अजमेर. जिले में रेल म्यूजियम में बने शेल्टर होम में अभी तक कुल 11 कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आए है. राहत की बात यह है कि शेल्टर होम में पहला मरीज सामने आने के बाद यहां रह रहे 163 लोगों की जांच सैंपल लिए गए थे. इनमें 11 पॉजिटिव के अलावा शेष की रिपोर्ट नेगेटिव आई है. खास बात यह है कि इन सभी पॉजिटिव रोगियों में सभी खानाबदोश है.
अजमेर धार्मिक पर्यटन नगरी है. यही वजह है कि यहां हर रोज हजारों लोगों का आना जाना लगी रहता है. दरसल यहां खानाबदोश लोगों को निशुल्क खाना और भीख में पैसा आसानी से मिल जाता है. कोरोना महामारी के चलते ऐसे खानाबदोश लोगों को पकड़कर पुलिस ने उन्हें शेल्टर होम में रख दिया था. बावजूद इसके कई खानाबदोश अब भी इधर-उधर छिपे बैठे है. जिन्हें पुलिस सूचना मिलने पर पकड़ रही है. अजमेर एसपी कुंवर राष्ट्रदीप का कहना है कि पुलिस अपना काम कर रही है. ऐसे वक्त में लोगों को घबराने की आवश्यकता नही है. कोरोना पॉजिटिव मरीज शेल्टर होम से मिले इसलिए संक्रमण बाहर फैलने का खतरा नहीं है. उन्होंने लोगों से अपील की है कि लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें.
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इधर चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी डॉ. के के सोनी ने बताया कि अजमेर में कुल मरीजों की संख्या 17 हो गई है. डॉ. सोनी ने बताया कि रेल म्युजियम में बने शेल्टर होम में 163 लोगों की जांच की गई थी. जांच के सेंपल उदयपुर भेजे गए थे. इनमें 11 पॉजिटिव मरीज मिले है. जबकि शेष 153 की रिपोर्ट नेगेटिव आई है. सभी 153 लोगों को क्वॉरेंटाइन सेंटर में अलग अलग रखा गया. इनमें कुछ लोगों की जांच दुबारा करवाई जाएगी. उन्होंने बताया कि राहत की बात यह है कि यह सभी लोग 25 मार्च से शेल्टर होम में थे. उनका पब्लिक से सीधा कनेक्शन नहीं था.
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उन्होंने यह भी बताया कि कुछ लोगों को अलग शेल्टर होम से लाया गया था. ऐसे उन शेल्टर होम में रहने वाले लोगों की भी जांच सेंपल लिए गए है. अजमेर में 27 मार्च के बाद कोरोना का मरीज 15 अप्रैल को मिला है. प्रशासन का मानना है कि रेल म्युजियम के शेल्टर होम में आया पहला मरीज नावेद दिल्ली से संक्रमित होकर आया था. 25 मार्च से वह तीन अलग-अलग शेल्टर होम में रहा. ऐसे में संक्रमण शेल्टर होम तक ही सीमित है.