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... और इस तरह आप भी बन सकते हैं खदान के मालिक - खदान

उदयपुर. राजस्थान में लगभग 33,000 खदानें है. इन खदानों से सोना, चांदी, अभ्रक, मार्बल, ग्रेनाइट जैसे कई बेशकीमती उत्पाद निकलते हैं. इन खदानों की खान विभाग की ओर से ऑनलाइन नीलामी प्रक्रिया की जाती है. वहीं खान विभाग एक बार फिर अपनी खदानों की नीलामी करने जा रहा है. आइए आपको भी बताते हैं कि किस तरह आप इस पूरी प्रक्रिया में हिस्सा ले सकते हैं और कितना सरल है राजस्थान में खदान का मालिक बनना.

आप भी बन सकते हैं खदान के मालिक
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Published : Feb 2, 2019, 1:06 PM IST

राजस्थान खान विभाग की ओर से अपनी खदानों की ऑनलाइन नीलामी की जाती है. आपको बता दें कि राजस्थान में मुख्यतः दो प्रकार की खान है, जिसमें मेजर मिनरल और माइनर मिनिरल शामिल है. मेजर मंडल में सोना चांदी कोयला और सीमेंट कंक्रीट शामिल होती है, बाकी सभी अन्य स्टोंस माइनर मिनरल में शामिल होते हैं.

इस पूरी प्रक्रिया में शामिल होने के लिए आपको सबसे पहले केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत एम एस टी सी संस्थान में रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के आजीवन ₹10000 शुल्क लिया जाता है. इसके बाद आप देशभर में किसी भी खदान को लीज पर लेने के लिए आवेदन कर सकते हैं.

एमएसटीसी पर रजिस्टर्ड होना आवश्यक
आपको बता दें कि राजस्थान खान विभाग द्वारा अपनी सभी खदानों की ऑनलाइन नीलामी की जाती है. इस प्रक्रिया में शामिल होने के लिए भी आपको एमएसटीसी पर रजिस्टर्ड होना आवश्यक है. राजस्थान खान विभाग द्वारा खदानों की नीलामी से 1 महीने पहले विभाग की वेबसाइट अखबार पर इसकी विज्ञप्ति जारी की जाती है और जब तक विभाग की नीलामी शुरू नहीं हो जाती तब तक इस पूरी प्रक्रिया को काफी गुप्त रखा जाता है. आपको बता दें कि नीलामी 2 घंटे तक चलती है और अगर नीलामी के अंतिम 8 मिनट में कोई भी व्यक्ति बोली लगाता है तो नीलामी 8 मिनट और बढ़ जाती है इसके बाद में अंतिम बोली लगने पर खान विभाग की ओर से बोली लगाने वाले को एक निश्चित समय अवधि तक अपने डाक्यूमेंट्स और माइनिंग परमिशन खान विभाग में जमा करवानी होती है. इसके बाद खान विभाग जहां सालाना लीज राशि वसूल करता है तो वही उस खदान मालिक से माइनिंग के पैटे रॉयल्टी वसूल करता है.

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आपको बता दें कि लीज राशि और रॉयल्टी राशि खदान पर निर्भर होती है. हर धातु और स्टोन की खदान की अलग लीज राशि और रॉयल्टी राशि होती .है खान विभाग में हुए घोटाले के बाद इस पूरी नीलामी प्रक्रिया को ऑनलाइन किया गया था. जिसके बाद जाएं इस प्रक्रिया में पारदर्शिता आई है तो वहीं खदान मालिक भी अब देश दुनिया के किसी भी कोने में बैठ कर बोली लगाने की सहूलियत भी मिली है. कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि अगर आप भी राजस्थान की किसी खदान के मालिक बनना चाहते हैं तो आप एमएसटीसी में रजिस्ट्रेशन करवाकर खान विभाग की आने वाली नीलामी प्रक्रिया में शामिल हो सकते हैं. इस प्रक्रिया में शामिल होने के लिए आपको सिर्फ खान विभाग की वेबसाइट पर जारी होने वाली सूचना को ध्यान में रखना है और बोली लगाकर एक खदान के मालिक बन सकते हैं.
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ऐसे में कहा जा सकता है कि राजस्थान में खान विभाग की ओर से ऑनलाइन नीलामी प्रक्रिया के बाद जहां पारदर्शिता ही है तो वहीं खान विभाग को मिलने वाली रॉयल्टी में भी वृद्धि हुई है.

