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Divya Mittal Voice Test Case: आरोपी पक्ष ने लगाई प्रारंभिक आपत्तियां, अब 8 को होगी सुनवाई

दो करोड़ रुपए रिश्वत मांगने के मामले में कोर्ट में 2 फरवरी को सुनवाई हुई. आरोपी पक्ष की तरफ से प्रारंभिक आपत्तियां लगाई गई, जिसके बाद 8 फरवरी को सुनवाई की तारीख दी गई है.

Divya Mittal Voice Test Case
दिव्या मित्तल के वॉइस टेस्ट पर सुनवाई का मामला
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Published : Feb 2, 2023, 3:36 PM IST

दिव्या मित्तल के वॉइस टेस्ट पर सुनवाई का मामला

अजमेर. दिव्या मित्तल के वॉइस टेस्ट को लेकर एसीबी की अर्जी पर एसीजेएम कोर्ट संख्या 1 में गुरुवार को सुनवाई हुई. आरोपी पक्ष की ओर से अर्जी पर आपत्तियां लगाई गई. इस मामले पर कोर्ट अब 8 फरवरी को सुनवाई करेगा. बता दें कि दिव्या मित्तल न्यायिक अभिरक्षा में हैं. शुक्रवार को उन्हें एसीबी की विशेष कोर्ट में पेश किया जाएगा. दिव्या मित्तल पर दो करोड़ की घूस मांगने का आरोप है.

दिव्या मित्तल के वकील ने क्या कहा जानिए: वकील प्रीतम सोनी ने बताया कि सीजेएम में एसीबी ने दिव्या मित्तल के वॉइस टेस्ट के लिए अर्जी लगाई थी. सीजेएम कोर्ट ने एसीजेएम कोर्ट संख्या 1 को अर्जी स्थानांतरित कर दी. अर्जी पर दिव्या मित्तल की ओर से प्रारंभिक आपत्तियां पेश की गई. वकील सोनी ने बताया कि एसीबी की ओर से लगाई गई अर्जी किस प्रावधान के तहत लगाई गई वह स्पष्ट नहीं है. दूसरी आपत्ति यह थी कि सीजेएम ने किन शक्तियों के तहत यह अर्जी एसीजेएम को स्थानांतरित की है.

पढ़ें: Divya Mittal Bribery Case : अजमेर एसीबी कोर्ट ने 3 फरवरी तक भेजा न्यायिक अभिरक्षा में

उन्होंने कहा कि मामला एसीबी कोर्ट में है और उसका मजिस्ट्रेट जिला न्यायाधीश होता है. ट्रायल के लिए वह जिला न्यायधीश और ट्रायल से पहले वह मजिस्ट्रेट की शक्तियों का उपयोग करता है. एसीबी की अर्जी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विशेष कोर्ट में पेश होनी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि एसीजेएम कोर्ट में अर्जी पेश नहीं की जानी थी. तीसरी आपत्ति यह थी कोई भी मजिस्ट्रेट साक्ष्य एकत्रित करने के लिए टूल नहीं बन सकते हैं. मामले में जैसे ही चार्जशीट पेश होगी मजिस्ट्रेट का काम ट्रायल करना और निष्पक्ष जजमेंट देना है.

उन्होंने कहा कि एसीबी के पास झूठी सीडी है. उसकी नकल और ट्रांसस्क्रिप्ट आरोपी पक्ष को भी उपलब्ध करवाई जाए, ताकि उसका अध्ययन कर आरोपी पक्ष की ओर से जवाब पेश किया जा सके. वकील प्रीतम सोनी ने बताया कि सुनवाई के दौरान एसीबी के डीएसपी मांगीलाल कोर्ट में उपस्थित थे. उन्होंने कहा कि दिव्या मित्तल को शुक्रवार को एसीबी कोर्ट में पेश किया जाएगा.

पढ़ें: Corrupt ASP दिव्या मित्तल को सम्मानित करने वाली थी SOG, निलंबित हुईं, तो बदला फैसला...

पूरे मामले को जानिए: एनडीपीएस एक्ट के मामले में अजमेर एसओजी की एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल अनुसंधान अधिकारी थी. मामले में एक आरोपी ने दिव्या मित्तल पर 2 करोड़ रुपए की घूस की डिमांड करने के आरोप में जयपुर एसीबी को शिकायत दी थी. जयपुर एसीबी ने शिकायत का सत्यापन करवाया जिसमें दिव्या मित्तल और उसके एक दलाल सुमित कुमार का नाम सामने आया. दिव्या मित्तल के कहने पर सुमित कुमार ने परिवादी को उदयपुर में हिल व्यू रिसोर्ट बुलाया. जहां पर एसीबी ने पहले से ही जाल बिछा रखा था, लेकिन दलाल सुमित कुमार को भनक लग गई और वह मौके से फरार हो गया.

