उदयपुर. मेवाड़-वागड़ में लंबे समय से हाईकोर्ट बेंच की स्थापना की मांग की जा रही है. मांग पूरी नहीं होने के चलते (Advocates Demanding High Court Bench In Udaipur) सोमवार को उदयपुर न्यायालय में कामकाज ठप रहा. पिछले 35 वर्षों से लगातार यह मांग की जा रही है. अधिवक्ताओं ने न्यायिक कार्यों का सोमवार को बहिष्कार करते हुए सरकार से हाईकोर्ट बेंच की मांग की. इस दौरान अधिवक्ताओं ने कोर्ट परिसर के मुख्य द्वार पर धरना दिया और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. इस अवसर पर भारी संख्या में अधिवक्ता मुख्य गेट के बाहर धरने पर बैठे गए.
बार एसोसिएशन अध्यक्ष गिरजा शंकर मेहता ने बताया कि हाईकोर्ट बेंच की मांग को लेकर मेवाड़-वागड़ अंचल के लोग लगातार मांग कर रहे हैं. इसे लेकर अधिवक्ता लगातार प्रयास करने में जुटे हुए हैं. लेकिन अभी सरकार ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया. जिसकी वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कोर्ट परिसर के बाहर वकीलों ने धरना (Lawyers Protest In Udaipur) देकर सरकार से हाईकोर्ट बेंच स्थापित करने की मांग रखी.
उन्होंने बताया कि उदयपुर में पिछले 35 सालों से वकील अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं. इसके बावजूद सरकार इस पर कोई ध्यान नहीं दे रही. इस दौरान वकीलों ने कहा कि मेवाड़ आदिवासी इलाका है. यहां गरीब तबके के आदिवासी लोगों को सुलभ न्याय के लिए अब तक सरकार को उदयपुर में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना कर देनी चाहिए थी. ऐसे में अगर सरकार वकीलों की इस मांग को नहीं मानेगी तो आंदोलन किया जाएगा.
गौरतलब है कि हर महीने की 7 तारीख अधिवक्तागण धरना देते हैं. लेकिन इस बार वरिष्ठ अधिवक्ताओं के साथ नव कार्यकारिणी ने एक बार फिर से अपने आंदोलन को नए सिरे से करने की आवाज बुलंद की. इस दौरान कोर्ट चौराहें पर अधिवक्ताओं ने मानव श्रृंखला बनाई. इसके बाद कलेक्ट्रेट पर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया. साथ ही सरकार को चेतावनी देते हुए कहा गया कि अगर समय रहते उदयपुर में याद हाईकोर्ट बेंच की स्थापना नहीं की गई तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा.