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झालावाड़: गिव अप अभियान का दिखा असर, 515 अपात्र परिवारों को खाद्य सुरक्षा सूची से किया बाहर - FOOD SECURITY SCHEME

झालावाड़ में खाद्य सुरक्षा योजना के 515 अपात्र परिवारों को सूची से किया बाहर किया गया है.

515 अपात्र परिवारों को खाद्य सुरक्षा सूची से किया बाहर
515 अपात्र परिवारों को खाद्य सुरक्षा सूची से किया बाहर (ETV Bharat Jhalawar)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 9, 2025, 12:41 PM IST

झालावाड़ : सरकारी राशन का दुरुपयोग करने वाले अपात्र व्यक्तियों को खाद्य सुरक्षा सूची से अपना नाम हटवाने का एक और अवसर दिया गया है. रसद विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि यदि 28 फरवरी 2025 तक अपात्र व्यक्तियों ने अपना नाम योजना से नहीं हटवाया, तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी और 27 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से गेहूं की राशि वसूल की जाएगी.

जिला रसद अधिकारी देवराज रवि ने बताया कि प्रदेश सरकार का उद्देश्य यह है कि खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ केवल पात्र व्यक्तियों को मिले, लेकिन जिले में बड़ी संख्या में अपात्र लोग भी इस योजना से जुड़े हुए हैं और सरकारी अनाज का लाभ ले रहे हैं. इस कारण विभाग ने अपात्र परिवारों को अपना नाम हटवाने के लिए 'गिव अप' अभियान के तहत प्रेरित करना शुरू किया है. यदि अपात्र व्यक्तियों ने अपना नाम सूची से नहीं हटवाया तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी और 27 रुपए प्रति किलोग्राम गेहूं के हिसाब से राशि वसूल की जाएगी. अभियान के बाद केवल वंचित और जरूरतमंद पात्र व्यक्तियों को ही इस योजना का लाभ मिलेगा.

इसे भी पढ़ें- फ्री राशन ले रहे 44 अपात्र लाभार्थियों को रसद विभाग ने भेजा नोटिस, 'गिव अप' के लिए 28 फरवरी तक मौका

515 अपात्र निष्कासित : विभाग ने अब तक 515 अपात्र परिवारों को खाद्य सुरक्षा योजना से निष्कासित किया है. जिला रसद अधिकारी ने बताया कि जो भी परिवार या व्यक्ति स्वेच्छा से अपना नाम खाद्य सुरक्षा सूची से हटवाना चाहता है, वह अपने राशन डीलर को प्रपत्र भरकर जमा करवा सकता है. इसके अलावा, जिला रसद कार्यालय और उपखण्ड कार्यालय में संपर्क करके भी अपना नाम हटवाया जा सकता है. नाम हटाने के लिए आवेदन प्रपत्र राशन डीलर से मुफ्त प्राप्त किया जा सकता है.

'गिव अप' अभियान क्या है : रसद विभाग ने पात्र और जरूरतमंद परिवारों को खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ दिलाने के लिए 'गिव अप' अभियान शुरू किया है. इस अभियान के तहत फिलहाल उन परिवारों को सूची से बाहर करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, जिनके किसी सदस्य का सरकारी, अर्ध-सरकारी या स्वायत्त संस्थाओं में पद है, जिनकी कुल आय सालाना 1 लाख रुपये से अधिक है, या जिनके पास निजी चौपहिया वाहन है. समय सीमा के बाद विभाग कठोर कार्रवाई करेगा और खाद्य सुरक्षा योजना के तहत वितरित किए गए अनाज की रकम की वसूली करेगा.

झालावाड़ : सरकारी राशन का दुरुपयोग करने वाले अपात्र व्यक्तियों को खाद्य सुरक्षा सूची से अपना नाम हटवाने का एक और अवसर दिया गया है. रसद विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि यदि 28 फरवरी 2025 तक अपात्र व्यक्तियों ने अपना नाम योजना से नहीं हटवाया, तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी और 27 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से गेहूं की राशि वसूल की जाएगी.

जिला रसद अधिकारी देवराज रवि ने बताया कि प्रदेश सरकार का उद्देश्य यह है कि खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ केवल पात्र व्यक्तियों को मिले, लेकिन जिले में बड़ी संख्या में अपात्र लोग भी इस योजना से जुड़े हुए हैं और सरकारी अनाज का लाभ ले रहे हैं. इस कारण विभाग ने अपात्र परिवारों को अपना नाम हटवाने के लिए 'गिव अप' अभियान के तहत प्रेरित करना शुरू किया है. यदि अपात्र व्यक्तियों ने अपना नाम सूची से नहीं हटवाया तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी और 27 रुपए प्रति किलोग्राम गेहूं के हिसाब से राशि वसूल की जाएगी. अभियान के बाद केवल वंचित और जरूरतमंद पात्र व्यक्तियों को ही इस योजना का लाभ मिलेगा.

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515 अपात्र निष्कासित : विभाग ने अब तक 515 अपात्र परिवारों को खाद्य सुरक्षा योजना से निष्कासित किया है. जिला रसद अधिकारी ने बताया कि जो भी परिवार या व्यक्ति स्वेच्छा से अपना नाम खाद्य सुरक्षा सूची से हटवाना चाहता है, वह अपने राशन डीलर को प्रपत्र भरकर जमा करवा सकता है. इसके अलावा, जिला रसद कार्यालय और उपखण्ड कार्यालय में संपर्क करके भी अपना नाम हटवाया जा सकता है. नाम हटाने के लिए आवेदन प्रपत्र राशन डीलर से मुफ्त प्राप्त किया जा सकता है.

'गिव अप' अभियान क्या है : रसद विभाग ने पात्र और जरूरतमंद परिवारों को खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ दिलाने के लिए 'गिव अप' अभियान शुरू किया है. इस अभियान के तहत फिलहाल उन परिवारों को सूची से बाहर करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, जिनके किसी सदस्य का सरकारी, अर्ध-सरकारी या स्वायत्त संस्थाओं में पद है, जिनकी कुल आय सालाना 1 लाख रुपये से अधिक है, या जिनके पास निजी चौपहिया वाहन है. समय सीमा के बाद विभाग कठोर कार्रवाई करेगा और खाद्य सुरक्षा योजना के तहत वितरित किए गए अनाज की रकम की वसूली करेगा.

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