इसके बाद एसीबी ने कोर्ट से वारंट जारी करवाकर एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल के अजमेर एसओजी कार्यालय और फ्लैट समेत उदयपुर झुंझुनू और जयपुर में उनके पांच ठिकानों पर सर्च की कार्रवाई की. दिव्या मित्तल को अजमेर में जयपुर रोड स्थित एआरजी स्थित उनके फ्लैट से गिरफ्तार किया गया था. फिलहाल दिव्या मित्तल 3 फरवरी तक न्यायिक अभिरक्षा में हैं.

दिव्या मित्तल के वॉइस टेस्ट पर सुनवाई का मामला

अजमेर. दिव्या मित्तल के वॉइस टेस्ट को लेकर एसीबी की अर्जी पर एसीजेएम कोर्ट संख्या 1 में गुरुवार को सुनवाई हुई. आरोपी पक्ष की ओर से अर्जी पर आपत्तियां लगाई गई. इस मामले पर कोर्ट अब 8 फरवरी को सुनवाई करेगा. बता दें कि दिव्या मित्तल न्यायिक अभिरक्षा में हैं. शुक्रवार को उन्हें एसीबी की विशेष कोर्ट में पेश किया जाएगा. दिव्या मित्तल पर दो करोड़ की घूस मांगने का आरोप है.

दिव्या मित्तल के वकील ने क्या कहा जानिए: वकील प्रीतम सोनी ने बताया कि सीजेएम में एसीबी ने दिव्या मित्तल के वॉइस टेस्ट के लिए अर्जी लगाई थी. सीजेएम कोर्ट ने एसीजेएम कोर्ट संख्या 1 को अर्जी स्थानांतरित कर दी. अर्जी पर दिव्या मित्तल की ओर से प्रारंभिक आपत्तियां पेश की गई. वकील सोनी ने बताया कि एसीबी की ओर से लगाई गई अर्जी किस प्रावधान के तहत लगाई गई वह स्पष्ट नहीं है. दूसरी आपत्ति यह थी कि सीजेएम ने किन शक्तियों के तहत यह अर्जी एसीजेएम को स्थानांतरित की है.

पढ़ें: Divya Mittal Bribery Case : अजमेर एसीबी कोर्ट ने 3 फरवरी तक भेजा न्यायिक अभिरक्षा में

उन्होंने कहा कि मामला एसीबी कोर्ट में है और उसका मजिस्ट्रेट जिला न्यायाधीश होता है. ट्रायल के लिए वह जिला न्यायधीश और ट्रायल से पहले वह मजिस्ट्रेट की शक्तियों का उपयोग करता है. एसीबी की अर्जी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विशेष कोर्ट में पेश होनी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि एसीजेएम कोर्ट में अर्जी पेश नहीं की जानी थी. तीसरी आपत्ति यह थी कोई भी मजिस्ट्रेट साक्ष्य एकत्रित करने के लिए टूल नहीं बन सकते हैं. मामले में जैसे ही चार्जशीट पेश होगी मजिस्ट्रेट का काम ट्रायल करना और निष्पक्ष जजमेंट देना है.

उन्होंने कहा कि एसीबी के पास झूठी सीडी है. उसकी नकल और ट्रांसस्क्रिप्ट आरोपी पक्ष को भी उपलब्ध करवाई जाए, ताकि उसका अध्ययन कर आरोपी पक्ष की ओर से जवाब पेश किया जा सके. वकील प्रीतम सोनी ने बताया कि सुनवाई के दौरान एसीबी के डीएसपी मांगीलाल कोर्ट में उपस्थित थे. उन्होंने कहा कि दिव्या मित्तल को शुक्रवार को एसीबी कोर्ट में पेश किया जाएगा.

पढ़ें: Corrupt ASP दिव्या मित्तल को सम्मानित करने वाली थी SOG, निलंबित हुईं, तो बदला फैसला...

पूरे मामले को जानिए: एनडीपीएस एक्ट के मामले में अजमेर एसओजी की एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल अनुसंधान अधिकारी थी. मामले में एक आरोपी ने दिव्या मित्तल पर 2 करोड़ रुपए की घूस की डिमांड करने के आरोप में जयपुर एसीबी को शिकायत दी थी. जयपुर एसीबी ने शिकायत का सत्यापन करवाया जिसमें दिव्या मित्तल और उसके एक दलाल सुमित कुमार का नाम सामने आया. दिव्या मित्तल के कहने पर सुमित कुमार ने परिवादी को उदयपुर में हिल व्यू रिसोर्ट बुलाया. जहां पर एसीबी ने पहले से ही जाल बिछा रखा था, लेकिन दलाल सुमित कुमार को भनक लग गई और वह मौके से फरार हो गया.

इसके बाद एसीबी ने कोर्ट से वारंट जारी करवाकर एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल के अजमेर एसओजी कार्यालय और फ्लैट समेत उदयपुर झुंझुनू और जयपुर में उनके पांच ठिकानों पर सर्च की कार्रवाई की. दिव्या मित्तल को अजमेर में जयपुर रोड स्थित एआरजी स्थित उनके फ्लैट से गिरफ्तार किया गया था. फिलहाल दिव्या मित्तल 3 फरवरी तक न्यायिक अभिरक्षा में हैं.

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