उदयपुर. प्रदेश की 4 राज्यसभा सीटों पर हो रहे चुनावी दंगल के बीच कांग्रेस की ओर से उदयपुर में की गई बाड़ेबंदी में आखिरकार बीटीपी के दोनों विधायक भी पहुंच गए (BTP MLAs reached Congress barricading) हैं. बीटीपी विधायक राजकुमार रोत और रामप्रसाद बाड़ेबंदी में शामिल हो गए हैं. इस बीच प्रदेश के गृह राज्य मंत्री राजेंद्र कुमार यादव मंगलवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि बीटीपी के विधायक पहले भी हमारे साथ थे और आगे भी रहेंगे.
जानकारी के मुताबिक बीटीपी के विधायकों की ओर से काकरी डूंगरी विवाद के मामले में जो मांग रखी थी.उसे सरकार ने मान लिया है. इसे लेकर गृह राज्य मंत्री राजेंद्र कुमार यादव ने कहा कि भारतीय ट्राइबल पार्टी के दोनों विधायकों ने मुख्यमंत्री गहलोत से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने आदिवासी अंचल के विभिन्न मुद्दों सहित काकडी डूंगरी विवाद पर बातचीत की है. मंत्री राजेंद्र यादव ने कहा कि काकरी डूंगरी विवाद की सरकार जांच करवाएगी.
उन्होंने कहा कि इस मामले में जो मुकदमे दर्ज हुए हैं, उसके कारण कई युवाओं की नौकरी नहीं लग पा र ही है. ऐसे में सरकार इस मामले की जांच कराकर निस्तारण करेगी. उन्होंने कहा कि पूरे मामले में जिन पर मामले दर्ज हुए हैं. इन सभी सरकार फिर से जांच करवाएगी. इस दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी तीनों राज्यसभा की सीटों पर जीतेगी. उन्होंने कहा कि बीटीपी के विधायक पहले से ही हमारे साथ हैं. वहीं राज्यसभा सांसद नीरज डांगी भी ताज अरावली रिसोर्ट पहुंचे. उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए तीनों सीटें जीतने का दावा किया. उन्होंने कहा कि यह बाड़ेबंदी नहीं बल्कि कांग्रेस पार्टी का सभी विधायकों के साथ गेट टु गेदर है. इस दौरान सभी विधायकों को राज्यसभा के चुनाव के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है. किस तरह से विधायकों को वोट कास्ट करने हैं. क्योंकि इस बार चार नहीं बल्कि 5 प्रत्याशी मैदान में हैं.
बीटीपी ने कांग्रेस को समर्थन देने लिया फैसलाः बीटीपी के दोनों विधायकों ने अपने आदिवासी नेताओं के साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की और अपनी बात रखी एवं एक सकारात्मक चर्चा हुई. उसके बाद बीटीपी ने राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को समर्थन देने का फैसला लिया. लेकिन बीटीपी विधायकों ने होटल में नहीं रुककर सर्किट हॉउस या अन्य जगह रुकने की बात कही. प्रतिनिधिमंडल में विधायक रामप्रसाद डिंडोर, राजकुमार रोत, कांतिभाई आदिवासी, प्रोफेसर मणिलाल गरासिया एवं मोहनलाल रोत उपस्थित थे.