हांगझोउ: भारत ने मंगलवार को यहां एशियाई खेलों की घुड़सवारी प्रतियोगिता में टीम ड्रेसेज स्पर्धा में शीर्ष पर रहकर स्वर्ण पदक के 41 साल के इंतजार को खत्म किया. एड्रेनेलिन फिरफोड पर सवार दिव्यकीर्ति सिंह, हृदय विपुल छेड (चेमक्सप्रो एमरेल्ड) और अनुश अग्रवाला (एट्रो) ने कुल 209.205 प्रतिशत अंक के साथ शीर्ष स्थान हासिल किया.
सुदीप्ति हजेला भी टीम का हिस्सा थी, लेकिन सिर्फ शीर्ष तीन खिलाड़ियों के स्कोर गिने जाते हैं. चीन की टीम 204.882 प्रतिशत अंक के साथ दूसरे स्थान पर रही जबकि हांगकांग ने 204.852 प्रतिशत अंक के साथ कांस्य पदक हासिल किया. खेल के इतिहास में यह पहला मौका है जब भारत ने ड्रेसेज स्पर्धा में टीम स्वर्ण पदक जीता.
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Our Equestrian Dressage Team clinching the Gold medal at the #AsianGames2023 is a matter of great pride for the country. 🐎 🥇
— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) September 26, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
Congratulations to the Team for this very special & historic achievement.
Best wishes for future endeavours. pic.twitter.com/TuZ7NIor1r
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— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) September 26, 2023
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भारत ने कांस्य पदक के रूप में ड्रेसेज में पिछला पदक 1986 में जीता था. भारत ने घुड़सवारी में पिछला स्वार्ण पदक नयी दिल्ली में 1982 में हुए एशियाई खेलों में जीता था. हांगझोऊ से पहले भारत ने एशियाई खेलों में 3 स्वर्ण, 3 रजत और 6 कांस्य पदक जीते थे. 2018 में भारत ने घुड़सवारी में दो रजत पदक जीते थे, दोनों इवेंटिंग में आए थे, जिसमें फवाद मिर्जा व्यक्तिगत प्रतियोगिता में दूसरे स्थान पर रहे थे.
फिर राकेश कुमार, आशीष मलिक और जितेंद्र सिंह के साथ टीम स्पर्धा में रजत पदक जीता था. लेकिन सुदीप्ति हजेला, दिव्यकृति सिंह, हृदय छेदा और अनुश अग्रवाल के युवा संयोजन ने मंगलवार को सभी बाधाओं को पार करते हुए हांगझोऊ में भारतीय घुड़सवारी के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की.