उदयपुर. जिला कलेक्टर चेतन देवड़ा ने कहा है कि कोरोना की वजह से राज्य में जितनी मृत्यु हुई है, उससे कई ज्यादा लोगों को हर वर्ष सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है. सड़क दुर्घटनाओं में अक्सर समय पर इलाज नहीं मिलने की वजह से घायलों की मृत्यु हो जाती है. इसलिए हम सभी की यह जिम्मेदारी है कि सड़क दुर्घटनाओं में घायल व्यक्तियों को जल्द से जल्द चिकित्सालय पहुंचाने में मदद करें. सुप्रीम कोर्ट द्वारा यह स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए हैं कि सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को हॉस्पिटल पहुंचाने वाले व्यक्ति से अनावश्यक पूछताछ नहीं करेगी.
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कलेक्टर देवड़ा ने बुधवार को नगर निगम के दीनदयाल उपाध्याय सभागार में आयोजित 32वें राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह के समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए यह बात कही. इस अवसर पर कलेक्टर ने 18 जनवरी से 17 फरवरी तक चले ’सड़क सुरक्षा माह’ के दौरान पोस्टर मेकिंग, स्लोगन राइटिंग, निबंध लेखन सहित विभिन्न गतिविधियों के विजेता स्कूली छात्र-छात्राओं, सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले ट्रैफिक पुलिसकर्मी, स्काउट-गाइड को स्मृति चिह्न और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया. कलेक्टर ने इस मौके पर परिवहन विभाग द्वारा तैयार करवाई गई बुकलेट सड़क सुरक्षा के पहरेदार का विमोचन भी किया. इससे पहले कलेक्टर ने मां सरस्वती की प्रतिमा के आगे दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम की शुरुआत की.
हर आदमी बने 'नारायण'
कलेक्टर देवड़ा ने सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में कार्यरत गैर-सरकारी संगठन आधार फाउंडेशन के नारायण चौधरी के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि हर आदमी यदि नारायण चौधरी बन जाए तो सड़क दुर्घटनाओं में हर साल हजारों लोगों की जान बचाई जा सकती है. गौरतलब है कि नारायण चौधरी अब तक सड़क दुर्घटनाओं में घायल 178 लोगों की जान बचा चुके हैं और चौधरी को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर ‘गुड सेमेरिटन’ पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है. कार्यक्रम में शहर के शिल्प कलाकार चन्द्रप्रकाश चित्तौड़ा द्वारा निर्मित सड़क सुरक्षा का संदेश पर आधारित कलाकृति को भी कलेक्टर ने सराहा. यह कलाकृति माचिस की तिल्लियों और चॉक के टुकड़ों से बनाई गई है.
बच्चों के बीच कलेक्टर...
कलेक्टर चेतन देवड़ा ने सड़क सुरक्षा माह के दौरान आयोजित विभिन्न गतिविधियों के विजेता स्कूली छात्र-छात्राओं का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि परिवहन विभाग द्वारा बुकलेट तैयार करवाई गई है, जिसमें सभी विजेता बच्चों के फोटो छपे हैं. सभी बच्चे इसी तरह सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में जागरूकता लाने का कार्य जारी रखें और अच्छा काम करेंगे तो छह महीने बाद वापस ऐसी ही एक बुकलेट छपवाएंगे. इस दौरान कई स्कूली बच्चों ने कलेक्टर के साथ फोटो खिंचवाने की जिद की तो कलक्टर ने बच्चों को मंच पर बुलवाया और उनके साथ फोटो खिंची और कई बच्चों के सिर पर दुलार से हाथ फेरते हुए उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी.
जागरूक बनें, सुरक्षित चलें
आरटीओ प्रकाश सिंह राठौड़ ने बताया कि सड़क सुरक्षा माह के दौरान सड़क दुर्घटनाओं में कमी आई है और लोग सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों को लेकर जागरूक हो रहे हैं. सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता का काम सिर्फ एक माह तक ही नहीं, बल्कि वर्षभर इसी तरह किया जाएगा. राठौड़ ने बताया कि परिवहन विभाग द्वारा पहली बार राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह का आयोजन किया गया. इससे पहले सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाया जाता था. एक महीने के दौरान शहर के स्कूलों, पुलिस, यातायात, स्काउट-गाइड और गैर-सरकारी संगठनों के सहयोग से सड़क सुरक्षा पर केंद्रित विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया.