उदयपुर. देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मंगलवार को एक दिवसीय दौरे पर मेवाड़ पहुंचेंगे. इस दौरान (Rajnath Singh visit udaipur) उदयपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में भी रक्षा मंत्री शामिल होंगे. रक्षा मंत्री 30 अगस्त को सुबह डबोक एयरपोर्ट पहुंचेंगे. वे यहां से गोवर्धन सागर स्थित पन्नाधाय पार्क जाएंगे. इस दौरान रक्षामंत्री पन्नाधाय की मूर्ति का अनावरण (Rajnath singh unveil the statue of Pannadhay) करेंगे. इस कार्यक्रम के पश्चात वे दिल्ली के लिए प्रस्थान करेंगे. इस कार्यक्रम को भव्य और दिव्य बनाने के लिए नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और भाजपा पदाधिकारी जोरशोर से लगे हुए हैं.
कार्यक्रम को लेकर तैयारियां अंतिम चरणों में है. नगर निगम उदयपुर की ओर से गोवर्धन सागर किनारे एक पार्क बनाया गया है. इसी पार्क में पन्नाधाय, उदय सिंह और चंदन की मूर्ति लगाई गई है. मूर्तियों के चारों और फव्वारे लगाए गए हैं. ये मिश्रित धातु की मूर्तियां जयपुर से बनवाई गई हैं. इन मूर्तियों को आदमकद बनाया गया है. हालांकि यह कार्यक्रम पिछले महीने 26 जून को होना था, लेकिन किसी कारणवश इसे स्थगित कर दिया गया था.
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आदमकद प्रतिमा का होगा अनावरण
यहां पर पन्नाधाय की आदमकद प्रतिमा 9 फीट 6 इंच की है. इसके पास ही उदयपुर को बसाने वाले उदय सिंह की प्रतिमा के साथ ही बलिदान किए गए बालक चंदन की प्रतिमा स्थापित की गई है. इन तीनों प्रतिमाओं का वजन करीब 1130 किलो है. इन्हें 13 लाख रुपए की लागत से जयपुर के प्रसिद्ध कारीगरों ने तैयार किया है. इस कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और विद्युत एवं भारी उद्योग मंत्रालय में केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर भी रहेंगे.
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गुलाबचंद कटारिया की प्रतिक्रिया
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने बताया कि रक्षा मंत्री की ओर से मेवाड़ के गौरव माता पन्नाधाय की प्रतिमा का अनावरण किया जाना उनको सच्ची श्रद्धांजलि देना है.अगर पन्नाधाय ने अपने पुत्र का बलिदान नहीं किया होता तो उदय सिंह नहीं होते, ना महाराणा प्रताप होते.मेवाड़ का गौरवशाली इतिहास भी नहीं होता.उन्होंने कहा कि लंबे समय से तैयारियां की गई है.
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पन्नाधाय का इतिहास
इतिहासकार चंद्रशेखर शर्मा ने बताया कि मेवाड़ की वीरता का जब-जब जिक्र होता है तब पन्नाधाय का नाम सुनहरे अक्षरों में लिया जाता है. क्योंकि पन्नाधाय ने स्वामी भक्ति और स्वाभिमान के लिए जो त्याग किया ऐसा और कोई दूसरा उदाहरण विश्व में नहीं मिलता है. अपने वचन पालन करते हुए जिसने अपनी ही संतान की कुर्बानी दे दी.