उदयपुर. मेवाड़ की 2 विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर इस बार सबसे ज्यादा निगाहें वल्लभनगर पर टिकी हुई है. क्योंकि यहां इस बार चतुष्कोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है. लंबे समय से भाजपा के वल्लभनगर में कद्दावर नेता रहे उदयलाल डांगी को भाजपा की टिकट नहीं मिलने से उन्होंने भाजपा से बगावत कर आरएलपी का दामन थाम लिया.
उदयलाल डांगी का भाजपा के उन नेताओं मैं नाम शामिल है जिन्होंने वल्लभनगर में भाजपा को जमीनी स्तर तक मजबूत किया था. लेकिन इस बार पार्टी ने उन पर विश्वास नहीं जताया और उन्हें टिकट नहीं दिया. ऐसे में कार्यकर्ता और पदाधिकारियों की राय लेकर डांगी ने हनुमान बेनीवाल की पार्टी का आरएलपी का दामन थामा है.
भाजपा के लिए दिन-रात एक किया, लेकिन..
ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए उदयलाल ने कहा कि डांगी ने कहा कि मुझे दुख है कि मैंने भारतीय जनता पार्टी के लिए दिन रात एक कर वल्लभनगर में पार्टी को आगे बढ़ाने का काम किया था. मुझे उस वक्त जिम्मेदारी सौंपी गई थी जब भारतीय जनता पार्टी की जमानत जप्त हो चुकी थी. मैंने भाजपा को लगातार मजबूत किया.
इसके बाद भाजपा के दो प्रधान पूर्ण बहुमत के साथ बने. डांगी ने कहा कि नेताओं के कहने पर ही मैंने नामांकन दाखिल किया था, मैंने सोचा जिस तरह से मोदी कार्य करते हैं उसके आधार पर मुझे जरूर पार्टी सिंबल देगी. लेकिन जब सिंबल नहीं मिला तो सब कार्यकर्ता और पदाधिकारी यहां मेरे आवास पहुंचे. कार्यकर्ताओं के कहने से मैंने आरएलपी का दामन थाम लिया.
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इस वजह से थामा बेनीवाल की पार्टी का दामन
उदयलाल डांगी ने कहा कि हनुमान बेनीवाल युवाओं-किसानों की आवाज उठाते हैं. लोकसभा में सांसद भी हैं. वे वल्लभनगर के मुद्दों को भी उठाएंगे, साथ ही राजस्थान में उनके विधायक हैं कोई भी समस्या होगी तो बताने में आसानी रहेगी. हमारे विकास के रोजगार के बात पहुंचाने के लिए काम कर रहे हैं.
डांगी ने कहा कि मैं कार्यकर्ताओं के दम पर कह सकता हूं कि हम जीत हासिल करेंगे. इस बार का चुनाव मेरा नहीं बल्कि कार्यकर्ताओं का है. उन्होंने कहा कि पिछले 3 साल में कांग्रेस ने भी कोई कार्य नहीं किया है. कांग्रेस झूठे वादे कर सत्ता में आई और अब सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर रही है.
डांगी ने कहा कि हमें कार्यकर्ताओं के साथ काम करना होगा और नए सिरे से अधिक मेहनत नहीं करनी पड़ेगी. भाजपा जितने भी कार्य गिना रही है वे सब मेरे किये हुए हैं. भाजपा के पास कुछ नहीं बचा है.