अजमेर. शहर में बंगाली समाज से जुड़े लोगों की काफी संख्या है. यहां के कचहरी रोड स्थित बंगाली धर्मशाला में नवरात्रि पर्व की तैयारियां चल रही हैं. इसके लिए महिषासुर मर्दिनी की भव्य प्रतिमा का निर्माण किया जा रहा है. 92 साल से बंगाल के कारीगर यहां आकर दुर्गा प्रतिमा का निर्माण कर रहे है.
कारीगर तरुण कुंडू की तीसरी पीढ़ी है, जो यहां नवरात्र के पावन अवसर पर दुर्गा माता की प्रतिमा को बनाते है. इस परिवार की बनाई हुई मूर्तियां यहां के लोगों को भी काफी आकर्षित करती है. यही वजह है कि अब कुंडू का परिवार वर्षों से बंगाली धर्मशाला में आकर प्रतिमा की मांग के अनुसार प्रतिमा का निर्माण कर रहे हैं.
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बंगाली धर्मशाला के प्रबंधक दिनेश गोस्वामी बताते हैं कि बंगाली कारीगर समाज के लिए महिषासुर मर्दिनी की प्रतिमा तो बनाते ही हैं. साथ ही साथ सिंह वाहिनी दुर्गा, गणेश, लक्ष्मी और सरस्वती की प्रतिमाएं भी बनाते है. गोस्वामी ने बताया कि इन मूर्तियों की सबसे खास बात यह है कि ये सब प्रतिमाएं मिट्टी और घास से बनी हुई है. जो पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचाती है.
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गौरतलब है कि राजस्थान में माता के सिंह वाहिनी दुर्गा रूप को पूजा जाता है. लिहाजा बंगाली कारीगरों ने माता का उसी स्वरूप की प्रतिमा का निर्माण करते हैं. खास बात यह है कि इन प्रतिमाओं में बंगाली परंपरा के अनुसार माता का श्रंगार किया जाता है, जो स्थानीय लोगों को भी खूब पसंद आता है.