उदयपुर. भाजपा के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं. मंगलवार को उदयपुर नगर निगम की ओर से पन्नाधाय प्रतिमा अनावरण (Rajnath Singh to Unveil Pannadhai Statue) कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. जिसमें देश के रक्षामंत्री राजनाथ, विधायक, सांसद और हजारों की संख्या में कार्यकर्ता पहुंचे थे. यहां पन्नाधाय की प्रतिमा के साथ उदय सिंह और चंदन की प्रतिमा का भी अनावरण किया गया.
गुलाबचंद कटारिया ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया. इस दौरान पन्नाधाय के त्याग और बलिदान के बारे में बात करते-करते अचानक कटारिया की जुबान फिसल गई और जाति सूचक शब्द का प्रयोग दिया. उन्होंने कहा कि किस तरह से पन्नाधाय ने उदय सिंह को सुरक्षित रखने के लिए अपने बच्चे की आहुति दी. वे उदय सिंह को बचाने के लिए पन्नाधाय ने पत्तल की टोकरी में सुरक्षित ले जाने वाले तीरथ सिंह के बारे में बात कर रहे थे. इसी दौरान कटारिया ने कहा कि पन्नाधाय ने अपने तीरथ को वाल्मिकी बुलाया कि तीरथ काका तुम आओ, आकर मेवाड़ का जो यह भविष्य है, इसे अपनी टोकरी में रखकर और पत्तल से ढंकर कर तुम इसको लेकर चले जाओ.
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अपने संबोधन के दौरान कटारिया ने जाति सूचक शब्द का प्रयोग कर डाला, जिसे लेकर अब कुछ लोग नाराज नजर आ रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर वारी समाज के लोग भी (Protest of Kataria Statement) विरोध कर रहे हैं. वारी समाज के लोगों का कहना है कि तीरथ वारी समाज से थे न कि वाल्मीकि समाज से. आपको बता दें कि इससे पहले भी नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया अपने कई बयानों को लेकर सुर्खियों में रहे हैं. महाराणा प्रताप को लेकर कटारिया ने जिस तरह से बयान दिया था. उसके बाद चौतरफा विरोध-प्रदर्शन देखने को मिला था.
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