उदयपुर. लेक सिटी उदयपुर में मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है. घटना सवीना थाना क्षेत्र की है. यहां एक मौसेरे भाई की पत्नी ने 13 साल की अपनी ननद पर क्रूरता की सारी हदें पार कर (Minor from Bihar mistreated and tortured by Sister in law) दी हैं. पड़ोसियों की मदद से बच्ची को रेस्क्यू कर (Udaipur Minor Rescued By Childline) लिया गया है. वो इतनी सहमी है कि अपने गांव घर का पता तक ठीक से नहीं बता पा रही है. उसके शरीर पर जलने के कई निशान है.
बच्चा खिलाने के लिए लाया था भाई: बच्ची डरी सहमी है और कुछ भी स्पष्ट नहीं बता पा रही है. प्रारंभिक पूछताछ में उसने चाइल्ड लाइन को सिर्फ इतना बताया है कि मौसेरा भाई 'भोला' अपने बच्चे की देखभाल के लिए उसे बिहार से उदयपुर लाया था. वो 2 साल पहले यहां लाई गई थी. यहां आने के बाद भाई भाभी ने बच्चे की देखभाल के साथ उससे घर के बाकी कामकाज (Minor From Bihar Ill treated in Udaipur) कराने शुरू कर दिए. भाभी ने काम में कोताही करने पर थप्पड़ मारना शुरू किया, कई बार डंडे बरसाए और बाद में गर्म चाकू से शरीर दागने लगी.
दर्द से चिल्लाई तो पड़ोसी बने हमदर्द: 13 साल की मासूम के साथ आए दिन ज्यादती होती थी. उसे नौकरों की तरह रखा जाता था. घर के सारे काम कराए जाते थे और पिटाई का सिलसिला रोज ही चलता था. बुधवार को भाभी ने जब फिर उसे मारना पीटना शुरू किया तो बच्ची दर्द से चिल्ला उठी. उसकी रूह कंपा देने वाली चीख सुनकर पड़ोसी ने हिम्मत दिखाई और चाइल्ड लाइन को खबर कर दी.
किया गया रेस्क्यू: चाइल्ड लाइन और सवीना पुलिस टीम ने मिलकर बच्ची को रेस्क्यू किया (Udaipur Minor Rescued By Childline) और उसे शेल्टर होम भेज दिया. बच्ची मानसिक तौर पर सहज नहीं है. उससे काउंसलिंग में सामने आया कि भाभी की हरकतों के बारे में भाई को सब पता था फिर भी वो खामोश रहते थे. उसकी भाभी असम की रहने वाली है. हालांकि काउंसलर ने जब उसके गांव और जिले के बारे में पूछा तो वो ठीक से कुछ बता भी नहीं पाई. जांच कर रहे अधिकारियों का कहना है कि उस पर इतने जुल्म हुए हैं कि वो सदमे में है. कुछ भी ठीक से बताने में समर्थ नहीं है. उसका मेडिकल बोर्ड से चेकअप कराया जा रहा है.
आशंका कहीं खरीद कर तो नहीं लाए!: इस मामले को लेकर कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई है. पुलिस भाई भाभी से पूछताछ कर तथ्य जुटा रही है. पता ये भी चला है कि बच्ची के और 5 भाई बहन हैं और उसका परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहा था. बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष ध्रुव कुमार ने बताया कि बच्ची 2 साल से अपने मौसेरे भाई और भाभी के साथ सवीना स्थित मकान में रहने आई थी. बाल कल्याण समिति के सदस्य पीड़ित से उसके परिवार से संबंधित अन्य जानकारियां जुटाने में लगे हैं. पूछताछ में आरोपी मौसेरा भाई और पीड़ित दोनों ही उस महिला का नाम नहीं बता पा रहे जो कथित तौर पर पीड़ित की मौसी और आरोपी की मां है. इससे अंदेशा जताया जा रहा है कि कहीं बच्ची को खरीद कर काम के लिए बिहार से लाया तो नहीं गया!