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अजमेरः दिव्यांग की सरकारी योजना की पात्रता में बाधा बनी बायोमेट्रिक अपडेशन

अजमेर के केकड़ी में सरकार की योजनाओं के लिए बॉयोमेट्रिक अपडेशन बाधक बना हुआ है. इसके कारण जुवाड़िया निवासी गोपाल लाल मेघवंशी का 17 वर्षीय दिव्यांग पुत्र लखन मेघवंशी के अगूंठे की रेखा ने उसे सरकार की पेंशन योजना से बाहर कर दिया. वहीं, एक समाजसेवी संस्था ने दिव्यांग को 1100 रुपए की मासिक पेंशन देने का निश्चय किया है.

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Published : Jan 5, 2020, 5:40 PM IST

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बाधा बनी बायोमैट्रिक अपडेशन

केकड़ी (अजमेर). सरकार की ओर से भ्रष्टाचार रोकने के लिए विभिन्न योजनाओं में शुरु की गई बायोमेट्रिक व्यवस्था की पहल सरकारी योजना में बाधक बनी हुई है. जरूरतमंद लोग इसको लेकर विभागों के चक्कर काटते-काटते थक चुके हैं. लेकिन सरकार की योजनाओं के लिए बॉयोमेट्रिक अपडेशन इसमें बाधक बना हुआ है. इसके चलते केकड़ी के जुवाड़िया मौहल्ला निवासी गोपाल लाल मेघवंशी का 17 वर्षीय दिव्यांग पुत्र लखन मेघवंशी के अगूंठे की रेखा ने सरकार की पेंशन योजना से उसे बाहर कर दिया.

सरकारी योजना की पात्रता में बाधा बनी बायोमैट्रिक अपडेशन

दिव्यांग लखन के पिता गोपाल मेघवंशी ने बताया कि एक ईमित्र से लेकर दूसरे ईमित्र तक चक्कर काटते-काटते रोजाना इसी में दिन निकल जाता है, कि आज तो बायोमेट्रिक मशीन में अगूंठे का फिंगर आ जाएगा. एक दिव्यांग जो कि सभी तरह की पात्रता पूरी करता है, इसके बावजूद रोज फिंगर आने की आस में अपना दिन गुजार देता है.

पढ़ेंः डिप्टी सीएम, चिकित्सा मंत्री के दौरे के बाद भी नहीं थम रहा जेके लोन में मौत का सिलसिला, 4 और बच्चों ने दम तोड़ा, अबतक 110 की मौत

लखन की पीड़ा और दर्द को भले ही सरकार, और जनता के चुने प्रतिनिधि ना सुन पाए. लेकिन इस दिव्यांग लखन की पीड़ा केकड़ी के ही एक समाजसेवी संस्था ज्योति सेवा संस्थान ने सुना और दिव्यांग को 1100 रुपए की मासिक पेंशन शुरु कर एक पीड़ित को राहत देने का प्रयास किया है. लखन मेघवंशी मंदबुद्धि और दिव्यांग है. ज्योति विकास संस्थान की ओर से दी गई आर्थिक सहायता की लोगों ने प्रशंसा भी की है.

केकड़ी (अजमेर). सरकार की ओर से भ्रष्टाचार रोकने के लिए विभिन्न योजनाओं में शुरु की गई बायोमेट्रिक व्यवस्था की पहल सरकारी योजना में बाधक बनी हुई है. जरूरतमंद लोग इसको लेकर विभागों के चक्कर काटते-काटते थक चुके हैं. लेकिन सरकार की योजनाओं के लिए बॉयोमेट्रिक अपडेशन इसमें बाधक बना हुआ है. इसके चलते केकड़ी के जुवाड़िया मौहल्ला निवासी गोपाल लाल मेघवंशी का 17 वर्षीय दिव्यांग पुत्र लखन मेघवंशी के अगूंठे की रेखा ने सरकार की पेंशन योजना से उसे बाहर कर दिया.

सरकारी योजना की पात्रता में बाधा बनी बायोमैट्रिक अपडेशन

दिव्यांग लखन के पिता गोपाल मेघवंशी ने बताया कि एक ईमित्र से लेकर दूसरे ईमित्र तक चक्कर काटते-काटते रोजाना इसी में दिन निकल जाता है, कि आज तो बायोमेट्रिक मशीन में अगूंठे का फिंगर आ जाएगा. एक दिव्यांग जो कि सभी तरह की पात्रता पूरी करता है, इसके बावजूद रोज फिंगर आने की आस में अपना दिन गुजार देता है.

पढ़ेंः डिप्टी सीएम, चिकित्सा मंत्री के दौरे के बाद भी नहीं थम रहा जेके लोन में मौत का सिलसिला, 4 और बच्चों ने दम तोड़ा, अबतक 110 की मौत

लखन की पीड़ा और दर्द को भले ही सरकार, और जनता के चुने प्रतिनिधि ना सुन पाए. लेकिन इस दिव्यांग लखन की पीड़ा केकड़ी के ही एक समाजसेवी संस्था ज्योति सेवा संस्थान ने सुना और दिव्यांग को 1100 रुपए की मासिक पेंशन शुरु कर एक पीड़ित को राहत देने का प्रयास किया है. लखन मेघवंशी मंदबुद्धि और दिव्यांग है. ज्योति विकास संस्थान की ओर से दी गई आर्थिक सहायता की लोगों ने प्रशंसा भी की है.

Intro:Body:केकड़ी- सरकार की और से भ्रष्टाचार रोकने के लिए शुरु की गई विभिन्न योजनाओं मे शुरु की गई बायोमेट्रिक व्यवस्था की पहल कईयों के लिए सरकारी योजना में बाधक बनी हुई है। जरूरतमंद लोग इसको लेकर विभागों के चक्कर काटते काटते थक चुके है। लेकिन सरकार की योजनाओं के लिए बॉयोमेट्रिक अपडेशन इसमे बाधक बना हुआ है। इसके चलते केकड़ी के जुवाड़िया मौहल्ला निवासी गोपाल लाल मेघवंशी का 17 वर्षीय दिव्यांग पुत्र लखन मेघवंशी के अगूंठे की रेखा ने सरकार की पेंशन योजना से बाहर कर दिया। साहब एक ईमित्र से लेकर दूसरे ईमित्र तक चक्कर काटते काटते रोजाना इसी आस मे दिन निकल जाता है कि आज तो बायोमेट्रिक मशीन में अगूंठे का फिंगर आ जाएगा। यह कहते कहते दिव्यांग लखन के पिता गोपाल मेघवंशी के आसूं निकल गए। एक दिव्यांग जो कि सभी तरह की पात्रता पूरी करता है इसके बावजूद रोज फिंगर आने की आस में अपना दिन गुजार देता है। लखन की पीड़ा व दर्द को भले ही सरकार की आंख व कान सरकारी कारिन्दे व जनता के चुने प्रतिनिधि ना सुन पाए लेकिन इस दिव्यांग लखन की पीड़ा केकड़ी के ही एक समाजसेवी संस्था ज्योति सेवा संस्थान ने सुना और दिव्यांग को हर माग 1100 सौ रुपए की मासिक पेंशन शुरु कर एक पीड़ित के आंसू पोंछ कर राहत देने का प्रयास किया है। लखन मेघवंशी मंदबुद्धि व दिव्यांग है। ज्योति विकास संस्थान द्वारा दी गई आर्थिक सहायता कि लोगों ने प्रशंसा भी की है। दौरान सत्यनारायण,राम प्रसाद बैरवा, रामदेव बैरवा सीताराम राजपुरा,भागचंद बैरवा सहित कई लोग उपस्थित थे।

बाईट1-श्याम लाल बैरवा,अध्यक्ष ज्योति सेवा संस्थान

बाईट2-गोपाल मेघवंशी,दिव्यांग का पिताConclusion:
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