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BPD: दोस्तों, परिजनों को खोने का लगा रहता है डर, ये हैं इस मनोरोग के लक्षण - बॉर्डरलाइन पर्सनालिटी डिसऑर्डर

बॉर्डरलाइन पर्सनालिटी डिसऑर्डर व्यक्ति के व्यक्तित्व से जुड़ा मनोरोग है, जिसमें रोगी स्थाई संबंध बनाने में असफल रहता है.

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BPD: दोस्तों, परिजनों को खोने का लगा रहता है डर, ये हैं इस मनोरोग के लक्षण
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Published : Jul 7, 2023, 5:24 PM IST

Updated : Jul 7, 2023, 8:59 PM IST

बॉर्डरलाइन पर्सनालिटी डिसऑर्डर का क्या है इलाज, जानिए चिकित्सक की राय

अजमेर. मनोरोग के विभिन्न प्रकार होते हैं, उनमें से एक बॉर्डरलाइन पर्सनालिटी डिसऑर्डर (BPD) भी है. इस डिसऑर्डर से ग्रसित व्यक्ति अपने जीवन में स्थाई रिश्ते लोगों से कायम नहीं कर पाते हैं. वह खुद और दूसरों के लिए घातक होते हैं. आइए जानते हैं इस मनोरोग के कारण, लक्षण और उपचार.

क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट एवं काउंसलर डॉ मनीषा गौड़ बताती हैं कि बॉर्डरलाइन पर्सनालिटी डिसऑर्डर व्यक्ति के व्यक्तित्व से जुड़ा हुआ मनोरोग है. इस रोग से ग्रसित रोगी के जीवन में कभी स्थाई संबंध कायम नहीं हो पाते हैं. डॉ गौड़ बताती हैं कि 13 वर्ष की आयु के बाद से ही रोग को पहचाना जा सकता है. इस उम्र के बाद से ही मूड स्विंग होने लगता है. उन्होंने बताया कि बॉर्डरलाइन पर्सनालिटी डिसऑर्डर से ग्रसित व्यक्ति में असुरक्षा की भावना हमेशा रहती है. इस कारण वह कभी-कभी उग्र भी हो जाते हैं, तो कभी बहुत ज्यादा भावुक हो जाते हैं. ऐसे रोगी अपने जीवन में किसी से स्थाई रिश्ता नहीं बना पाते हैं. यानी प्रेम संबंध, वैवाहिक या सामाजिक संबंध वे ज्यादा लंबे समय तक कायम नहीं रख पाते हैं. इस कारण से उनके जीवन में विपरीत प्रभाव पड़ने लगते हैं.

पढ़ें: सामान्य व्यक्ति से ज्यादा तेज और सक्रिय व्यवहार है बाइपोलर डिसऑर्डर का लक्षण, जानिए कारण और उपचार

बॉर्डरलाइन पर्सनालिटी डिसऑर्डर के लक्षणः डॉ मनीषा गौड़ बताती हैं कि बॉर्डर लाइन पर्सनालिटी डिसऑर्डर से ग्रसित रोगी को हमेशा परिजनों या दोस्तों की ओर से उसे त्याग देने का डर बना रहता है. उन्होंने बताया कि इस रोग से ग्रसित व्यक्ति यदि किसी से प्रेम भाव रखता है, तो उसका प्रेम को प्रदर्शित करने का तरीका अति में रहता है. इसी प्रकार से यदि वह गुस्सा करता है, तो उसकी भी कोई सीमा नहीं रहती है. ऐसे रोगी अपने जीवन में हमेशा खालीपन महसूस करते हैं.

पढ़ें: Eating Disorder : टीनएजर्स में ज्यादा देखा जाता है ये मनोरोग, शारीरिक और मानसिक दुर्बलता का बनता है कारण

खुद और दूसरे के लिए घातक: वहीं बॉर्डरलाइन पर्सनालिटी डिसऑर्डर से ग्रसित व्यक्ति अपने जीवन में कभी भी स्थाई संबंध स्थापित नहीं कर पाता है. वह बिना सोचे समझे तुरंत प्रतिक्रिया देता है. रोगी खुद को भी कई तरह से नुकसान पहुंचाता है. जैसे दीवार पर पंच मारना या ब्लेड से खुद को घायल कर देना. यानी बॉर्डरलाइन पर्सनालिटी डिसऑर्डर से ग्रसित व्यक्ति खुद और दूसरे के लिए घातक होते हैं. डॉ मनीषा गौड़ बताती हैं कि बॉर्डरलाइन पर्सनालिटी डिसऑर्डर का उपचार है, लेकिन इसमें ज्यादा कारगर साइकोथेरेपी होती है, जो क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट की ओर से दी जाती है. उन्होंने बताया कि नियमित रूप से रोगी को थेरेपी देने पर रोग को नियंत्रण किया जा सकता है.

