अजमेर. दो करोड़ रुपये रिश्वत मांगने के मामले में आरोपी दिव्या मित्तल के वॉयस टेस्ट को लेकर एसीजेएम कोर्ट में लगाई गई अर्जी पर बुधवार को बहस हुई. एसीबी ने सुप्रीम कोर्ट के एक केस रितेश बनाम सरकार का हवाला देकर दिव्या मित्तल को वॉयस सैंपल देने के लिए आदेशित करने की मांग की. जबकि आरोपी पक्ष ने वॉयस सैंपल लेने का कोई भी विधिक प्रावधान नहीं होने का हवाला दिया. कोर्ट ने 10 फरवरी को अगली सुनवाई रखी है.
अजमेर एसीजेएम कोर्ट में सुनवाई के दौरान न्यायिक अभिरक्षा से पेशी के लिए दिव्या मित्तल को नहीं लाया गया. हालांकि, दिव्या मित्तल की ओर से उनके वकील प्रीतम सिंह सोनी ने कोर्ट में जिरह की. वहीं, एसीबी की ओर से डीएसपी मांगीलाल कोर्ट में मौजूद रहे. एसीबी की ओर से कोर्ट में दिव्या मित्तल के वॉयस टेस्ट के लिए सुप्रीम कोर्ट के एक मुकदमे रितेश सिन्हा बनाम सरकार का हवाला दिया गया और कोर्ट से दिव्या मित्तल के वॉयस सैंपल लेने की अनुमति मांगी है. दिव्या मित्तल के वकील प्रीतम सिंह सोनी ने बताया कि एसीबी का मुख्य तर्क रितेश सिन्हा बनाम सरकार केस था.
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केस का हवाला देते हुए एसीबी ने कोर्ट में दलील रखी कि कोर्ट आरोपी को आवाज का नमूना देने के लिए आदेशित कर सकता है. आरोपी पक्ष की ओर से तर्क दिया गया कि रितेश सिन्हा केस में आदेश संबंधित आरोपी पर लागू होता है. यह आदेश सभी के लिए नहीं है. इस तरह के कई न्यायिक दृष्टांत कोर्ट में पेश किए गए, साथ ही कोर्ट में तर्क रखा गया कि आर्टिकल 142 के तहत कोर्ट ऐसा कोई भी आदेश पारित नहीं कर सकता, जो न्याय के विपरीत हो. आरोपी पक्ष की ओर से यह भी तर्क रखा कि सीआरपीसी एवं एविडेंस एक्ट में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जिसमें किसी भी आरोपी को उसकी आवाज का नमूना जांच के लिए देने के लिए बाध्य किया जा सके. कोर्ट ने दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद अगली सुनवाई 10 फरवरी को रखी है.
यह है पूरा मामला : एनडीपीएस एक्ट के मामले में अजमेर एसओजी की निलंबित एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल अनुसंधान अधिकारी थीं. मामले में एक आरोपी ने दिव्या मित्तल पर 2 करोड़ रुपये की घूस की डिमांड करने के आरोप में जयपुर एसीबी को शिकायत दी थी. जयपुर एसीबी ने शिकायत का सत्यापन करवाया, जिसमें दिव्या मित्तल और उसके एक दलाल सुमित कुमार का नाम सामने आया. दिव्या मित्तल के कहने पर सुमित कुमार ने परिवादी को उदयपुर में हिल व्यू रिसोर्ट बुलाया और धमकाया. जहां पर एसीबी ने पहले से ही जाल बिछा रखा था. लेकिन दलाल सुमित कुमार को भनक लग गई और वह मौके से फरार हो गया.
इस कारण एसीबी का ट्रैप फेल हो गया था. इसके बाद एसीबी ने कोर्ट से वारंट जारी कर बात कर एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल के अजमेर एसओजी कार्यालय और फ्लैट समेत उदयपुर झुंझुनू और जयपुर में उनके पांच ठिकानों पर सर्च की कार्रवाई की थी. दिव्या मित्तल को अजमेर में जयपुर रोड स्थित एआरजी से उनके फ्लैट से गिरफ्तार किया गया था. एसीबी ने एसीजेएम कोर्ट में दिव्या मित्तल की वॉयस टेस्टिंग के लिए उसकी आवाज के सैंपल लेने की अनुमति लेने के लिए अर्जी लगाई थी.
दरअसल, एसीबी के पास दलाल सुमित कुमार और परिवादी के बीच हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग है. इस दरमियान दलाल सुमित कुमार ने तत्कालीन एसओजी की एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल से भी फोन पर बात करवाई थी. ऐसे में परिवादी ने दिव्या मित्तल की आवाज सुनी है. एसीबी रिकॉर्डिंग की पुष्टि के लिए ही दिव्या मित्तल की आवाज के नमूने जांच के लिए लेना चाहती है. बता दें कि मामले में दलाल पुलिस का बर्खास्त सिपाही सुमित कुमार अब भी एसीबी की पकड़ से दूर है.