उदयपुर. मेवाड़ की वल्लभनगर विधानसभा उपचुनाव सीट पर इस बार बेहद दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल रहा है. सभी दल अपने-अपने प्रत्याशियों के लिए प्रचार में लगे है. इस बार वल्लभनगर में चतुष्कोणिय मुकाबला देखने को मिल रहा है. चुनाव में शक्तावत परिवार की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. वल्लभनगर विधानसभा सीट पर हमेशा शक्तावत परिवार का दबदबा रहा है. पूर्व मंत्री एवं दिग्गज कांग्रेस नेता स्वर्गीय गुलाब सिंह शक्तावत कई बार चुनाव जीते हैं. उनके निधन के बाद उनके पुत्र विधायक रहे.
कांग्रेस ने इस बार भी शक्तावत पर दांव खेला है. दिवगंत विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत की पत्नी प्रीति शक्तावत को टिकट दिया है. ऐसे में उप चुनाव का परिणाम शक्तावत का राजनीतिक भविष्य तय करेगा. इस चुनाव में शक्तावत परिवार की राजनीतिक विरासत को बरकरार रखना महत्वपूर्ण है. वल्लभनगर विधानसभा उपचुनाव सीट पर इस चतुष्कोणिय मुकाबला दिखाई दे रहा है.
वल्लभनगर विधानसभा उपचुनाव में 9 प्रत्याशी मैदान में
वल्लभनगर विधानसभा उपचुनाव में 9 प्रत्याशी मैदान में है. लेकिन खासकर 4 प्रत्याशियों के बीच में बेहद दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल रहा है.इसलिए सभी पार्टी के प्रत्याशी जी जान लगाकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं. वल्लभनगर के इस उपचुनाव में भाजपा,कांग्रेस और जनता सेना के अलावा आरएलपी भी दमखम के साथ चुनाव लड़ रही है. ऐसे में चारों ही पार्टियों के प्रत्याशियों के लिए चुनाव किसी परीक्षा से कम नहीं है. क्योंकि इन चारों ही प्रत्याशियों की राजनीतिक भविष्य और वर्तमान इस उपचुनाव पर टिका हुआ है. इसलिए इस उपचुनाव में जो भी परिणाम निकल कर आएगा वह इन चारों ही प्रत्याशियों के लिए महत्वपूर्ण होगा.
वल्लभनगर के उपचुनाव में कांग्रेस ने प्रीति शक्तावत को मैदान में उतारा है. वल्लभनगर की राजनीति पर नजर डालें तो शक्तावत परिवार का दबदबा देखने को मिला है. प्रीति शक्तावत के ससुर गुलाब सिंह शक्तावत यहां से लंबे समय तक एमएलए रहे. इसके बाद उनके पुत्र गजेंद्र सिंह शक्तावत चुनाव जीते. उनके निधन के बाद उनकी पत्नी को पार्टी ने मैदान में उतारा है. हालांकि, टिकट बंटवारे के दौरान कांग्रेस पार्टी से वल्लभनगर का चुनाव लड़ने वाले दर्जनभर दावेदार मैदान में थे. लेकिन इसके बावजूद भी पार्टी ने प्रीति पर विश्वास जताया है. प्रीति का पहला चुनाव है. उनके लिए जीतना महत्वपूर्ण है. उपचुनाव में गजेंद्र सिंह शक्तावत के बड़े भाई देवेंद्र सिंह शक्तावत भी टिकट मांग रहे थे.
भाजपा उम्मीदवार के लिए राह आसान नहीं
वल्लभनगर विधानसभा सीट पर लंबे अरसे से भाजपा जीतने में सफल नहीं हो पाई है. इस बार भाजपा ने एक नए युवा प्रत्याशी हिम्मत सिंह झाला को मैदान में उतारा है. हालांकि. झाला के लिए चुनाव बेहद महत्वपूर्ण. क्योंकि अगर वह चुनाव को जीते हैं तो लंबे समय से भाजपा का सूखा खत्म हो जाएगा. इस उपचुनाव में सबसे ज्यादा प्रतिष्ठा जनता सेना प्रमुख रणधीर सिंह भींडर की भी लगी हुई है. चुनाव जीतने पर भींडर का कद राज्य स्तर पर बढ़ जाएगा. भाजपा को भींडर के बारे में गंभीरता से सोचना पड़ेगा.
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आरएलपी के डांगी पैर जमाने की कोशिश में
भाजपा के पूर्व उम्मीदवार रहे उदय लाल डांगी को भाजपा ने इस बार टिकट नहीं दिया है. ऐसे में उन्हें बगावत कर आरएलपी का दामन थाम लिया. हालांकि, पिछले चुनाव में उन्हें अच्छे खासे मत मिले थे. ऐसे में अगर उदय लाल डांगी इस वल्लभनगर के चुनाव में अपना पैर जमाने में सफल हो पाए तो आरएलपी के उदय के साथ ही उनके कद में भी इजाफा होग. वहीं, उनके टिकट कटवाने वालों पर कई सवाल खड़े होंगे. अगर वे चुनाव हार जाते हैं तो उनके राजनीतिक भविष्य पर सवाल खड़े होंगे.
अब देखना होगा कि इन चारों के ही भविष्य के पिटारे में 2 नवंबर को क्या जनादेश निकल कर आता है. हालांकि अब तक के वल्लभनगर के चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला होता आया है. लेकिन इस बार आरएलपी के मैदान में होने के बाद चतुष्कोणिय हो गया है.