ETV Bharat / international

श्रीलंकाई राष्ट्रपति के सलाहकार से ईटीवी भारत की विशेष बातचीत

श्रीलंका में 16 नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव होने हैं. भारत के दृष्टिकोण से ये चुनाव अहम माना जा रहा है. भारत-श्रीलंका रिश्तों पर श्रीलंका के भावी प्रशासन का क्या रूख रहेगा, इसे समझने के लिए ईटीवी भारत ने श्रीलंका के राष्ट्रपति के सलाहकार समन वीरासिंघे से बात की. देखें विशेष साक्षात्कार

समन वीरासिंघे से विशेष साक्षात्कार
author img

By

Published : Nov 14, 2019, 5:09 PM IST

Updated : Nov 15, 2019, 3:47 PM IST

कोलंबो: श्रीलंका में 16 नवंबर को राष्ट्रपति का चुनाव होने वाला है. भारत और चीन इस चुनाव पर अपनी करीबी नजरें बनाए हुए हैं. द. एशिया में अपना दबदबा कायम रखने और भू-रणनीतिक दृष्टिकोण के मद्देनजर भी दोनों देश इस चुनाव को देख रहे हैं. हालांकि, श्रीलंकाई राष्ट्रपति के सलाहकार समन वीरासिंघे इसे ऐसा नहीं मानते हैं. ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि श्रीलंका और भारत का संबंध एक हजार साल से भी अधिक पुराना है. हमारा रिश्ता दोस्ती से भी बढ़कर है.

ईटीवी भारत ने समन वीरासिंघे से विशेष बातचीत की. इस दौरान वीरासिंघे ने कहा कि श्रीलंका सबके लिए खुला है. भारत समेत कई देशों ने कोलंबो में कई प्रोजेक्ट को कार्यान्वित किया है. और नई दिल्ली बहुत अच्छा कर रहा है.

उन्होंने कहा कि भारत और श्रीलंका के बीच हजार सालों का संबंध रहा है. जब भी जरूरत पड़ी, दोनों ने एक दूसरे की मदद की है. उन्होंने कहा कि बीजिंग से बढ़ती नजदीकी संबंधों से हमारे रिश्ते प्रभावित नहीं होंगे. मुझे उम्मीद है कि नई दिल्ली आने वाले समय में कोलंबो में और अधिक निवेश करेगा.

श्रीलंकाई राष्ट्रपति के सलाहकार से ईटीवी भारत की विशेष बातचीत

जब उनसे पूछा गया कि चीन श्रीलंका को अपने कर्ज के जाल में उलझा सकता है, इस पर वीरासिंघे ने कहा कि श्रीलंका पर बाहरी कर्ज बहुत कम है. यह 10 फीसदी से भी कम है. लिहाजा, यह हमारे लिए कोई चिंता का विषय नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि विकासशील देश होने की वजह से हमारे देश को अधिक से अधिक निवेश चाहिए. दूसरे देशों के अलावा, चीन भी यहां निवेश कर रहा है. चीन सरकार और वहां की कई कंपनियों ने श्रीलंका में निवेश किया है. आगे उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि भारतीय कंपनियां और भारत सरकार दोनों श्रीलंका के लिए और अधिक काम करेंगे.

saman-weerasinghe
अपने कार्यालय में श्रीलंका के राष्ट्रपति के सलाहकार समन वीरासिंघे

बढ़ते हुए कर्ज को लेकर जब उनसे पूछा गया कि वे कैसे इससे पार पाएंगे, वीरासिंघे ने कहा कि हमारा फोकस प्रत्यक्ष विदेशी निवेश बढ़ाने और इज ऑफ डूइंग बिजनेस पर है. उनके मुताबिक दूसरे एशियाई देशों की तरह हमे हमारी आर्थिक नीतियों को और अधिक उदारीकरण करने की जरूरत है, ताकि बड़ी संख्या में यहां निवेशक आएं. निजी निवेश को आकर्षित करने के लिए हमें उन्हें प्रोत्साहन और अनुकूल अवसर देना होगा. भारत और पाकिस्तान समेत दूसरे देशों की भी कंपनियां इसमें शामिल हैं.

ये भी पढ़ें: करीब 1.6 करोड़ वोटर तय करेंगे 35 उम्मीदवारों की किस्मत, सुर्खियों में हैं राजपक्षे और प्रेमदासा

वीरासिंघे ने आगे कहा कि नए राष्ट्रपति को इन सब पर ध्यान केन्द्रित करना होगा. इसके मद्देनजर अपनी आर्थिक नीति को बनानी होगी. पर्यटन, कृषि निर्यात और दूसरे क्षेत्रों पर ध्यान देना होगा. मुझे उम्मीद है कि श्रीलंका ऐसा करने में जरूर कामयाब होगा.

ये भी पढ़ें: श्रीलंका के राष्ट्रपति चुनाव में अहम होंगे अल्पसंख्यक वोट, देखें एक विशेष साक्षात्कार

दूसरे देशों के साथ राजनयिक संबंधों के बारे में वीरासिंघे ने कहा कि नए राष्ट्रपति को सभी देशों से अच्छे संबंध कायम रखने होंगे. लेकिन एशियन देशों के साथ विशेषकर संबंध और अधिक बेहतर रखने के प्रयास करने होंगे. मुझे उम्मीद है कि नए राष्ट्रपति पड़ोसी देशों से अच्छे संबंध रखेंगे. वर्तमान संबंधों को नई ऊंचाई प्रदान करेंगे.

ये भी पढ़ें: श्रीलंका राष्ट्रपति चुनाव में रिकॉर्ड 35 कैंडिडेट, भारत के नजरिए से समझें अहमियत

चीन के साथ बढ़ती नजदीकी के परिप्रेक्ष्य में जब उनसे पूछा गया कि भारत से किस तरह के रिश्तों को बेहतर रख पाएंगे, उन्होंने कहा कि भारत और श्रीलंका के बीच घनिष्ठ राजनीतिक और सांस्कृतिक संबंध रहे हैं. मुझे उम्मीद है कि आर्थिक संबंध भी जरूर बेहतर होंगे. आने वाले पांच सालों में हमलोग अपने संबंधों को और अधिक प्रगाढ़ करने में कामयाब हो सकेंगे. इसे नई ऊंचाई प्रदान करेंगे.

कोलंबो: श्रीलंका में 16 नवंबर को राष्ट्रपति का चुनाव होने वाला है. भारत और चीन इस चुनाव पर अपनी करीबी नजरें बनाए हुए हैं. द. एशिया में अपना दबदबा कायम रखने और भू-रणनीतिक दृष्टिकोण के मद्देनजर भी दोनों देश इस चुनाव को देख रहे हैं. हालांकि, श्रीलंकाई राष्ट्रपति के सलाहकार समन वीरासिंघे इसे ऐसा नहीं मानते हैं. ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि श्रीलंका और भारत का संबंध एक हजार साल से भी अधिक पुराना है. हमारा रिश्ता दोस्ती से भी बढ़कर है.

ईटीवी भारत ने समन वीरासिंघे से विशेष बातचीत की. इस दौरान वीरासिंघे ने कहा कि श्रीलंका सबके लिए खुला है. भारत समेत कई देशों ने कोलंबो में कई प्रोजेक्ट को कार्यान्वित किया है. और नई दिल्ली बहुत अच्छा कर रहा है.

उन्होंने कहा कि भारत और श्रीलंका के बीच हजार सालों का संबंध रहा है. जब भी जरूरत पड़ी, दोनों ने एक दूसरे की मदद की है. उन्होंने कहा कि बीजिंग से बढ़ती नजदीकी संबंधों से हमारे रिश्ते प्रभावित नहीं होंगे. मुझे उम्मीद है कि नई दिल्ली आने वाले समय में कोलंबो में और अधिक निवेश करेगा.

