ETV Bharat / sports

सहवाग ने कहा धोनी को नियम के अनुसार ही चलना चाहिए, सेना का भी आया रिएक्शन, देखिए VIDEO - विराट कोहली

धोनी के द्वारा सेना का बैज अपने दस्तानों पर लगाने के मामले ने इतना तूल पकड़ लिया कि चर्चा का विषय भारत और ऑस्ट्रेलिया मैच से कहीं दूर धोनी के दस्ताने हो गए हैं.

MS dhoni
author img

By

Published : Jun 8, 2019, 4:59 PM IST

Updated : Jun 8, 2019, 5:22 PM IST

हैदराबाद: सीओए के अध्यक्ष विनोद राय ने शुक्रवार को कहा, हम खेल को आईसीसी के नियम और भावना के अनुसार खेलेंगे. यदि ऐसा कोई नियम है तो हम पूरी तरह आईसीसी नियमों का पालन करेंगे और इस मुद्दे को आगे नहीं बढ़ाएंगे.

देखिए वीडियो
हालांकि उन्होंने ये भी कहा है कि नियम में कोई लचीलापन उपलब्ध है तो हम आईसीसी की अनुमति मांगेंगे कि वह धोनी को अपने इन्हीं दस्तानों के साथ खेलने की अनुमति दे. बीसीसीआई ने आईसीसी से लचीलापन दिखाने का आग्रह किया था. साथ ही उसने नियमों का पालन करने का भी भरोसा दिलाया था.आपको बता दें कि धोनी के लिए ये दस्ताने मेरठ की एक कंपनी ने बनाए थे. धोनी का बल्ला भी मेरठ की ये ही कंपनी बनाती है.

एन जगन्नाथ दास

तेलंगाना टुडे के स्पोर्ट्स एडिटर एन जगन्नाथ दास ने कहा, 'धोनी एक अनावश्यक मामले में उलझ गए हैं. धोनी को इस मामले को ज्यादा नहीं खीचना चाहिए था. विश्वकप या किसी बड़े टूर्नामेंट में ये नियम बना हुआ है कि आप सेना से जुड़ी कोई भी चीज का प्रयोग नहीं कर सकते.'



वीरेंद्र सहवाग आईसीसी के साथ



इस मामले पर हालांकि पूरे देश में धोनी को लोगों समर्थन मिल रहा है लेकिन विरेंद्र सहवाग ने साफ कहा कि आईसीसी का नियम ये कहता है जब तक आप लिखित में इस बात का इजाजत नहीं ले लेते तब तक आप इस तरह के बैज का इस्तेमाल नहीं कर सकते.



किरण रिजिजू भी मामले कूदे



आईसीसी की आपत्ति के बाद यह मामला भारत में इतना तूल पकड़ गया कि केंद्रीय खेल मंत्री किरन रिजिजू को भी हस्तक्षेप करना पड़ गया. उन्होंने बीसीसीआई से इस मामले में उचित कदम उठाने की अपील की. उन्होंने कहा, सरकार खेल निकायों के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करती है, वे स्वायत्त हैं. लेकिन जब मुद्दा देश की भावनाओं से जुड़ा होता है, तो राष्ट्र के हित को ध्यान में रखना होता है. मैं बीसीसीआई से आग्रह करता हूं कि वह इस मामले में उचित क़दम उठाए.



क्या कहता है आईसीसी का नियम



आईसीसी नियम के मुताबिक खिलाड़ियों के कपड़ों या अन्य वस्तुओं पर अंतरराष्ट्रीय मैच के दौरान राजनीति, धर्म या नस्लभेद आदि का संदेश अंकित नहीं होना चाहिए. इससे पहले, आईसीसी ने बीसीसीआई से कहा था कि वह धोनी के दस्तानों पर से यह चिह्न हटवाए.



