की 50 से अधिक खाली शीशियां एक ही स्थान पर कचरे में पड़ी मिली. उसके बाद इसके नशे के लिए उपयोग में लेने की आशंका जताई जा रही है. क्योंकि इस दवा का उपयोग केवल अस्पतालों में ऑपरेशन के दौरान मरीज को बेसुध करने के लिए किया जाता है.

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साथ ही ये दवाइयां आमतौर पर दवाई की दुकान वाले सभी को देते भी नहीं. इस तरह की नशीली दवाओं को केवल सरकारी और निजी अस्पताल ही उपयोग में लेते हैं. साथ ही कोई भी डॉक्टर ऐसी दवाएं मरीज के पर्चे में भी नहीं लिखता है. ऐसे में सवाल ये भी उठता है कि इतने तादात में नशीली दवा की ये शिशियां किस काम में ली जा रही थी. साथ ही बाजारों में इनकी अवैधानिक बिक्री भी की जा रही है.

पुष्कर राजकीय चिकित्सालय प्रभारी डॉक्टर आर.के. गुप्ता ने बताया कि इसका प्रयोग ऑपरेशन थियटर में मरीज को बेहोश करने के लिये किया जाता है. साथ ही डॉक्टर के प्रेस्क्रिप्शन बिना सरकारी अस्पताल और मेडिकल स्टोर पर इसको नहीं दिया जा सकता. चिकित्सक की माने तो इसका इस्तेमाल नशे के लिए किया जा सकता है.

ये पढ़ेंः Special: जो कभी फटे गद्दों पर सीखते थे जूडो कुश्ती, आज उस सरकारी स्कूल के बच्चे जीत रहे 'मेडल'

वहीं पुष्कर के आम नागरिकों ने चिंता जताते हुए पुष्कर में इस नशे की प्रवति पर रोक लगाने और इसके सौदागरों को बेनकाब करने की अपील प्रशासन से की है. साथ ही इसके भयावह परिणामों को बताते हुए युवाओं को इससे दूरी बनाने की सलाह दी है.

पुष्कर (अजमेर). वर्तमान में देश की युवा पीढ़ी ड्रग्स के नशे के ओर लगातार बढ़ता जा रहा है. ऐसे में युवा नशे के लिए इंजेक्शन और ऑपरेशन में उपयोग होने वाली नशीली दवाओं के उपयोग में भी पीछे नहीं हट रहा है. तीर्थ नगरी पुष्कर में नशे का काला कारोबार तेजी से बढ़ता नजर आ रहा है.

तीर्थ नगरी पुष्कर में नशे का काला कारोबार धड़ल्ले से जारी...

पुष्कर के एक सुनसान इलाके में ऑपरेशन थियटर में एनेस्थीसिया के काम आने वाले एक नशीली दवाई की 50 से अधिक खाली शीशियां एक ही स्थान पर कचरे में पड़ी मिली. उसके बाद इसके नशे के लिए उपयोग में लेने की आशंका जताई जा रही है. क्योंकि इस दवा का उपयोग केवल अस्पतालों में ऑपरेशन के दौरान मरीज को बेसुध करने के लिए किया जाता है.

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साथ ही ये दवाइयां आमतौर पर दवाई की दुकान वाले सभी को देते भी नहीं. इस तरह की नशीली दवाओं को केवल सरकारी और निजी अस्पताल ही उपयोग में लेते हैं. साथ ही कोई भी डॉक्टर ऐसी दवाएं मरीज के पर्चे में भी नहीं लिखता है. ऐसे में सवाल ये भी उठता है कि इतने तादात में नशीली दवा की ये शिशियां किस काम में ली जा रही थी. साथ ही बाजारों में इनकी अवैधानिक बिक्री भी की जा रही है.

पुष्कर राजकीय चिकित्सालय प्रभारी डॉक्टर आर.के. गुप्ता ने बताया कि इसका प्रयोग ऑपरेशन थियटर में मरीज को बेहोश करने के लिये किया जाता है. साथ ही डॉक्टर के प्रेस्क्रिप्शन बिना सरकारी अस्पताल और मेडिकल स्टोर पर इसको नहीं दिया जा सकता. चिकित्सक की माने तो इसका इस्तेमाल नशे के लिए किया जा सकता है.

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वहीं पुष्कर के आम नागरिकों ने चिंता जताते हुए पुष्कर में इस नशे की प्रवति पर रोक लगाने और इसके सौदागरों को बेनकाब करने की अपील प्रशासन से की है. साथ ही इसके भयावह परिणामों को बताते हुए युवाओं को इससे दूरी बनाने की सलाह दी है.

Intro:पुष्कर(अजमेर) तीर्थ नगरी पुष्कर में नशे का काला कारोबार किस तरह धड़ले से फल फूल रहा है इसी की एक बानगी देखने को मिली जहा ऑपरेशन थियटर में काम आने वाले केटामाइन-50 की 50 से अधिक खाली शीशिया एक ही स्थान पर कचरे में पड़ी मिली । जो अपने आप मे इसके अवैधानिक रूप से प्रयोग को साबित करती है । Body:पुष्कर राजकीय चिकित्सालय प्रभारी डॉक्टर आर.के. गुप्ता ने बताया कि इसका प्रयोग ऑपरेशन थियटर में पेशंट को बेहोश करने के लिये किया जाता है । साथ ही डॉक्टर के प्रेस्क्रिप्शन बिना सरकारी अस्पताल और मेडिकल स्टोर पर इसको नही दिया जा सकता। अब सवाल यह उठता है कि पंचकुंड रोड़ पर कचरे के ढेर में इतनी बड़ी संख्या में इस का इस्तेमाल किस कामं में किया जा रहा है। चिकित्सक की माने तो इसका इस्तेमाल नशे के लिए किया जा सकता है।

बाइट--डॉ.आर.के. गुप्ता,प्रभारी, राजकीय चिकित्सालय पुष्कर


--वही पुष्कर के आम नागरिकों ने चिंता जताते हुए पुष्कर में इस नशे की प्रवति पर रोक लगाने और इसके सौदागरों को बेनकाब करने की अपील प्रशासन से की है । साथ ही इसके भयावय परिणामो को बताते हुए युवाओ को इससे दूरी बननी की सलाह दी है ।

बाइट--अमित भट्ट,सामाजिक कार्यकर्ता
बाइट--रामरत्नाचार्य, स्थानीय नागरिक

-- गौरतलब है कि अरसे से पुष्कर में नशे का काला कारोबार धड़ले से जारी है । देखना होगा कि पुलिस प्रशासन कितने हद तक युवाओ की नसों में घुलते जहर पर रोक लगा पाता है । Conclusion:
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