श्रीलंकाई राष्ट्रपति के सलाहकार से ईटीवी भारत की विशेष बातचीत

जब उनसे पूछा गया कि चीन श्रीलंका को अपने कर्ज के जाल में उलझा सकता है, इस पर वीरासिंघे ने कहा कि श्रीलंका पर बाहरी कर्ज बहुत कम है. यह 10 फीसदी से भी कम है. लिहाजा, यह हमारे लिए कोई चिंता का विषय नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि विकासशील देश होने की वजह से हमारे देश को अधिक से अधिक निवेश चाहिए. दूसरे देशों के अलावा, चीन भी यहां निवेश कर रहा है. चीन सरकार और वहां की कई कंपनियों ने श्रीलंका में निवेश किया है. आगे उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि भारतीय कंपनियां और भारत सरकार दोनों श्रीलंका के लिए और अधिक काम करेंगे.

saman-weerasinghe
अपने कार्यालय में श्रीलंका के राष्ट्रपति के सलाहकार समन वीरासिंघे

बढ़ते हुए कर्ज को लेकर जब उनसे पूछा गया कि वे कैसे इससे पार पाएंगे, वीरासिंघे ने कहा कि हमारा फोकस प्रत्यक्ष विदेशी निवेश बढ़ाने और इज ऑफ डूइंग बिजनेस पर है. उनके मुताबिक दूसरे एशियाई देशों की तरह हमे हमारी आर्थिक नीतियों को और अधिक उदारीकरण करने की जरूरत है, ताकि बड़ी संख्या में यहां निवेशक आएं. निजी निवेश को आकर्षित करने के लिए हमें उन्हें प्रोत्साहन और अनुकूल अवसर देना होगा. भारत और पाकिस्तान समेत दूसरे देशों की भी कंपनियां इसमें शामिल हैं.

ये भी पढ़ें: करीब 1.6 करोड़ वोटर तय करेंगे 35 उम्मीदवारों की किस्मत, सुर्खियों में हैं राजपक्षे और प्रेमदासा

वीरासिंघे ने आगे कहा कि नए राष्ट्रपति को इन सब पर ध्यान केन्द्रित करना होगा. इसके मद्देनजर अपनी आर्थिक नीति को बनानी होगी. पर्यटन, कृषि निर्यात और दूसरे क्षेत्रों पर ध्यान देना होगा. मुझे उम्मीद है कि श्रीलंका ऐसा करने में जरूर कामयाब होगा.

ये भी पढ़ें: श्रीलंका के राष्ट्रपति चुनाव में अहम होंगे अल्पसंख्यक वोट, देखें एक विशेष साक्षात्कार

दूसरे देशों के साथ राजनयिक संबंधों के बारे में वीरासिंघे ने कहा कि नए राष्ट्रपति को सभी देशों से अच्छे संबंध कायम रखने होंगे. लेकिन एशियन देशों के साथ विशेषकर संबंध और अधिक बेहतर रखने के प्रयास करने होंगे. मुझे उम्मीद है कि नए राष्ट्रपति पड़ोसी देशों से अच्छे संबंध रखेंगे. वर्तमान संबंधों को नई ऊंचाई प्रदान करेंगे.

ये भी पढ़ें: श्रीलंका राष्ट्रपति चुनाव में रिकॉर्ड 35 कैंडिडेट, भारत के नजरिए से समझें अहमियत

चीन के साथ बढ़ती नजदीकी के परिप्रेक्ष्य में जब उनसे पूछा गया कि भारत से किस तरह के रिश्तों को बेहतर रख पाएंगे, उन्होंने कहा कि भारत और श्रीलंका के बीच घनिष्ठ राजनीतिक और सांस्कृतिक संबंध रहे हैं. मुझे उम्मीद है कि आर्थिक संबंध भी जरूर बेहतर होंगे. आने वाले पांच सालों में हमलोग अपने संबंधों को और अधिक प्रगाढ़ करने में कामयाब हो सकेंगे. इसे नई ऊंचाई प्रदान करेंगे.

Intro:Body:Conclusion:
Last Updated : Nov 15, 2019, 3:47 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.