अजमेर. राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच जारी आंतरिक खींचतान का असर पार्टी के निचले स्तर पर बरकरार है. अजमेर जिले में सीएम गहलोत और पायलट गुट के बीच वर्चस्व की लड़ाई छिड़ी हुई है. यहां दोनों गुट के नेताओं के बीच शह-मात का खेल जारी है. हालात ये हैं कि मामला गाली गलौच और मारपीट तक पहुंच गया.
अजमेर कांग्रेस में बरसों पुरानी गुटबाजी आज भी कायम है. इसका सीधा फायदा बीजेपी को मिलता रहा है. यही वजह है कि अजमेर शहर की उत्तर और दक्षिण विधानसभा सीट पर पिछले दो दशक से और पुष्कर में पिछले 10 साल से भाजपा काबिज है. कांग्रेस में गुटबाजी और आंतरिक सियासत में उबाल तब और बढ़ने लगा, जब एक साल पहले अजमेर सियासत में धर्मेंद्र सिंह राठौड़ का नाम जुड़ गया.
सीएम से करीबी ने बढ़ाई अख्तर की बेचैनी : धर्मेंद्र राठौड़ सीएम अशोक गहलोत के करीबी माने जाते हैं. उन्होंने इसका भरपूर फायदा भी उठाया है. प्रशासन पर पकड़ बनाने के साथ-साथ पुष्कर के विकास के लिए पुष्कर विकास प्राधिकरण बनाने, ब्रह्मा मंदिर के जीर्णोद्धार करवाने, अंतरराष्ट्रीय स्तर के गोल्फ कोर्स की घोषणा हुई. शुरुआत के 5 महीने तक धर्मेंद्र राठौड़ पुष्कर में काफी सक्रिय रहे, उनकी सक्रियता ने पूर्व मंत्री नसीम अख्तर की बेचैनी बढ़ा दी. दरअसल नसीम अख्तर पुष्कर से विधायक रह चुकी हैं, हालांकि पिछले दो चुनाव नसीम हार चुकी हैं. इस बार वह टिकट पाने और चुनाव जीतने को लेकर आशांवित थी, लेकिन पुष्कर में धर्मेंद्र राठौड़ की एंट्री ने उनके सामने चुनौती खड़ी कर दी.
कांग्रेस नेता महेंद्र सिंह रलावता की भी बेचैनी बढ़ी : धर्मेंद्र राठौड़ और नसीम अख्तर की पहली तकरार पुष्कर के सरकारी अस्पताल के लिए भूमि आवंटन को लेकर हुई. इसके बाद नसीम अख्तर के समर्थक कांग्रेस पार्षद की होटल को लेकर विवाद हुआ. इस विवाद में नगर पालिका ईओ अभिषेक गहलोत ने कांग्रेसी पार्षदों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया. इस प्रकरण में भी नसीम अख्तर और उनके समर्थकों ने राठौड़ पर निशाना साधा था. विगत 5 माह से धर्मेंद्र राठौड़ अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय हैं. राठौड़ की सक्रियता से कांग्रेस नेता महेंद्र सिंह रलावता की भी बेचैनी बढ़ गई थी.
गहलोत और पायलट गुट के बीच खाई गहरी : विगत विधानसभा चुनाव में अजमेर उत्तर से कांग्रेस के प्रत्याशी महेंद्र सिंह रलावता रहे हैं. रलावता दोबारा से टिकट मिलने और क्षेत्र से चुनाव जीतने को लेकर आशान्वित थे. अजमेर उत्तर के कई सरकारी कार्यक्रमों में राठौड़ का बढ़ता दखल रलावता को परेशान कर रहा था. पिछले दिनों वैशाली नगर स्थित गोविंदम गार्डन में कांग्रेस की बैठक में मारपीट हुई. रलावता के समर्थकों ने गहलोत गुट के नेता रामचंद्र चौधरी के समर्थक को पीट दिया. इस मामले में भी रलावता गुट के समर्थकों पर मुकदमा दर्ज हुए. बता दें कि नसीम अख्तर और महेंद्र सिंह रलावता दोनों ही पायलट गुट से आते हैं. ऐसे में जिले में गहलोत और पायलट गुट के समर्थकों के बीच पड़ी खाई और गहरी हो गई है.
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शह और मात का खेल : अजमेर में गहलोत गुट में जिले की आठों विधानसभा में अपना दबदबा कायम कर रहा है. वहीं, पायलट गुट के नेता भी अपना वर्चस्व कायम रखने का प्रयास कर रहे हैं. ऐसे में टकराव की स्थिति कई बार बनी है, लेकिन अब यह सड़कों पर भी नजर आने लगी है. दोनों ही गुट वर्चस्व की इस जंग में शह और मात का खेल भी खेल रहे हैं.