राजस्थान खान विभाग की ओर से अपनी खदानों की ऑनलाइन नीलामी की जाती है. आपको बता दें कि राजस्थान में मुख्यतः दो प्रकार की खान है, जिसमें मेजर मिनरल और माइनर मिनिरल शामिल है. मेजर मंडल में सोना चांदी कोयला और सीमेंट कंक्रीट शामिल होती है, बाकी सभी अन्य स्टोंस माइनर मिनरल में शामिल होते हैं.

इस पूरी प्रक्रिया में शामिल होने के लिए आपको सबसे पहले केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत एम एस टी सी संस्थान में रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के आजीवन ₹10000 शुल्क लिया जाता है. इसके बाद आप देशभर में किसी भी खदान को लीज पर लेने के लिए आवेदन कर सकते हैं.

एमएसटीसी पर रजिस्टर्ड होना आवश्यक
आपको बता दें कि राजस्थान खान विभाग द्वारा अपनी सभी खदानों की ऑनलाइन नीलामी की जाती है. इस प्रक्रिया में शामिल होने के लिए भी आपको एमएसटीसी पर रजिस्टर्ड होना आवश्यक है. राजस्थान खान विभाग द्वारा खदानों की नीलामी से 1 महीने पहले विभाग की वेबसाइट अखबार पर इसकी विज्ञप्ति जारी की जाती है और जब तक विभाग की नीलामी शुरू नहीं हो जाती तब तक इस पूरी प्रक्रिया को काफी गुप्त रखा जाता है. आपको बता दें कि नीलामी 2 घंटे तक चलती है और अगर नीलामी के अंतिम 8 मिनट में कोई भी व्यक्ति बोली लगाता है तो नीलामी 8 मिनट और बढ़ जाती है इसके बाद में अंतिम बोली लगने पर खान विभाग की ओर से बोली लगाने वाले को एक निश्चित समय अवधि तक अपने डाक्यूमेंट्स और माइनिंग परमिशन खान विभाग में जमा करवानी होती है. इसके बाद खान विभाग जहां सालाना लीज राशि वसूल करता है तो वही उस खदान मालिक से माइनिंग के पैटे रॉयल्टी वसूल करता है.

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आपको बता दें कि लीज राशि और रॉयल्टी राशि खदान पर निर्भर होती है. हर धातु और स्टोन की खदान की अलग लीज राशि और रॉयल्टी राशि होती .है खान विभाग में हुए घोटाले के बाद इस पूरी नीलामी प्रक्रिया को ऑनलाइन किया गया था. जिसके बाद जाएं इस प्रक्रिया में पारदर्शिता आई है तो वहीं खदान मालिक भी अब देश दुनिया के किसी भी कोने में बैठ कर बोली लगाने की सहूलियत भी मिली है. कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि अगर आप भी राजस्थान की किसी खदान के मालिक बनना चाहते हैं तो आप एमएसटीसी में रजिस्ट्रेशन करवाकर खान विभाग की आने वाली नीलामी प्रक्रिया में शामिल हो सकते हैं. इस प्रक्रिया में शामिल होने के लिए आपको सिर्फ खान विभाग की वेबसाइट पर जारी होने वाली सूचना को ध्यान में रखना है और बोली लगाकर एक खदान के मालिक बन सकते हैं.
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ऐसे में कहा जा सकता है कि राजस्थान में खान विभाग की ओर से ऑनलाइन नीलामी प्रक्रिया के बाद जहां पारदर्शिता ही है तो वहीं खान विभाग को मिलने वाली रॉयल्टी में भी वृद्धि हुई है.