पाक विदेश मंत्री की खूब हुई किरकरी



पाक के विज्ञान मंत्री फवाद चौधरी के बयान की सोशल मीडिया किरकिरी हुई. उन्होंने लिखा था, धोनी इंग्लैंड में क्रिकेट खेलने गए हैं ना कि महाभारत की लड़ाई लड़ने. भारतीय मीडिया में एक मूर्खतापूर्ण बहस चल रही है. मीडिया का एक वर्ग युद्ध से इतना प्रभावित है कि उन्हें सीरिया, अफगानिस्तान या रवांडा में भाड़े के सैनिकों के रूप में भेज देना चाहिए. इसके बाद भारतीय प्रशंसकों ने दिनभर उन्हें निशाने पर लिए रखा.

हैदराबाद: सीओए के अध्यक्ष विनोद राय ने शुक्रवार को कहा, हम खेल को आईसीसी के नियम और भावना के अनुसार खेलेंगे. यदि ऐसा कोई नियम है तो हम पूरी तरह आईसीसी नियमों का पालन करेंगे और इस मुद्दे को आगे नहीं बढ़ाएंगे.

देखिए वीडियो
हालांकि उन्होंने ये भी कहा है कि नियम में कोई लचीलापन उपलब्ध है तो हम आईसीसी की अनुमति मांगेंगे कि वह धोनी को अपने इन्हीं दस्तानों के साथ खेलने की अनुमति दे. बीसीसीआई ने आईसीसी से लचीलापन दिखाने का आग्रह किया था. साथ ही उसने नियमों का पालन करने का भी भरोसा दिलाया था.आपको बता दें कि धोनी के लिए ये दस्ताने मेरठ की एक कंपनी ने बनाए थे. धोनी का बल्ला भी मेरठ की ये ही कंपनी बनाती है.

एन जगन्नाथ दास

तेलंगाना टुडे के स्पोर्ट्स एडिटर एन जगन्नाथ दास ने कहा, 'धोनी एक अनावश्यक मामले में उलझ गए हैं. धोनी को इस मामले को ज्यादा नहीं खीचना चाहिए था. विश्वकप या किसी बड़े टूर्नामेंट में ये नियम बना हुआ है कि आप सेना से जुड़ी कोई भी चीज का प्रयोग नहीं कर सकते.'



वीरेंद्र सहवाग आईसीसी के साथ



इस मामले पर हालांकि पूरे देश में धोनी को लोगों समर्थन मिल रहा है लेकिन विरेंद्र सहवाग ने साफ कहा कि आईसीसी का नियम ये कहता है जब तक आप लिखित में इस बात का इजाजत नहीं ले लेते तब तक आप इस तरह के बैज का इस्तेमाल नहीं कर सकते.



किरण रिजिजू भी मामले कूदे



आईसीसी की आपत्ति के बाद यह मामला भारत में इतना तूल पकड़ गया कि केंद्रीय खेल मंत्री किरन रिजिजू को भी हस्तक्षेप करना पड़ गया. उन्होंने बीसीसीआई से इस मामले में उचित कदम उठाने की अपील की. उन्होंने कहा, सरकार खेल निकायों के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करती है, वे स्वायत्त हैं. लेकिन जब मुद्दा देश की भावनाओं से जुड़ा होता है, तो राष्ट्र के हित को ध्यान में रखना होता है. मैं बीसीसीआई से आग्रह करता हूं कि वह इस मामले में उचित क़दम उठाए.



क्या कहता है आईसीसी का नियम



आईसीसी नियम के मुताबिक खिलाड़ियों के कपड़ों या अन्य वस्तुओं पर अंतरराष्ट्रीय मैच के दौरान राजनीति, धर्म या नस्लभेद आदि का संदेश अंकित नहीं होना चाहिए. इससे पहले, आईसीसी ने बीसीसीआई से कहा था कि वह धोनी के दस्तानों पर से यह चिह्न हटवाए.



पाक विदेश मंत्री की खूब हुई किरकरी



पाक के विज्ञान मंत्री फवाद चौधरी के बयान की सोशल मीडिया किरकिरी हुई. उन्होंने लिखा था, धोनी इंग्लैंड में क्रिकेट खेलने गए हैं ना कि महाभारत की लड़ाई लड़ने. भारतीय मीडिया में एक मूर्खतापूर्ण बहस चल रही है. मीडिया का एक वर्ग युद्ध से इतना प्रभावित है कि उन्हें सीरिया, अफगानिस्तान या रवांडा में भाड़े के सैनिकों के रूप में भेज देना चाहिए. इसके बाद भारतीय प्रशंसकों ने दिनभर उन्हें निशाने पर लिए रखा.

