उदयपुर. शहर शुक्रवार सुबह गांधीवाद की महक से गुलजार हो उठा. रघुपति राघव राजा राम की स्वर लहरियों के बीच उपस्थित हर व्यक्ति एक 'सत्याग्रही' के अहसास से भर गया. मौका था राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती वर्ष और 75वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में 'आजादी के अमृत महोत्सव' के आगाज का. ऐतिहासिक दांडी मार्च की स्मृति में उदयपुर जिला प्रशासन और महात्मा गांधी दर्शन समिति की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में युवाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.
कोरोना प्रोटोकॉल के अनुसार कार्यक्रम में सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने का पूरा ध्यान रखा गया. एडीएम प्रशासन ओपी बुनकर ने महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की. एडीएम सिटी अशोक कुमार, नगर निगम आयुक्त हिम्मत सिंह बारहठ और महात्मा गांधी दर्शन समिति के जिला संयोजक पंकज शर्मा ने हरी झंडी दिखाकर प्रतीकात्मक दांडी मार्च को रवाना किया.
दांडी मार्च गुलाबबाग से शुरू होकर नगर निगम तक पहुंचा. इससे पहले बापू की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उपस्थित लोगों ने महात्मा गांधी के दिखाए रास्ते पर चलने का संकल्प किया. इस दौरान स्काउट-गाइड की ओर से महात्मा गांधी के प्रिय भजनों और रामधुनी की मनोहारी प्रस्तुति दी गई.
महात्मा गांधी दर्शन समिति के जिला संयोजक पंकज शर्मा ने बताया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के दिखाए रास्ते पर चलकर ही समाज का सर्वांगीण विकास हो सकता है. गांधीजी ने तब अंग्रेजों की तानाशाही के खिलाफ दांडी मार्च निकाला था, जिसने पूरे देशवासियों को एकता के सूत्र में पिरो दिया था. आज हमें साम्प्रदायिकता, जातिवाद और भ्रष्टाचार के खिलाफ एकजुट होने की आवश्यकता है. कार्यक्रम में मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी शिवजी गौड़, महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति जिला उदयपुर के सुधीर जोशी, फीरोज अहमद शेख, गोपाल जाट, अशोक तम्बोली, भगवान सोनी, संदीप गर्ग सहित शहर के गणमान्य लोग उपस्थित थे.
23 मार्च को निकलेगी अहिंसा यात्रा
जिला और उपखण्ड स्तर पर 23 मार्च को शहीद दिवस के अवसर पर भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव सिंह की पुण्यतिथि पर अहिंसा यात्रा और मौन कार्यक्रम, 6 अप्रेल को दांडी मार्च के समापन दिवस पर सुबह 10 बजे टाउन हॉल में जिला स्तरीय सम्मेलन होगा, जिसमें गांधीवादी और स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि भाग लेंगे.