उदयपुर. झीलों की नगरी उदयपुर में बुधवार से तीन दिवसीय जेंडर रेस्पॉन्सिव गवर्नेंस पर कार्यशाला का आगाज हुआ. शहर के एक होटल में आयोजित इस कार्यशाला में 6 प्रदेशों की 45 से ज्यादा विधायक भाग ले रही (Gender Responsive Governance Workshop in Udaipur) हैं. यह तीन दिवसीय कांफ्रेंस राष्ट्रीय महिला आयोग की ओर से आयोजित की जा रही है. बुधवार को कांफ्रेंस के पहले दिन तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसै सौंदरराजन कार्यक्रम में पहुंची. उन्होंने महिला विधायकों से संवाद किया.
इस दौरान राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा भी मौजूद थीं. वहीं 6 अलग-अलग राज्यों से पहुंची करीब 45 महिला विधायकों ने कार्यक्रम में भाग लिया. इस कार्यक्रम में पहुंचे सभी महिला जनप्रतिनिधियों का मेवाड़ी परंपरा अनुसार स्वागत किया गया. यह तीन दिवसीय कार्यशाला विभिन्न मुद्दों पर आयोजित की गई है. इस कार्यशाला का प्राथमिक उद्देश्य सभी स्तरों पर महिला जनप्रतिनिधियों के नेतृत्व में कौशल सुधार करना और उनकी क्षमता को बढ़ाना है. उनको अपनी शक्तियों के प्रति संवेदनशील बनाना, उनकी सहायता करना और आत्म जागरूकता का स्तर बढ़ाना है. ताकि उन्हें विविध चुनौतीपूर्ण रास्तों पर आगे बढ़ाने में मदद मिले.
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बुधवार को इस कार्यक्रम के पहले दिन तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसै सौंदरराजन ने पहले सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि मैं आप सभी महिला जनप्रतिनिधि से मिलने के लिए तेलंगाना से आई हूं. आप सभी महिला जनप्रतिनिधि समाज के स्तर को बढ़ाने और समाज में बेहतरीन सेवा करना चाहती हैं. राज्यपाल ने कहा कि महिलाओं के लिए राजनीति में आना आसान काम नहीं है. लेकिन आप सभी ने चुनौतियों को पार किया और आगे बढ़ी है. बता दें कि 3 दिन तक चलने वाली इस कार्यशाला में राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र और उड़ीसा की विधायक शामिल हो रही हैं. 23 सितंबर को विदाई कार्यक्रम के मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके होंगी.