अजमेर. भारतीय किसान संघ (Bharatiya Kisan Sangh) केंद्र सरकार (Central Government) के खिलाफ 19 दिसंबर को दिल्ली में किसान गर्जना रैली करेगी. इस रैली का आयोजन दिल्ली के रामलीला मैदान में किया जाएगा. दरअसल, भारतीय किसान संघ ने 5 सूत्रीय मांगों को लेकर कई बार केंद्र सरकार को पत्र लिखा. अब तक सरकार की ओर से इस पर कोई विचार नहीं किया गया. इससे भारतीय किसान संघ के पदाधिकारियों में रोष है.
संघ के पदाधिकारियों ने गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा कि एक दिवसीय धरना प्रदर्शन के जरिए किसान अपनी मांगों को लेकर सरकार का ध्यान आकर्षित करेंगे. संघ राजस्थान के प्रांत चित्तौड़ के जिलाध्यक्ष राजेश शर्मा ने बताया कि किसानों की 5 सूत्रीय मांग सालों से लंबित है. इन मांगों को लेकर 19 दिंसबर को दिल्ली के रामलीला मैदान पर किसान गर्जना रैली होगी. उन्होंने कहा कि 1947 में आजादी मिलने पर देश के किसानों ने भी एक सपना देखा था कि सरकार फसलों का लाभकारी मूल्य दिलवाएगी.
राजेश शर्मा ने कहा, 'सोने के भाव में अब तक 277 फ़ीसदी बढ़ोतरी हुई है, लेकिन गेहूं के भाव में मात्र 30 गुना बढ़ोतरी हुई है.' उन्होंने आगे कहा कि किसानों की मेहनत से ही भारत आज खाद्यान्नों के मामले में आत्मनिर्भर है. विदेशी हाथों पर अंकुश लगा है और विदेशी पूंजी की भी बचत हुई है.
दिल्ली में किसान गर्जना रैली होगीः राजेश शर्मा ने कहा कि कोरोना काल में भी किसानों ने सरकारों के नियम का पालन करते हुए अपनी जान जोखिम में डालकर समस्त देशवासियों के लिए फल, सब्जी, दूध जैसे रोजना की जरूरतों को पूरा किया. उन्होंने कहा किसान सालभर बाढ़, बारिश, सूखा जैसे प्राकृतिक आपदाओं को झेल कर भी देशवासियों के खाद्यान्नों की आपूर्ति हैं. सरकारों की ओर से इतना सब कुछ होने पर भी फसलों का लाभकारी मूल्य नहीं दिया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है. यही वजह है कि मजबूर, कर्ज से परेशान किसानों को आत्महत्या जैसा कदम उठाना पड़ता है. शर्मा ने किसानों से आह्वान करते हुए कहा कि 19 दिसंबर को अधिक से अधिक संख्या में रामलीला मैदान में पहुंचकर किसानों की मांग को पुरजोर तरीके से उठाने में सहयोग करें.
क्या है किसानों की 5 सूत्रीय मांग जानिए
- लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य घोषित कर उनकी खरीद सुनिश्चित करना.
- सभी कृषि जिंसों पर जीएसटी समाप्त करना.
- किसान सम्मान निधि में पर्याप्त बढ़ोतरी की जाए.
- नदी जोड़ो परियोजना को प्राथमिकता दी जाए.
- पूर्वी नहर परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित कर शीघ्र क्रियान्वित की जाए.