अजमेर. अजमेर जिले की 8 विधानसभा सीटों में से भाजपा ने दो सीटों पर अपने प्रत्याशियो की घोषणा कर दी है. जाहिर है कि प्रत्याशियों की घोषणा से कहीं खुशी कहीं गम वाली स्थिति बनती है. खास बात यह है कि जिले में विगत 20 वर्षों से दो सीटों पर लगातार बीजेपी के धुरंधर नेता जीतते आए हैं, लेकिन भाजपा की पहली सूची में उन्हें जगह नहीं मिली है. जबकि अजमेर लोकसभा सांसद भागीरथ चौधरी को किशनगढ़ से बीजेपी ने मैदान में उतारा है. वहीं, केकड़ी से पूर्व विधायक शत्रुघ्न गौतम पर भाजपा ने भरोसा जताया है.
राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर आचार संहिता प्रदेश में सोमवार से लागू हो चुकी है. उम्मीद की जा रही थी कि श्राद्ध के बाद प्रदेश में प्रमुख राजनीतिक पार्टियों भाजपा और कांग्रेस के अलावा अन्य राजनीतिक दल भी उम्मीदवारों की सूची जारी करेंगे. पहले सूची जारी करने में भाजपा ने बाजी मार ली है. अजमेर की बात करें तो जिले में 8 विधानसभा सीट हैं. इन सभी सीटों पर कई लोगों की उम्मीदें टिकी हुई हैं.
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भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों में इन 8 विधानसभा सीटों पर कई दावेदार हैं जो टिकट को लेकर आला कमान से उम्मीदें लगाए बैठे हैं. भाजपा की पहली सूची सोमवार को जारी हो चुकी है. अजमेर की दो सीटों पर भाजपा ने अपने उम्मीदवारों का एलान कर दिया है. किशनगढ़ से सांसद भागीरथ चौधरी और केकड़ी से पूर्व विधायक शत्रुघ्न गौतम को भाजपा ने उम्मीदवार बनाया है.
किशनगढ़ सीट जाट बाहुल्य : राजनीतिक पार्टियां कितना भी दावा कर लें, लेकिन जातिगत आधार ही टिकट के लिए अहम होता है. किशनगढ़ क्षेत्र जाट बाहुल्य है, ऐसे में भाजपा ने अनुभवी जाट चेहरे को मैदान में उतारा है. सांसद भागीरथ चौधरी पूर्व में किशनगढ़ से दो बार विधायक रह चुके हैं, जबकि एक बार वह चुनाव हार भी चुके हैं. वर्तमान में भागीरथ चौधरी अजमेर लोकसभा सीट से सांसद हैं. संसद का चुनाव लड़ने से पहले भागीरथ चौधरी ने पिछली बार भी किशनगढ़ विधानसभा सीट से टिकट मांगा था, लेकिन तत्काल समय में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने किशनगढ़ से नए चेहरे विकास चौधरी को मैदान में उतारा था. खास बात यह रही कि विकास चौधरी चुनाव हार गए थे.. इस बार टिकट नहीं मिल पाने पर अपने फेसबुक पेज पर विकास चौधरी ने क्षेत्र में मेहनत करने का हवाला देते हुए लिखा है कि पिछली हार को जीत में बदलने के लिए वह और उनके कार्यकर्ता तैयार थे. इस बार विकास चौधरी को टिकट नहीं देकर भाजपा ने अनुभव को तरजीह दी है.
केकड़ी से शत्रुघ्न गौतम को तीसरी बार मौका : केकड़ी विधानसभा सीट पर रोचक मुकाबले होते आए हैं. यहां भी बीजेपी ने अनुभव को ही तरजीह दी है. केकड़ी विधानसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर शत्रुघ्न गौतम ने पहला चुनाव कांग्रेस के कद्दावर नेता रघु शर्मा के सामने लड़ा था. पहले ही चुनाव में शत्रुघ्न गौतम ने जीत हासिल की थी. हालांकि, दूसरे चुनाव में शत्रुघ्न गौतम ने शिकस्त खाई थी. क्षेत्र में पूर्व विधायक शत्रुघ्न गौतम संगठन और लोगों के बीच सक्रिय रहे हैं. यही वजह है कि भाजपा ने तीसरी बार शत्रुघ्न गौतम को उम्मीदवार बनाकर उन पर भरोसा जताया है. यहां शत्रुघ्न गौतम के अलावा स्थानीय कई भाजपा दिग्गज नेता भी टिकट की दौड़ में थे.
20 वर्षों से लगातार जीत रहे भाजपाई विधायकों को नहीं मिला पहली सूची में स्थान : अजमेर शहर की दोनों सीटों पर भाजपा विगत 20 वर्षों से जीतती आ रही है. बावजूद इसके, पहली सूची में यहां से वर्तमान में दोनों विधायकों का नाम नहीं आना चर्चा का विषय बन गया है. बता दें कि अजमेर शहर की अजमेर उत्तर विधानसभा सीट से वासुदेव देवनानी और दक्षिण विधानसभा सीट से अनीता भदेल विधायक हैं. माना जा रहा था कि अजमेर शहर की इन दोनों सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा प्रथम सूची में ही हो जाएगी. उम्मीदवारों के तौर पर अपराजित दोनों वर्तमान विधायकों के नाम सूची में होंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. हालांकि, पहली सूची ने भाजपा नेताओं की दिल की धड़कने बढ़ा दी है. भाजपा ने पहली सूची में अनुभव को प्राथमिकता दी है. ऐसे में माना जा रहा है कि शेष सीटों पर भी जिताऊ और अनुभवी दावेदारों को अगली सूची में जगह मिलेगी.