Intro:राजस्थान में लगभग 33,000 खदानें है इन खदानों से सोना चांदी अभ्रक मार्बल ग्रेनाइट जैसे कई बेशकीमती उत्पाद निकलते हैं इन खदानों की खान विभाग द्वारा ऑनलाइन नीलामी प्रक्रिया की जाती है वही खान विभाग एक बार फिर अपनी खदानों की नीलामी करने जा रहा है आइए आपको भी बताते हैं कि किस तरह आप इस पूरी प्रक्रिया में हिस्सा ले सकते हैं और कितना सरल है राजस्थान में खदान का मालिक बनना..


Body:राजस्थान खान विभाग द्वारा अपनी खदानों की ऑनलाइन नीलामी की जाती है आपको बता दें कि राजस्थान में मुख्यतः दो प्रकार की खान है जिसमें मेजर मिनरल और माइनर मिनिरल शामिल है मेजर मंडल में सोना चांदी कोयला और सीमेंट कंक्रीट शामिल होती है बाकी सभी अन्य स्टोंस माइनर मिनरल में शामिल होते हैं इस पूरी प्रक्रिया में शामिल होने के लिए आपको सबसे पहले केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत एम एस टी सी संस्थान में रजिस्ट्रेशन करवाना होगा रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के आजीवन ₹10000 शुल्क लिया जाता है इसके बाद आप देशभर में किसी भी खदान को लीज पर लेने के लिए आवेदन कर सकते हैं आपको बता दें कि राजस्थान खान विभाग द्वारा अपनी सभी खदानों की ऑनलाइन नीलामी की जाती है इस प्रक्रिया में शामिल होने के लिए भी आपको एमएसटीसी पर रजिस्टर्ड होना आवश्यक है राजस्थान खान विभाग द्वारा खदानों की नीलामी से 1 महीने पहले विभाग की वेबसाइट अखबार पर इसकी विज्ञप्ति जारी की जाती है और जब तक विभाग की नीलामी शुरू नहीं हो जाती तब तक इस पूरी प्रक्रिया को काफी गुप्त रखा जाता है आपको बता दें कि नीलामी 2 घंटे तक चलती है और अगर नीलामी के अंतिम 8 मिनट में कोई भी व्यक्ति बोली लगाता है तो नीलामी 8 मिनट और बढ़ जाती है इसके बाद में अंतिम बोली लगने पर खान विभाग द्वारा बोली लगाने वाले को एक निश्चित समय अवधि तक अपने डाक्यूमेंट्स और माइनिंग परमिशन खान विभाग में जमा करवानी होती है इसके बाद खान विभाग जहां सालाना लीज राशि वसूल करता है तो वही उस खदान मालिक से माइनिंग के पैटे रॉयल्टी वसूल करता है आपको बता दें कि लीज राशि और रॉयल्टी राशि खदान पर निर्भर होती है हर धातु और स्टोन की खदान की अलग लीज राशि और रॉयल्टी राशि होती है आपको बता दें खान विभाग में हुए घोटाले के बाद इस पूरी नीलामी प्रक्रिया को ऑनलाइन किया गया था जिसके बाद जाएं इस प्रक्रिया में पारदर्शिता आई है तो वहीं खदान मालिक भी अब देश दुनिया के किसी भी कोने में बैठ कर बोली लगाने की सहूलियत भी मिली है कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि अगर आप भी राजस्थान की किसी खदान के मालिक बनना चाहते हैं तो आप एमएसटीसी में रजिस्ट्रेशन करवाकर खान विभाग की आने वाली नीलामी प्रक्रिया में शामिल हो सकते हैं इस प्रक्रिया में शामिल होने के लिए आपको सिर्फ खान विभाग की वेबसाइट पर जारी होने वाली सूचना को ध्यान में रखना है और बोली लगाकर एक खदान के मालिक बन सकते हैं


Conclusion:कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि राजस्थान में खान विभाग द्वारा ऑनलाइन नीलामी प्रक्रिया के बाद जहां पारदर्शिता ही है तो वहीं खान विभाग को मिलने वाली रॉयल्टी में भी वृद्धि हुई है..
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