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क्वाड देशों की बैठक ने बढ़ाई चीन की बेचैनी- कहा, क्वाड उसे रोकने का उपकरण

शुक्रवार को हुई क्वाड देशों की बैठक ने चीन की बेचैनी बढ़ा दी है. इसी क्रम में चीन ने कहा कि उसे आगे बढ़ने से रोकने के लिए क्वाड(Quad) गठबंधन एक उपकरण की तरह. चीन ने यह भी कहा यह टकराव को तेज करने के लिए जानबूझकर उठाया गया कदम है जो सफल नहीं होगा.

China says Quad is a tool to rein in Beijing
क्वाड देशों की बैठक ने बढ़ाई चीन की बेचैनी
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Published : Feb 12, 2022, 9:47 AM IST

बीजिंग: चीन ने शुक्रवार को कहा कि उसे आगे बढ़ने से रोकने के लिए क्वाड(Quad) गठबंधन एक उपकरण की तरह है. चीन ने यह भी कहा यह टकराव को तेज करने के लिए जानबूझकर उठाया गया कदम है जो सफल नहीं होगा. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि, 'चीन का मानना ​​है कि अमेरिका(America), जापान(Japan), भारत(India) और ऑस्ट्रेलिया(Australia) द्वारा मिलकर बनाया गया तथाकथित क्वाड समूह चीन को घेरने और अमेरिकी आधिपत्य बनाए रखने के लिए एक उपकरण है.'

क्वाड विदेश मंत्रियों की मेलबर्न में हुई वार्ता शुरू करने संबंधी एक सवाल का जवाब देते हुए झाओ लिजियन ने कहा, 'चीन का मानना ​​है कि क्वाड तंत्र केवल उसे नियंत्रित करने का एक उपकरण है. उन्होंने कहा, यह टकराव को भड़काने और अंतरराष्ट्रीय एकजुटता और सहयोग को कमजोर करने के लिए जानबूझकर उठाया गया कदम है.' उन्होंने यह भी कहा कि, मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि शीत युद्ध लंबा खिंच गया है और चीन को रोकने के उद्देश्य से गठबंधन बनाने का कोई भी प्रयास सफल नहीं होगा.

बैठक में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा था कि चीन क्षेत्र में अधिक आक्रामक तरीके से काम कर रहा है, इसपर झाओ ने कहा कि, अमेरिकी राजनेता द्वारा की गई टिप्पणी कुछ और नहीं बल्कि राजनीतिक झूठ की दोहराना है. क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक के पहले, झाओ ने बुधवार को कहा था कि चीन विशेष गुट बनाने और टकराव को उकसाने संबंधी किसी भी कदम को खारिज करता है. उन्होंने कहा था कि, हमें उम्मीद है कि अमेरिका और अन्य संबंधित देश समय के रुख को समझेंगे, उचित मानसिकता रखेंगे और शीत युद्ध की मानसिकता को त्याग देंगे.

यूक्रेन को लेकर रूस और उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (Nato) देशों के बीच बढ़ते तनाव, अफगानिस्तान संकट और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते दबदबे को लेकर चिंताओं के बीच क्वाड समूह के विदेश मंत्रियों ने शुक्रवार को मेलबर्न में व्यापक बातचीत की थी. चीन लगभग सभी विवादित दक्षिण चीन सागर क्षेत्र पर अपना दावा करता है. हालांकि ताइवान, फिलीपींस, ब्रुनेई, मलेशिया और वियतनाम भी इसके कुछ हिस्सों पर दावा करते हैं.

क्वाड की इस बैठक में विदेश मंत्री एस. जयशंकर, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, जापानी विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी और ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मारिस पायने ने मेलबर्न में वार्ता से पहले ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन से संयुक्त रूप से मुलाकात की. बता दें कि चीन का सामरिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र में कई देशों के साथ क्षेत्रीय विवाद है और वह क्वाड गठबंधन का इसके गठन के समय से ही विरोध करता रहा है. क्वाड में भारत, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और जापान शामिल हैं.

(पीटीआई-भाषा)

यह भी पढ़ें-मेलबर्न में क्वाड देशों की बैठक संपन्न, प्राथमिकताओं का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध

बीजिंग: चीन ने शुक्रवार को कहा कि उसे आगे बढ़ने से रोकने के लिए क्वाड(Quad) गठबंधन एक उपकरण की तरह है. चीन ने यह भी कहा यह टकराव को तेज करने के लिए जानबूझकर उठाया गया कदम है जो सफल नहीं होगा. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि, 'चीन का मानना ​​है कि अमेरिका(America), जापान(Japan), भारत(India) और ऑस्ट्रेलिया(Australia) द्वारा मिलकर बनाया गया तथाकथित क्वाड समूह चीन को घेरने और अमेरिकी आधिपत्य बनाए रखने के लिए एक उपकरण है.'

क्वाड विदेश मंत्रियों की मेलबर्न में हुई वार्ता शुरू करने संबंधी एक सवाल का जवाब देते हुए झाओ लिजियन ने कहा, 'चीन का मानना ​​है कि क्वाड तंत्र केवल उसे नियंत्रित करने का एक उपकरण है. उन्होंने कहा, यह टकराव को भड़काने और अंतरराष्ट्रीय एकजुटता और सहयोग को कमजोर करने के लिए जानबूझकर उठाया गया कदम है.' उन्होंने यह भी कहा कि, मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि शीत युद्ध लंबा खिंच गया है और चीन को रोकने के उद्देश्य से गठबंधन बनाने का कोई भी प्रयास सफल नहीं होगा.

बैठक में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा था कि चीन क्षेत्र में अधिक आक्रामक तरीके से काम कर रहा है, इसपर झाओ ने कहा कि, अमेरिकी राजनेता द्वारा की गई टिप्पणी कुछ और नहीं बल्कि राजनीतिक झूठ की दोहराना है. क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक के पहले, झाओ ने बुधवार को कहा था कि चीन विशेष गुट बनाने और टकराव को उकसाने संबंधी किसी भी कदम को खारिज करता है. उन्होंने कहा था कि, हमें उम्मीद है कि अमेरिका और अन्य संबंधित देश समय के रुख को समझेंगे, उचित मानसिकता रखेंगे और शीत युद्ध की मानसिकता को त्याग देंगे.

यूक्रेन को लेकर रूस और उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (Nato) देशों के बीच बढ़ते तनाव, अफगानिस्तान संकट और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते दबदबे को लेकर चिंताओं के बीच क्वाड समूह के विदेश मंत्रियों ने शुक्रवार को मेलबर्न में व्यापक बातचीत की थी. चीन लगभग सभी विवादित दक्षिण चीन सागर क्षेत्र पर अपना दावा करता है. हालांकि ताइवान, फिलीपींस, ब्रुनेई, मलेशिया और वियतनाम भी इसके कुछ हिस्सों पर दावा करते हैं.

क्वाड की इस बैठक में विदेश मंत्री एस. जयशंकर, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, जापानी विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी और ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मारिस पायने ने मेलबर्न में वार्ता से पहले ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन से संयुक्त रूप से मुलाकात की. बता दें कि चीन का सामरिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र में कई देशों के साथ क्षेत्रीय विवाद है और वह क्वाड गठबंधन का इसके गठन के समय से ही विरोध करता रहा है. क्वाड में भारत, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और जापान शामिल हैं.

(पीटीआई-भाषा)

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