जयपुर. उदयपुर जिले के ग्रामीण थाना क्षेत्र में 11 फरवरी की रात आदिवासी किशोरी के साथ हुए गैंगरेप (Udaipur Gang Rape Case) और इसकी शिकायत करने पहुंची पीड़िता को थाना अधिकारी की ओर से समझौते का दबाव (Negotiation Pressure On Udaipur Gang Rape Victim) बनाने के मामले में राज्य मानव अधिकार आयोग (Rajasthan Human Rights Commission) ने संज्ञान लिया है. इस मामले में मीडिया में प्रकाशित खबरों को आधार मानते हुए आयोग अध्यक्ष जस्टिस जीके व्यास ने उदयपुर पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी कर 21 फरवरी तक तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है.
आयोग अध्यक्ष जस्टिस जीके व्यास ने अपने आदेश में बताया कि मीडिया में छपी खबरों के अनुसार 15 वर्षीय किशोरी एक कार्यक्रम से रात को अपने भाई के साथ घर लौट रही थी. इसी दौरान 6-7 लड़कों ने उन्हें रोक लिया और किशोरी को पकड़ कर जंगल में ले गए और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म (Udaipur Gang Rape Case) किया.
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जब दूसरे दिन पीड़ित और परिजन थाने में रिपोर्ट कराने गए तो पुलिस अधिकारी ने उसे आपसी झगड़ा बताते हुए समझौते का दबाव बनाया. साथ ही सुबह 10 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक पीड़िता को थाने में ही बैठाए रखा.
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आयोग ने मीडिया में प्रकाशित खबरों के आधार पर इस घटना को गंभीर मानते हुए स्वप्रेरणा संज्ञान (Self Cognition) लिया और प्रकरण भी दर्ज किया. साथ ही उदयपुर पुलिस अधीक्षक से कुछ बिंदुओं पर रिपोर्ट भी मांगी है. जिसमें थाना अधिकारी की ओर से रिपोर्ट दर्ज नहीं करने के कारण, पीड़िता को दिनभर बैठाए रखने, घटना को आपसी झगड़ा बता कर समझौता कराए जाने का कारण और घटना में लिप्त आरोपियों को अब तक गिरफ्तार नहीं किए जाने का कारण पूछा गया है. साथ ही यह भी जानकारी चाही है कि इस पूरे मामले में अब तक क्या-क्या कार्रवाई की गई है.