अजमेर. कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा गुरुवार को अजमेर दौरे पर रहे. उन्होंने अजमेर क्लब में प्रेसवार्ता करते हुए बीजेपी पर तीखा हमला बोला है. खेड़ा ने कहा कि गहलोत सरकार ने राजस्थान में जो योजनाएं लागू की हैं, उनकी चर्चा देश में ही नहीं बल्कि विश्व में हो रही है. उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी भी अपने अधिकारियों को बुलाकर डांटते हैं कि जब राजस्थान सरकार यह सब कर सकती है तो हम ऐसा क्यों नही कर सकते.
उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि केंद्र में डेढ़ लोगों की सरकार चल रही है. 5 वर्ष में राजस्थान में जो कुछ भी हुआ वह 9 वर्ष में भी केंद्र की बीजेपी सरकार नहीं कर पाई. बीजेपी में पांच बड़े नेता हैं तो 6 गुट हैं. खेड़ा ने तंज कसते हुए कहा कि पीएम मोदी आयुष्मान कहते हैं और राजस्थान से आवाज आती है चिरंजीवी योजना हमारे पास. राजस्थान का इतिहास उठाकर देखेंगे तो राजस्थान ने हमेशा दिल्ली को झुकाया है.
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आगामी योजनाओं की दे रहे गारंटीः पवन खेड़ा ने कहा कि आने वाले चुनाव में 5 वर्ष की उपलब्धियां लेकर जाएंगे. साथ ही आगामी योजनाओं के क्रियान्वयन कि गारंटी भी दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि गारंटी वह शब्द है, जिससे हम बचपन से वाकिफ हैं. टीवी, फ्रिज खरीदने जाते हैं तो पहले पूछते है कितना चलेगा, इसकी क्या गारंटी है. खेड़ा ने कहा कि सरकार जनता चुनने जा रही है तो गारंटी तो लेनी चाहिए. उन्होंने कहा कि बीजेपी के नेताओं की बातों को पहले लोग गंभीरता से लेते थे, लेकिन चुनाव जीतने के बाद कह रहे हैं कि वह जुमला था. इसलिए वादों को लोग जुमला मानने लगे है, इसलिए कांग्रेस संकल्प, गारंटी शब्द लेकर आई है.
कांग्रेस गारंटी के बिनाह पर वोट मांगेगीः प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि वोट मांगने के दो तरीके हैं. एक जिसमें समाज में नफरत, विवाद और गुस्सा पैदा करें, यह अंग्रेजों का तरीका है डिवाइड एंड रूल्स और दूसरा तरीका है कि हमने यह काम किए हैं और हम यह काम करेंगे. कांग्रेस आने वाली पीढ़ी के बारे में सोच रही है. उन्होंने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार ने संवाद स्थापित किया, विवाद स्थापित नहीं किया. कांग्रेस आने वाली पीढ़ी के लिए चिंतित है. उन्होंने कहा कि कोविड के बावजूद राजस्थान सरकार का ट्रैक देखें तो 1 लाख 65 हजार नौकरियां दी गई और उससे पहले वसुंधरा सरकार थी तब कोई कोविड नहीं था और न ही कोई बहाना, उसके बाद भी 1 लाख 45 हजार से अधिक लोगों को रोजगार नहीं दे पाए. पवन खेड़ा ने कहा कि रिक्तियों को भरना बड़ा आवश्यक है. उस दिशा में भी गहलोत सरकार के नम्बर 10 में से 10 होंगे. नौजवानों के लिए कांग्रेस विशेष चिंतित रहती है. उन्होंने कहा कि तवे पर रोटी यदि कच्ची रह जाए तो बदहजमी हो जाती है. इसलिए जरूरी है कि रोटी को पूरा सिंकने दैं, उसको पलटना अच्छा नहीं होता. अभी रोटी को पलटने का समय नहीं आया है. रोटी को गर्म तवे पर रहने दीजिए. 5 वर्ष रोटी को पकने के लिए चाहिए, तब विकास की रोटी पूरी तरह पक जाएगी.
खेड़ा ने उठाया जीएसटी का मुद्दाः खेड़ा ने आरोप लगाया कि जीएसटी का हिस्सा केंद्र सरकार राज्यों को नहीं देती है. जीएसटी संवैधानिक व्यवस्था है. मोदी सरकार चाहती है कि राज्य अपना हक देते चले जाएं और हम हक मारते जाएं. उन्होंने कहा कि ऐसे में कैसे राहत के कार्य होंगे. केंद्र सरकार को इसकी टोपी उसके सिर की बीमारी हो गई है. उन्होंने कहा कि 26 लाख करोड़ रुपए केंद्रीय टैक्स से पेट्रोल डीजल पर केंद्र सरकार कमा चुकी है, वो राहत उपभोक्ता को क्यों नहीं दी गई. उन्होंने कहा कि मनमोहन सरकार में अंतरराष्ट्रीय क्रूड ऑयल की कीमतें क्या थी, यह सबको पता है और आज क्या है. उस दौरान 70-71 रुपए पेट्रोल की कीमत होती थी, तब बीजेपी के लोग सड़क पर आ जाते थे और अब 100 रुपए से अधिक कीमत हो गई है तो बहाने बना रहे हैं. खेड़ा ने कहा कि बीजेपी के पास एक भी ऐसा बहाना नहीं रह गया है, जिसके पीछे वह छुप सके.
अडाणी टैक्स लेती है मोदी सरकारः खेड़ा ने बिजली की बढ़ती दरों को लेकर बीजेपी के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि इंडोनेशिया से सस्ता कोयला भारत आता है, उसकी कीमतें दुगनी हो जाती है. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि बड़े साहब के दोस्त हैं और सरकार का रिमोट अपने हाथ में रखते हैं. इसलिए इसको अडाणी टैक्स कहा जाता है.
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लाल डायरी खोलें तो सही बहुत निकलेगा उसमेंः बातचीत में कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि बीजेपी में हिम्मत है तो लाल डायरी खोलें और बताएं कि संजीवनी के बारे में क्या लिखा है. साथ ही उस वक्त क्या खरीद फरोख्त हो रही थी. उन्होंने कहा कि लाल डायरी खोलें तो अपने साथ लाल सिलेंडर जरूर रखें. खेड़ा ने कहा कि खींचतान लोकतंत्र के लिए अच्छी है. यह सभी पार्टियों में होती है. इससे सरकारों पर दबाव रहता है.
महिला आरक्षण पर यह बोले खेड़ाः कांग्रेस राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि महिला आरक्षण को लागू क्यों नहीं किया गया, केंद्र सरकार को किसने रोका था?. 20 वर्ष बाद महिला आरक्षण लागू होगा. कांग्रेस के पास संख्या बल नहीं होने के बावजूद एक सदन से उसे पारित करवाया था और वह बिल जिंदा था. उस बिल को बीजेपी की केंद्र सरकार इस सदन से भी पारित करवा लेती तो बिल लागू हो जाता. इसमें केवल नियत बताती है कि बीजेपी सरकार को ध्यान भटकना था और हैडलाइन मैनेजमेंट करना था.