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उदयपुर में 40 साल से हाईकोर्ट बेंच का इंतजार...हर माह 7 तारीख को वकील करते हैं प्रदर्शन

उदयपुर-मेवाड़-वागड़ में पिछले चार दशक से उदयपुर में हाईकोर्ट बेंच की (protest over setting of udaipur high court bench) स्थापना की मांग की जा रही है. लेकिन अभी तक भी यह मांग धरातल तक नहीं उतर पाई. पिछले 40 साल में कई सरकारें आईं और चली गई, लेकिन उदयपुर में हाईकोर्ट बेंच की मांग अधूरी ही रह गई.

lawyers protest over setting of high court bench in udaipur
उदयपुर में 40 साल से हाईकोर्ट बेंच का इंतजार
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Published : Mar 11, 2022, 6:19 PM IST

उदयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट की बेंच उदयपुर में खोलने को लेकर पिछले 40 साल से इंतजार और प्रदर्शन जारी है. वकील उदयपुर में (protest over setting of udaipur high court bench) हाईकोर्ट बेंच की मांग कर रहे हैं, इसके पीछे वे कई तरह के तर्क भी दे रहे हैं, लेकिन किसी भी सरकार ने इसकी सुध नहीं ली है. पिछले 40 साल में कई सरकारें आईं और चली गई. लेकिन मांग आज भी जस की तस बनी हुई है.

हाईकोर्ट बेंच नहीं होने के कारण उदयपुर के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के लोगों को जोधपुर के चक्कर काटने पड़ते हैं. ज्यादातर आदिवासी ग्रामीण बहुल इलाकों के लोगों के मामले जोधपुर में ही चल रहे हैं. ऐसे में सुनवाई और तारीख पर जाने के लिए लोगों को काफी समस्याओं से जूझना पड़ता है. बार एसोसिएशन अध्यक्ष गिरजा शंकर मेहता ने बताया कि हाईकोर्ट बेंच को लेकर मेवाड़-वागड़ अंचल के लोग लगातार मांग कर रहे हैं. इसे लेकर अधिवक्ता भी लगातार प्रयास में जुटे हुए हैं, लेकिन अभी सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है. इसकी वजह से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

हाईकोर्ट बेंच की मांग को लेकर वकील कर रहे प्रदर्शन

पढ़ेंः पढ़ें- Rajasthan Highcourt Order: एकल पट्टा प्रकरण में प्रोटेस्ट पिटिशन पर सरकारी वकील को सुनकर करें फैसला

उन्होंने कहा कि मेवाड़ के कई बड़े-बड़े नेता हैं जिन्होंने हमारी मांग को लेकर सक्रियता नहीं दिखाई, यही वजह है कि अभी तक उदयपुर में हाईकोर्ट बेंच लाने में सफलता नहीं मिल रही है. अगर उदयपुर में भी हाईकोर्ट बैंच की स्थापना होती है, तो सुदूर आदिवासी इलाकों के लोगों जोधपुर जाने से राहत मिलेगी. उन्होंने बताया कि हर महीने की 7 तारीख को अधिवक्तागण धरना देते हैं, लेकिन इस बार वरिष्ठ अधिवक्ताओं के साथ नव कार्यकारिणी ने भी एक बार फिर से अपने आंदोलन को नए सिरे से शुरू करने के लिए आवाज बुलंद की है. लेकिन अभी तक भी इस और कोई विशेष सुनवाई नहीं हुई है.

पढ़ें-वकील के बार-बार 'सर' कहने पर नाराज हुईं जस्टिस रेखा पल्ली, कहा- क्या यह कुर्सी केवल सर के लिए है?

40 सालों से चल रहा संघर्ष: उन्होंने बताया कि उदयपुर में पिछले 40 सालों से वकील अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं. इसके बावजूद सरकार इस पर कोई ध्यान नहीं दे रही. इस दौरान वकीलों ने कहा कि मेवाड़ आदिवासी इलाका है, यहां गरीब तबके के आदिवासी लोगों को सुलभ न्याय के लिए सरकार को उदयपुर में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना कर देनी चाहिए थी.

