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लापरवाही की पराकाष्ठा, जिंदा बच्ची को बताया मृत, दफनाने गए तो सुनी किलकारी

उदयपुर में सरकारी अस्पताल की एक लापरवाही सामने आई है, जिसमें एक जिंदा बच्ची को मृत बता दिया गया. बच्ची को जब दफनाया जा रहा था तो परिजनों को बच्ची के रोने की आवाज सुनाई दी. वहीं, मामले को लेकर चिकित्सा विभाग ने चुप्पी साध ली है.

Negligence of Udaipur health Department ,  Parawali PSC Hospital
उदयपुर में चिकित्सा विभाग की लापरवाही
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Published : Jul 9, 2020, 8:41 PM IST

Updated : Jul 9, 2020, 8:46 PM IST

उदयपुर. जिले के गोगुंदा के पड़ावली PSC हॉस्पिटल की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. उदयपुर के गोगुंदा में एक जिंदा बच्ची को अस्पताल के कर्मचारियों की ओर से मृत बता दिया गया, जिसके बाद परिजनों में शोक का माहौल हो गया. वहीं जब बच्ची को दफनाया जा रहा था तब बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी. इसके बाद पता चला कि बच्ची जिंदा थी. वो तो गनीमत रही कि दफनाने से पहले बच्ची की रोने की आवाज सुनाई दी नहीं तो परिवार के लिए किसी सजा से कम नहीं होता.

दरअसल हुआ यूं कि जिले के गोगुंदा के पड़ावली PSC हॉस्पिटल में गुरुवार को एक गर्भवती महिला ललिता को प्रसव पीड़ा होने पर 104 को सूचित किया गया. 104 मौके पर पहुंची और गर्भवती महिला को पड़ावली पीएससी हॉस्पिटल पहुंचाया. इसके बाद नर्स ने महिला का प्रसव करवाया और महिला की सास को कहा कि बच्ची मृत पैदा हुई है. नर्स ने मासूम को एक प्लास्टिक की थैली में पैक कर परिजनों को सुपुर्द कर दिया. परिजन मासूम को घर ले जाकर दफनाने लगे, तब मासूम के रोने की आवाज आई.

उदयपुर में चिकित्सा विभाग की लापरवाही

पढ़ें- उदयपुर: अस्पताल परिसर में दूसरे मरीजों के बीच घूमता रहा कोरोना पॉजिटिव

मामले में हॉस्पिटल प्रशासन ने चुप्पी साध ली है. जानकारी के अनुसार हॉस्पिटल में कार्यरत नर्स की पहले भी रुपए लेने की शिकायत सामने आई थी, लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत से कोई कार्रवाई नहीं हुई. आपको बता दें कि उदयपुर के गोगुंदा में लापरवाही की यह दूसरी घटना है. इससे पहले बुधवार को गोगुंदा सीएससी में कोरोना पॉजिटिव युवक को लेकर घोर लापरवाही सामने आई थी, लेकिन अभी तक प्रशासन ने कोई भी बड़ा कदम नहीं उठाया है.

उदयपुर. जिले के गोगुंदा के पड़ावली PSC हॉस्पिटल की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. उदयपुर के गोगुंदा में एक जिंदा बच्ची को अस्पताल के कर्मचारियों की ओर से मृत बता दिया गया, जिसके बाद परिजनों में शोक का माहौल हो गया. वहीं जब बच्ची को दफनाया जा रहा था तब बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी. इसके बाद पता चला कि बच्ची जिंदा थी. वो तो गनीमत रही कि दफनाने से पहले बच्ची की रोने की आवाज सुनाई दी नहीं तो परिवार के लिए किसी सजा से कम नहीं होता.

दरअसल हुआ यूं कि जिले के गोगुंदा के पड़ावली PSC हॉस्पिटल में गुरुवार को एक गर्भवती महिला ललिता को प्रसव पीड़ा होने पर 104 को सूचित किया गया. 104 मौके पर पहुंची और गर्भवती महिला को पड़ावली पीएससी हॉस्पिटल पहुंचाया. इसके बाद नर्स ने महिला का प्रसव करवाया और महिला की सास को कहा कि बच्ची मृत पैदा हुई है. नर्स ने मासूम को एक प्लास्टिक की थैली में पैक कर परिजनों को सुपुर्द कर दिया. परिजन मासूम को घर ले जाकर दफनाने लगे, तब मासूम के रोने की आवाज आई.

उदयपुर में चिकित्सा विभाग की लापरवाही

पढ़ें- उदयपुर: अस्पताल परिसर में दूसरे मरीजों के बीच घूमता रहा कोरोना पॉजिटिव

मामले में हॉस्पिटल प्रशासन ने चुप्पी साध ली है. जानकारी के अनुसार हॉस्पिटल में कार्यरत नर्स की पहले भी रुपए लेने की शिकायत सामने आई थी, लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत से कोई कार्रवाई नहीं हुई. आपको बता दें कि उदयपुर के गोगुंदा में लापरवाही की यह दूसरी घटना है. इससे पहले बुधवार को गोगुंदा सीएससी में कोरोना पॉजिटिव युवक को लेकर घोर लापरवाही सामने आई थी, लेकिन अभी तक प्रशासन ने कोई भी बड़ा कदम नहीं उठाया है.

Last Updated : Jul 9, 2020, 8:46 PM IST
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