अजमेर. एसओजी की निलंबित एडिशनल एसपी बुधवार को अजमेर केंद्रीय कारागार जेल से जमानत पर रिहा कर दी गई है. जेल से छूटने के बाद दिव्या मित्तल ने राहत की सांस ली. वह अपने परिचित की कार में बैठकर रवाना हो गई.
अपर जिला एवं सेशन न्यायालय ने 10 अप्रैल को दिव्या मित्तल को सशर्त जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए थे. 11 अप्रैल को महात्मा ज्योतिबा फुले जयंती के उपलक्ष में राज्य सरकार की ओर से सार्वजनिक अवकाश घोषित किए जाने के कारण दिव्या मित्तल को मंगलवार को जेल में रहना पड़ा. इसके बाद दिव्या मित्तल बुधवार को अजमेर केंद्रीय कारागार परिसर में महिला जेल से रिहा हो गई.
जेल से रिहा होने के बाद दिव्या मित्तल के चेहरे पर खुशी नजर आई. दरअसल 2 करोड़ रुपए के घुस प्रकरण में दिव्या मित्तल को 76 दिन बाद हाई कोर्ट से जमानत मिली थी. लेकिन जेल से बाहर आते ही उसे एनडीपीएस एक्ट मामले में एसओजी ने गिरफ्तार कर लिया था. 1 अप्रैल को दिव्या मित्तल को गिरफ्तार किया गया था. 4 अप्रैल को दिव्या मित्तल को अपर जिला एवं सेशन न्यायालय ने 18 अप्रैल तक के लिए न्यायिक अभिरक्षा में भेजा था. 4 अप्रैल को ही दिव्या मित्तल की ओर से जमानत अर्जी पेश की गई थी.
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5 अप्रैल को जमानत अर्जी पर सुनवाई हुई. दोनों पक्षों के बीच बहस सुनने के बाद कोर्ट ने 10 अप्रैल को अगली सुनवाई रखी थी. इस दिन आरोपी पक्ष के वकील की दलील से सहमत होकर कोर्ट ने दिव्या मित्तल को सशर्त जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए थे. जमानत पर रिहा होने के बाद दिव्या मित्तल कार में बैठकर रवाना हो गई.
यह था मामला : 2 करोड़ रुपए के घुस प्रकरण में दिव्या मित्तल को 16 जनवरी को जयपुर एसीबी ने गिरफ्तार किया था. दिव्या मित्तल पर आरोप था कि रामगंज थाने में दो और अलवर गेट थाने में एक एनडीपीएस एक्ट के मुकदमे में वह अनुसंधान अधिकारी थी. अजमेर एसओजी की एडिशनल एसपी रहते हुए वह मुकदमे की तीनों फाइल पर अनुसंधान कर रही थी. मुख्य अभियुक्त का नाम मुकदमे से हटाने की एवज में दलाल पुलिस के बर्खास्त सिपाही सुमित कुमार से उसने परिवादी से 2 करोड़ रुपए घूस मांगी थी. आरोप है कि परिवादी ने एसीबी को मामले की शिकायत की थी. मामले के सत्यापन में दिव्या मित्तल और दलाल की रिकॉर्डिंग और अन्य तथ्य एसीबी के पास थे, लेकिन मामले में भनक लगने पर दलाल सुमित कुमार उदयपुर से फरार हो गया. बता दें कि परिवादी को दिव्या मित्तल ने उदयपुर दलाल सुमित कुमार के पास सौदा करने के लिए भेजा था.