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Special: मेवाड़ के मुकेश ने खोज निकाली तितलियों की नई प्रजाति 'स्पीआलिया जेब्रा'

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Published : Oct 1, 2020, 4:31 PM IST

राजस्थान की सागवाड़ा में रहने वाले मुकेश पंवार ने अब एक नई प्रजाति की तितली को खोज निकाला है. बता दें कि यह तितली हमारे देश की 1,328वीं प्रजाति की तितली है, जिसका नाम स्पीआलिया जेब्रा है और इसे सबसे पहले राजस्थान के मुकेश ने खोजा है. 6 साल के लंबे शोध के बाद इसकी पुष्टि की गई है.

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मुकेश ने खोज निकाली तितलियों की नई प्रजाति

उदयपुर. देशभर में तितलियों को गिनने समझने और उनके संरक्षण की मुहिम को आमजन तक पहुंचाने के लिए देशभर में कई पर्यावरण प्रेमी पिछले लंबे समय से काम कर रहे हैं. ऐसे ही सागवाड़ा के मुकेश पंवार भी एक पर्यावरण प्रेमी है, जिन्होंने अब एक नई प्रजाति की तितली खोज निकाली है. इस तितली का नाम स्पीआलिया जेब्रा है और यह हमारे देश की 1328वीं प्रजाति की तितली है.

मुकेश ने खोज निकाली तितलियों की नई प्रजाति

ईटीवी भारत से खास बातचीत में पर्यावरण प्रेमी मुकेश पंवार ने बताया कि स्पीआलिया जेब्रा नामक इस तितली को भारत में अब तक नहीं देखा गया था और भारत के अलावा कई अन्य देशों में इस तितली को पहले देखा जा चुका है. ऐसे में पहली बार भारत में इसे देखा गया पवार ने बताया कि उन्होंने 8 नवंबर 2014 को सागवाड़ा के धनराज फॉर्म हाउस पर इसे देखा था और इसकी तस्वीर लेकर उत्तराखंड के भीमताल स्थित बटरफ्लाई शोध संस्थान को भेजी थी, जिसके बाद 6 साल लंबा शोध चला. इसके बाद बटरफ्लाई शोध संस्थान के निदेशक पीटर ने बताया है कि यह हमारे देश की एक नई प्रजाति की तितली है.

मुकेश पंवार ने बताया कि यह तितली तेज उड़ान भर्ती है और इसकी चौड़ाई 2.5 सेंटीमीटर है. इससे पहले स्पीआलिया को साल 1888 में पाकिस्तान के अशोक शहर में देखा गया था. उस समय शहर का नाम कैंप वैलपुर था. मुकेश पंवार ने बताया कि साल 2016 में पाकिस्तान की पुस्तक बटरफ्लाई ऑफ पाकिस्तान में भी इसके बारे में जिक्र किया जा चुका है.

पढ़ें- उदयपुर: कोरोना के 101 नए मामले आए सामने, आंकड़ा पहुंचा 4486

ऐसे में पंवार द्वारा खोजी गई यह तितली हमारे देश के लिए भी एक नई खुशी के साथ गौरव लेकर आई है. वहीं, मुकेश पंवार द्वारा खोजी गई इस तितली पर पर्यावरण प्रेमियों ने भी अपनी खुशी जाहिर की है. पक्षी प्रेमी डॉक्टर कमलेश शर्मा ने बताया कि मेवाड़ अब पक्षी प्रेमियों के लिए पसंदीदा जगह बन रहा है, यहां पर जैव विविधता के साथ घने जंगल और झीलों का किनारा पक्षियों का पसंदीदा स्थान बनता है, जहां पर कई अन्य प्रजाति के पशु-पक्षी भी देखने को मिल सकते हैं. इन्हीं सभी सकारात्मक पहलुओं को ध्यान में रखते हुए मुकेश पंवार का कहना है कि वह खुद एक नया अध्याय स्थापित करेगी.

बता दें कि मुकेश पंवार राजस्थान की तितलियों पर शोध कर रहे हैं. पवार ने अब तक राजस्थान में 111 प्रजातियों की टिप्पणियों को देखा और उनकी पहचान की है. उनमें से 82 प्रजातियों की तितलियों के जीवन चक्र का अध्ययन भी कर रहे हैं. इससे पहले पंवार की पहल पर ही वन विभाग और राणा सोसाइटी ऑफ नेचुरल हिस्ट्री वागड़ नेचर क्लब के संयुक्त तत्वाधान में 24 फरवरी 2018 को राजस्थान राज्य का पहला बटरफ्लाई फेस्टिवल भी सागवाड़ा में ही आयोजित किया गया था.

उदयपुर. देशभर में तितलियों को गिनने समझने और उनके संरक्षण की मुहिम को आमजन तक पहुंचाने के लिए देशभर में कई पर्यावरण प्रेमी पिछले लंबे समय से काम कर रहे हैं. ऐसे ही सागवाड़ा के मुकेश पंवार भी एक पर्यावरण प्रेमी है, जिन्होंने अब एक नई प्रजाति की तितली खोज निकाली है. इस तितली का नाम स्पीआलिया जेब्रा है और यह हमारे देश की 1328वीं प्रजाति की तितली है.

मुकेश ने खोज निकाली तितलियों की नई प्रजाति

ईटीवी भारत से खास बातचीत में पर्यावरण प्रेमी मुकेश पंवार ने बताया कि स्पीआलिया जेब्रा नामक इस तितली को भारत में अब तक नहीं देखा गया था और भारत के अलावा कई अन्य देशों में इस तितली को पहले देखा जा चुका है. ऐसे में पहली बार भारत में इसे देखा गया पवार ने बताया कि उन्होंने 8 नवंबर 2014 को सागवाड़ा के धनराज फॉर्म हाउस पर इसे देखा था और इसकी तस्वीर लेकर उत्तराखंड के भीमताल स्थित बटरफ्लाई शोध संस्थान को भेजी थी, जिसके बाद 6 साल लंबा शोध चला. इसके बाद बटरफ्लाई शोध संस्थान के निदेशक पीटर ने बताया है कि यह हमारे देश की एक नई प्रजाति की तितली है.

मुकेश पंवार ने बताया कि यह तितली तेज उड़ान भर्ती है और इसकी चौड़ाई 2.5 सेंटीमीटर है. इससे पहले स्पीआलिया को साल 1888 में पाकिस्तान के अशोक शहर में देखा गया था. उस समय शहर का नाम कैंप वैलपुर था. मुकेश पंवार ने बताया कि साल 2016 में पाकिस्तान की पुस्तक बटरफ्लाई ऑफ पाकिस्तान में भी इसके बारे में जिक्र किया जा चुका है.

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ऐसे में पंवार द्वारा खोजी गई यह तितली हमारे देश के लिए भी एक नई खुशी के साथ गौरव लेकर आई है. वहीं, मुकेश पंवार द्वारा खोजी गई इस तितली पर पर्यावरण प्रेमियों ने भी अपनी खुशी जाहिर की है. पक्षी प्रेमी डॉक्टर कमलेश शर्मा ने बताया कि मेवाड़ अब पक्षी प्रेमियों के लिए पसंदीदा जगह बन रहा है, यहां पर जैव विविधता के साथ घने जंगल और झीलों का किनारा पक्षियों का पसंदीदा स्थान बनता है, जहां पर कई अन्य प्रजाति के पशु-पक्षी भी देखने को मिल सकते हैं. इन्हीं सभी सकारात्मक पहलुओं को ध्यान में रखते हुए मुकेश पंवार का कहना है कि वह खुद एक नया अध्याय स्थापित करेगी.

बता दें कि मुकेश पंवार राजस्थान की तितलियों पर शोध कर रहे हैं. पवार ने अब तक राजस्थान में 111 प्रजातियों की टिप्पणियों को देखा और उनकी पहचान की है. उनमें से 82 प्रजातियों की तितलियों के जीवन चक्र का अध्ययन भी कर रहे हैं. इससे पहले पंवार की पहल पर ही वन विभाग और राणा सोसाइटी ऑफ नेचुरल हिस्ट्री वागड़ नेचर क्लब के संयुक्त तत्वाधान में 24 फरवरी 2018 को राजस्थान राज्य का पहला बटरफ्लाई फेस्टिवल भी सागवाड़ा में ही आयोजित किया गया था.

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