अजमेर. सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 812वें उर्स का आगाज रजब का चांद दिखाई देने के साथ हो गया है. चांद दिखने के साथ ही दरगाह के नौबत खाने में शादियाने बजाए गए. साथ ही देर रात महफिल खाने में उर्स की पहली महफिल दरगाह दीवान की सदारत में हुई.
ख्वाजा गरीब नवाज का 812वां उर्स शुरू हो चुका है. शुक्रवार को चांद दिखने की हिलाल कमेटी की घोषणा के बाद उर्स की विधिवत शुरुआत हो चुकी है. दरगाह के निजाम गेट से आगे नौबत खाने में उर्स के आगाज को लेकर परंपरा के अनुसार शादियाने बजाए गए. उर्स के आगाज के साथ ही दरगाह में उर्स की रस्में शुरू हो गई हैं. इसके तहत ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स की पहली महफिल दरगाह परिसर में महफिल खाने में दरगाह दीवान की सदारत में हुई. महफिल में शाही कव्वालों की ओर से परंपरागत कव्वालियां पेश की गईं. इस दौरान बड़ी संख्या में जायरीन महफिल खाने में जायरीन जुटे हुए हैं. वहीं दरगाह में उर्स के पहले दिन जन्नती दरवाजे से होकर आस्ताने में हाजरी लगाने के लिए बड़ी संख्या में जायरीन की आवक भी बनी हुई है.
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दरगाह में कव्वालियों का दौरा हुआ शुरू: दरगाह में सूफी कव्वालियों का दौर भी शुरू हो चुका है. देश के कोने-कोने से दरगाह आने वाले कव्वाल दरगाह में कव्वाली पेश कर अपनी अकीदत का नजराना पेश कर रहे हैं. कव्वाली के साथ दरगाह में रूहानी फेज बरस रहा है और जायरीन से फेज में खोकर ख्वाजा गरीब नवाज की ईबादत में बैठे हैं.
चादर पेश करने का भी सिलसिला हुआ शुरू: उर्स के दरमियान आम और खास का चादर पेश करने का सिलसिला भी शुरू हो चुका है. शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से दरगाह में चादर पेश की जाएगी. भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी दिल्ली से चादर लेकर शनिवार दोपहर 2 बजे दरगाह पहुंचेंगे. इसी तरह प्रशासन की ओर से भी उर्स के सफलतापूर्वक संपन्न होने की कामना के साथ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी भी दरगाह में चादर पेश करेंगे. इसके अलावा भारतीय फिल्म उद्योग से जुड़े कलाकारों की ओर से भी दरगाह में चादर पेश की जाएगी.
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पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से भी आएंगे जायरीन: ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स 2024 में हाजरी देने के लिए पाकिस्तान से भी जायरीन का जत्था सोमवार 15 जनवरी को आएगा. अतिरिक्त जिला कलेक्टर जगदीश प्रसाद गौड़ ने बताया कि पूर्व में पाकिस्तान से जायरीन का जत्था 14 जनवरी को आना था. उन्होंने बताया कि 20 जनवरी को पाकिस्तानी जत्था वापस अजमेर से रवाना होगा.