ऐसे में अगर सरकार वकीलों की इस मांग को नहीं मानेगी तो आने वाले समय में आंदोलन किया जाएगा. बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष भरत जोशी ने बताया कि राजस्थान में सबसे ज्यादा उदयपुर अपराधिक मामले उदयपुर संभाग में सामने आते हैं. यहां सबसे ज्यादा सुनवाई और टीएसपी एरिया होने के कारण हाई कोर्ट बेंच होना सर्वाधिक जरूरी है.

उदयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट की बेंच उदयपुर में खोलने को लेकर पिछले 40 साल से इंतजार और प्रदर्शन जारी है. वकील उदयपुर में (protest over setting of udaipur high court bench) हाईकोर्ट बेंच की मांग कर रहे हैं, इसके पीछे वे कई तरह के तर्क भी दे रहे हैं, लेकिन किसी भी सरकार ने इसकी सुध नहीं ली है. पिछले 40 साल में कई सरकारें आईं और चली गई. लेकिन मांग आज भी जस की तस बनी हुई है.

हाईकोर्ट बेंच नहीं होने के कारण उदयपुर के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के लोगों को जोधपुर के चक्कर काटने पड़ते हैं. ज्यादातर आदिवासी ग्रामीण बहुल इलाकों के लोगों के मामले जोधपुर में ही चल रहे हैं. ऐसे में सुनवाई और तारीख पर जाने के लिए लोगों को काफी समस्याओं से जूझना पड़ता है. बार एसोसिएशन अध्यक्ष गिरजा शंकर मेहता ने बताया कि हाईकोर्ट बेंच को लेकर मेवाड़-वागड़ अंचल के लोग लगातार मांग कर रहे हैं. इसे लेकर अधिवक्ता भी लगातार प्रयास में जुटे हुए हैं, लेकिन अभी सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है. इसकी वजह से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

हाईकोर्ट बेंच की मांग को लेकर वकील कर रहे प्रदर्शन

पढ़ेंः पढ़ें- Rajasthan Highcourt Order: एकल पट्टा प्रकरण में प्रोटेस्ट पिटिशन पर सरकारी वकील को सुनकर करें फैसला

उन्होंने कहा कि मेवाड़ के कई बड़े-बड़े नेता हैं जिन्होंने हमारी मांग को लेकर सक्रियता नहीं दिखाई, यही वजह है कि अभी तक उदयपुर में हाईकोर्ट बेंच लाने में सफलता नहीं मिल रही है. अगर उदयपुर में भी हाईकोर्ट बैंच की स्थापना होती है, तो सुदूर आदिवासी इलाकों के लोगों जोधपुर जाने से राहत मिलेगी. उन्होंने बताया कि हर महीने की 7 तारीख को अधिवक्तागण धरना देते हैं, लेकिन इस बार वरिष्ठ अधिवक्ताओं के साथ नव कार्यकारिणी ने भी एक बार फिर से अपने आंदोलन को नए सिरे से शुरू करने के लिए आवाज बुलंद की है. लेकिन अभी तक भी इस और कोई विशेष सुनवाई नहीं हुई है.

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40 सालों से चल रहा संघर्ष: उन्होंने बताया कि उदयपुर में पिछले 40 सालों से वकील अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं. इसके बावजूद सरकार इस पर कोई ध्यान नहीं दे रही. इस दौरान वकीलों ने कहा कि मेवाड़ आदिवासी इलाका है, यहां गरीब तबके के आदिवासी लोगों को सुलभ न्याय के लिए सरकार को उदयपुर में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना कर देनी चाहिए थी.

ऐसे में अगर सरकार वकीलों की इस मांग को नहीं मानेगी तो आने वाले समय में आंदोलन किया जाएगा. बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष भरत जोशी ने बताया कि राजस्थान में सबसे ज्यादा उदयपुर अपराधिक मामले उदयपुर संभाग में सामने आते हैं. यहां सबसे ज्यादा सुनवाई और टीएसपी एरिया होने के कारण हाई कोर्ट बेंच होना सर्वाधिक जरूरी है.

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