केकड़ी (अजमेर). सरकार की ओर से भ्रष्टाचार रोकने के लिए विभिन्न योजनाओं में शुरु की गई बायोमेट्रिक व्यवस्था की पहल सरकारी योजना में बाधक बनी हुई है. जरूरतमंद लोग इसको लेकर विभागों के चक्कर काटते-काटते थक चुके हैं. लेकिन सरकार की योजनाओं के लिए बॉयोमेट्रिक अपडेशन इसमें बाधक बना हुआ है. इसके चलते केकड़ी के जुवाड़िया मौहल्ला निवासी गोपाल लाल मेघवंशी का 17 वर्षीय दिव्यांग पुत्र लखन मेघवंशी के अगूंठे की रेखा ने सरकार की पेंशन योजना से उसे बाहर कर दिया.
दिव्यांग लखन के पिता गोपाल मेघवंशी ने बताया कि एक ईमित्र से लेकर दूसरे ईमित्र तक चक्कर काटते-काटते रोजाना इसी में दिन निकल जाता है, कि आज तो बायोमेट्रिक मशीन में अगूंठे का फिंगर आ जाएगा. एक दिव्यांग जो कि सभी तरह की पात्रता पूरी करता है, इसके बावजूद रोज फिंगर आने की आस में अपना दिन गुजार देता है.
लखन की पीड़ा और दर्द को भले ही सरकार, और जनता के चुने प्रतिनिधि ना सुन पाए. लेकिन इस दिव्यांग लखन की पीड़ा केकड़ी के ही एक समाजसेवी संस्था ज्योति सेवा संस्थान ने सुना और दिव्यांग को 1100 रुपए की मासिक पेंशन शुरु कर एक पीड़ित को राहत देने का प्रयास किया है. लखन मेघवंशी मंदबुद्धि और दिव्यांग है. ज्योति विकास संस्थान की ओर से दी गई आर्थिक सहायता की लोगों ने प्रशंसा भी की है.