पूर्व मंत्री नसीम अख्तर के आरोप : हाल ही में पूर्व मंत्री एवं पीसीसी उपाध्यक्ष नसीम अख्तर के खिलाफ राजकीय कार्य में बाधा पहुंचाने, सरकारी कर्मचारी से अभद्र व्यवहार करने और झगड़ा करने के मामले में मामला दर्ज हुआ है. यह मामला अजमेर ग्रामीण पंचायत समिति के विकास अधिकारी विजय सिंह चौहान ने अजमेर के सिविल लाइंस थाने में दर्ज कराया है. अजमेर कांग्रेस के कद्दावर नेता नसीम अख्तर का आरोप है कि आरटीडीसी कि चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ के कहने पर विकास अधिकारी विजय सिंह चौहान ने उनके खिलाफ प्रकरण दर्ज करवाया है. नसीम अख्तर का यह भी आरोप है कि पूर्व विधायक श्रीगोपाल बाहेती खुद विकास अधिकारी को जयपुर लेकर गए और वापस लौटकर रात 2 बजे सिविल लाइन थाने में अधिकारी ने मुकदमा दर्ज करवाया.
अधिकारियों को दिया था उलाहना : नसीम अख्तर ने बताया कि महंगाई राहत शिविर में अधिकारी नहीं होने पर अधिकारियों को उलहाना दिया था. एसडीएम और तहसीलदार से हॉट टॉक हुई थी. उन्होंने कहा वह खुद और उनके समर्थक मीटिंग हॉल तक नहीं गए, इसके बाद भी संगीन धाराओं में मामला दर्ज किया गया. पूर्व मंत्री एवं पीसीसी उपाध्यक्ष नसीम अख्तर ने कहा कि इससे पहले भी अजमेर उत्तर क्षेत्र से कांग्रेस के प्रत्याशी रहे महेंद्र सिंह रलावता के पुत्र शक्ति सिंह के खिलाफ भी मारपीट का मुकदमा दर्ज करवाया गया था. कांग्रेस नेता नसीम अख्तर के पति इंसाफ अली का आरोप है कि पुष्कर के कांग्रेस पार्षदों पर ईओ के साथ मारपीट करने का मामला दर्ज करवाया गया था. उनका यह भी आरोप है कि धर्मेंद्र राठौड़ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में वैमनस्य पैदा कर रहे हैं. कांग्रेस नेता इंसाफ अली ने तो नसीम अख्तर के खिलाफ मुकदमा वापस नहीं होने की स्थिति में बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी भी दे दी है.
गहलोत गुट के नेताओं ने भी खोला मोर्चा : गहलोत गुट के नेताओं ने भी नसीम अख्तर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. पुष्कर से पूर्व विधायक श्रीगोपाल बाहेती का आरोप है कि नसीम अख्तर पूर्व मंत्री और पीसीसी अध्यक्ष रही हैं, उन्हें इस तरह से झूठ बोलना शोभा नहीं देता. मीटिंग हॉल से पहले रिसेप्शन हॉल पहुंचकर नसीम अख्तर और उनके पति ने समर्थकों के साथ हंगामा किया था. उन्होंने आरोप लगाया कि मीटिंग हॉल में मैं खुद सुन रहा था कि वह मुझे गालियां दे रहे हैं, अधिकारियों को डरा धमका रहे हैं और उनके साथ अभद्र व्यवहार कर रहे हैं. उनका यह व्यवहार अशोभनीय था. श्रीगोपाल बाहेती का आरोप है कि उन्होंने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं करवाया. इस संबंध में सीएम अशोक गहलोत, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा और प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा तक अपनी बात कह दी है.
कांग्रेस के कद्दावर नेता रामचंद्र चौधरी ने तो नसीम अख्तर और उनके पति पर गंभीर आरोप लगा दिए. उन्होंने कहा कि नसीम अख्तर के पति पीटीआई थे. नसीम अख्तर के मंत्री बनने के बाद अचानक उनके पास इतनी संपत्ति कहां से आ गई? उन्होंने राज्य सरकार से मांग की है कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो से नसीम अख्तर की संपत्ति की जांच करवाई जाए. वहीं पूर्व विधायक राजकुमार जयपाल ने नसीम अख्तर और उनके पति इंसाफ अली की ओर से किए गए कृत्य की निंदा की है.