Intro:Body:

हैदराबाद: धोनी के द्वारा सेना का बैज अपने दस्तानों पर लगाने के मामले ने इतना तूल पकड़ लिया कि चर्चा का विषय भारत और ऑस्ट्रेलिया मैच से कहीं दूर धोनी के दस्ताने हो गए हैं. सीओए के अध्यक्ष विनोद राय ने शुक्रवार को कहा, हम खेल को आईसीसी के नियम और भावना के अनुसार खेलेंगे. यदि ऐसा कोई नियम है तो हम पूरी तरह आईसीसी नियमों का पालन करेंगे और इस मुद्दे को आगे नहीं बढ़ाएंगे.

हालांकि उन्होंने ये भी कहा है कि नियम में कोई लचीलापन उपलब्ध है तो हम आईसीसी की अनुमति मांगेंगे कि वह धोनी को अपने इन्हीं दस्तानों के साथ खेलने की अनुमति दे. बीसीसीआई ने आईसीसी से लचीलापन दिखाने का आग्रह किया था. साथ ही उसने नियमों का पालन करने का भी भरोसा दिलाया था.

आपको बता दें कि धोनी के लिए ये दस्ताने मेरठ की एक कंपनी ने बनाए थे. धोनी का बल्ला भी मेरठ की ये ही कंपनी बनाती है.

वीरेंद्र सहवाग आईसीसी के साथ

इस मामले पर हालांकि पूरे देश में धोनी को लोगों समर्थन मिल रहा है लेकिन विरेंद्र सहवाग ने साफ कहा कि आईसीसी का नियम ये कहता है जब तक आप लिखित में इस बात का इजाजत नहीं ले लेते तब तक आप इस तरह के बैज का इस्तेमाल नहीं कर सकते.

किरण रिजिजू भी मामले कूदे

आईसीसी की आपत्ति के बाद यह मामला भारत में इतना तूल पकड़ गया कि केंद्रीय खेल मंत्री किरन रिजिजू को भी हस्तक्षेप करना पड़ गया. उन्होंने बीसीसीआई से इस मामले में उचित कदम उठाने की अपील की. उन्होंने कहा, सरकार खेल निकायों के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करती है, वे स्वायत्त हैं. लेकिन जब मुद्दा देश की भावनाओं से जुड़ा होता है, तो राष्ट्र के हित को ध्यान में रखना होता है. मैं बीसीसीआई से आग्रह करता हूं कि वह इस मामले में उचित क़दम उठाए.

क्या  कहता है आईसीसी का नियम

आईसीसी नियम के मुताबिक खिलाड़ियों के कपड़ों या अन्य वस्तुओं पर अंतरराष्ट्रीय मैच के दौरान राजनीति, धर्म या नस्लभेद आदि का संदेश अंकित नहीं होना चाहिए. इससे पहले, आईसीसी ने बीसीसीआई से कहा था कि वह धोनी के दस्तानों पर से यह चिह्न हटवाए.

पाक विदेश मंत्री की खूब हुई किरकरी

पाक के विज्ञान मंत्री फवाद चौधरी के बयान की सोशल मीडिया किरकिरी हुई. उन्होंने लिखा था, धोनी इंग्लैंड में क्रिकेट खेलने गए हैं ना कि महाभारत की लड़ाई लड़ने. भारतीय मीडिया में एक मूर्खतापूर्ण बहस चल रही है. मीडिया का एक वर्ग युद्ध से इतना प्रभावित है कि उन्हें सीरिया, अफगानिस्तान या रवांडा में भाड़े के सैनिकों के रूप में भेज देना चाहिए. इसके बाद भारतीय प्रशंसकों ने दिनभर उन्हें निशाने पर लिए रखा.




Conclusion:
Last Updated : Jun 8, 2019, 5:22 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.