बॉर्डरलाइन पर्सनालिटी डिसऑर्डर का क्या है इलाज, जानिए चिकित्सक की राय

अजमेर. मनोरोग के विभिन्न प्रकार होते हैं, उनमें से एक बॉर्डरलाइन पर्सनालिटी डिसऑर्डर (BPD) भी है. इस डिसऑर्डर से ग्रसित व्यक्ति अपने जीवन में स्थाई रिश्ते लोगों से कायम नहीं कर पाते हैं. वह खुद और दूसरों के लिए घातक होते हैं. आइए जानते हैं इस मनोरोग के कारण, लक्षण और उपचार.

क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट एवं काउंसलर डॉ मनीषा गौड़ बताती हैं कि बॉर्डरलाइन पर्सनालिटी डिसऑर्डर व्यक्ति के व्यक्तित्व से जुड़ा हुआ मनोरोग है. इस रोग से ग्रसित रोगी के जीवन में कभी स्थाई संबंध कायम नहीं हो पाते हैं. डॉ गौड़ बताती हैं कि 13 वर्ष की आयु के बाद से ही रोग को पहचाना जा सकता है. इस उम्र के बाद से ही मूड स्विंग होने लगता है. उन्होंने बताया कि बॉर्डरलाइन पर्सनालिटी डिसऑर्डर से ग्रसित व्यक्ति में असुरक्षा की भावना हमेशा रहती है. इस कारण वह कभी-कभी उग्र भी हो जाते हैं, तो कभी बहुत ज्यादा भावुक हो जाते हैं. ऐसे रोगी अपने जीवन में किसी से स्थाई रिश्ता नहीं बना पाते हैं. यानी प्रेम संबंध, वैवाहिक या सामाजिक संबंध वे ज्यादा लंबे समय तक कायम नहीं रख पाते हैं. इस कारण से उनके जीवन में विपरीत प्रभाव पड़ने लगते हैं.

पढ़ें: सामान्य व्यक्ति से ज्यादा तेज और सक्रिय व्यवहार है बाइपोलर डिसऑर्डर का लक्षण, जानिए कारण और उपचार

बॉर्डरलाइन पर्सनालिटी डिसऑर्डर के लक्षणः डॉ मनीषा गौड़ बताती हैं कि बॉर्डर लाइन पर्सनालिटी डिसऑर्डर से ग्रसित रोगी को हमेशा परिजनों या दोस्तों की ओर से उसे त्याग देने का डर बना रहता है. उन्होंने बताया कि इस रोग से ग्रसित व्यक्ति यदि किसी से प्रेम भाव रखता है, तो उसका प्रेम को प्रदर्शित करने का तरीका अति में रहता है. इसी प्रकार से यदि वह गुस्सा करता है, तो उसकी भी कोई सीमा नहीं रहती है. ऐसे रोगी अपने जीवन में हमेशा खालीपन महसूस करते हैं.

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खुद और दूसरे के लिए घातक: वहीं बॉर्डरलाइन पर्सनालिटी डिसऑर्डर से ग्रसित व्यक्ति अपने जीवन में कभी भी स्थाई संबंध स्थापित नहीं कर पाता है. वह बिना सोचे समझे तुरंत प्रतिक्रिया देता है. रोगी खुद को भी कई तरह से नुकसान पहुंचाता है. जैसे दीवार पर पंच मारना या ब्लेड से खुद को घायल कर देना. यानी बॉर्डरलाइन पर्सनालिटी डिसऑर्डर से ग्रसित व्यक्ति खुद और दूसरे के लिए घातक होते हैं. डॉ मनीषा गौड़ बताती हैं कि बॉर्डरलाइन पर्सनालिटी डिसऑर्डर का उपचार है, लेकिन इसमें ज्यादा कारगर साइकोथेरेपी होती है, जो क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट की ओर से दी जाती है. उन्होंने बताया कि नियमित रूप से रोगी को थेरेपी देने पर रोग को नियंत्रण किया जा सकता है.

Last Updated : Jul 7, 2023, 8:59 PM IST
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