अजमेर. धार्मिक और तीर्थ नगरी अजमेर में धार्मिक सद्भाव की मिसाल देता रहता (Church ready for celebration in Ajmer) है. यहां कई धर्म के प्रमुख धार्मिक स्थल हैं. इनमें मसीह समाज के ऐतिहासिक और प्राचीन चर्च आज भी अपनी खूबसूरती के चलते लोगों को आकर्षित (Ajmer Church decorated for Christmas) करते हैं. रविवार को क्रिसमस हर्षोलास से मनाया जाएगा, उससे पहले अजमेर के सभी प्राचीन चर्चो की इमारतों को रोशनी से सजाया गया है. वहीं चर्च के भीतर भी शानदार डेकोरेशन किया गया है. मसीह समाज के लोग घरों को साफ कर सजा रहे हैं.
देश और दुनिया में क्रिसमस का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. क्रिसमस से कई दिनों पहले ही तैयारियां जोर शोर से की जाती हैं. धार्मिक पर्यटन नगरी अजमेर में भी क्रिसमस पर्व को लेकर (Christ Society Christmas in Ajmer) विशेष तैयारियां की जा रही हैं. कई चर्च समितियां क्रिसमस पर सार्वजनिक मेला आयोजित करती हैं. अजमेर में एक दर्जन से भी ज्यादा प्राचीन चर्च हैं जो अलग-अलग धड़े से जुड़े हुए हैं. इनमें छह चर्च काफी चर्चित और प्रमुख हैं. इनकी खूबसूरत इमारतें आज भी बुलंदी से खड़ी हुई हैं.
क्रिसमस से पहले चर्च की खूबसूरत इमारतों पर रोशनी की गई है. रात के वक्त चर्च की इमारतें अपनी खूबसूरती से लोगों को आकर्षित कर रही हैं. मसीह समाज के लोग क्रिसमस धूमधाम से मनाने के लिए काफी उत्साहित हैं. समाज के लोग क्रिसमस पर्व मनाने को आध्यात्मिक ,धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से तैयारी में जुटे हैं. चर्चों के भीतर शानदार डेकोरेशन की गई है. वहीं घरों में भी क्रिसमस ट्री, छोटे रूप में गौशालाओ की झाकियां बना रहे हैं. साथ ही मेहमानों की आवभगत करने के लिए केक और अन्य व्यंजन बन रहे हैं.
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कैरोल सांग से देते हैं प्रभु यीशु के आगमन की सूचनाः क्रिसमस से 15 दिन पहले ही युवाओं की टोलियां गली मोहल्लों में जाकर प्रभु यीशु के आगमन की सूचना कैरोल सांग के माध्यम से देने लगते हैं. देर रात तक युवाओं की टोलियां मसीही समाज के लोगों के घरों पर जाती हैं. समाज के लोग भी इन टोलियों का स्वागत करते हैं और उनका मुंह मीठा करवाते हैं.
पुराने और ऐतिहासिक चर्च हैं मौजूदः अजमेर को राजस्थान की हृदय स्थली कहा जाता है. देश में अंग्रेजी हुकूमत के वक्त अजमेर को छावनी बनाया गया था. अंग्रेज हुकूमत के वक्त अजमेर केंद्र शासित प्रदेश रहा है. यही वजह है कि यहां रोजगार की दृष्टि से रेलवे कारखाने और शिक्षण संस्थाओं (Christmas preparations in Ajmer) का काफी अच्छा विकास हुआ. अजमेर अंग्रेजों के लिए पसंदीदा शहर था. यही वजह है कि बड़ी संख्या में अजमेर में चर्च बनाए गए. कई चर्च तो 175 वर्ष से भी अधिक पुराने हैं, जिनकी इमारतें आज भी बुलंद और खूबसूरत हैं.
इनमें आगरा गेट स्थित रॉब्सन मेमोरियल कैथेड्रल चर्च, (Corona free Christmas in Ajmer) सैंट एनसलम चर्च, जयपुर रोड स्थित सेंट्रल मेथोडिस्ट चर्च, पाल बिचला स्थित सेंट मैरी चर्च, नसीराबाद रोड चर्च शामिल है. अजमेर जिले की बात की जाए तो ब्यावर और टॉडगढ़ में सबसे पुराने चर्च है. अजमेर में मौजूद सभी चर्च अलग-अलग धड़े से हैं. लेकिन सबका मकसद है अमन, शांति और सद्भाव है. बच्चों और युवाओं में क्रिसमस को लेकर काफी उत्साह है. परिवार और दोस्तों के साथ क्रिसमस पार्टी के लिए बच्चे और युवा उत्साहित हैं. कई चर्च में विभिन्न थीम बेस्ड झांकियां और मेले की तैयारियां की जा रही हैं. प्रभु यीशु के जन्म को लेकर अजमेर की मसीह समाज में काफी उमंग और उल्लास है.
विशेष प्रार्थना सभा होगीः क्रिसमस पर्व पर रात्रि में सभी चर्च में विशेष प्रार्थना सभा होंगी. प्रभु यीशु के जन्म को लेकर चर्च में उपदेश होंगे. पारंपरिक रस्मों को निभाया जाएगा. उसके बाद लोग एक दूसरे के गले लग कर प्रभु यीशु के जन्म की एक दूसरे को बधाई देंगे. प्रभु यीशु के जन्मदिन पर मसीह समाज के लोगों के साथ मिलकर अन्य समाज के लोग भी त्योहार की खुशी में शामिल होते हैं.