उदयपुर. राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के चिंतन शिविर की चर्चा महीनों पहले से थी. पदाधिकारी जब भी मीडिया के सामने आ रहे थे तो चिंतन मनन और गंभीर विमर्श की बात कर रहे थे. ऐन शिविर के दिन ही कुछ ऐसा हुआ है कि सब सकते में हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि जिस चिंतन का डंका बज रहा था अब उसे ही खामोश कर दिया गया है यानी नव संकल्प शिविर में अब चिंतन शब्द की कोई जगह नहीं (Congress Writes Nav Sankalp) है. कांग्रेस पार्टी के होर्डिंग, पोस्टर और कार्यक्रमों के अन्य फ्लेक्स से चिंतन शब्द हटा दिया गया है और रह गया है सिर्फ नव संकल्प.
ऐसा क्यों?: सवाल उठता है कि आखिर ऐन मौके पर ऐसा हुआ तो हुआ क्यों (No Chintan Only Sankalp)? हाल ही में हुई रणदीप सिंह सुरजेवाला की पीसी में एक शॉर्ट फिल्म दिखाई गई. जिसमें चिंतन शब्द ढूंढे नहीं मिला. पत्रकारों ने जब सवाल किया तो उन्होंने मुस्कुरा कर बात टाल दी. सिर्फ इतना कहा कि ऐसा भूलवश हुआ होगा. हालांकि अब जब शहर और पूरी कोडियात रोड पर जहां शिविर आयोजित हो रहा है वहां के होर्डिंग, पोस्टर पर नजर दौड़ा रहे हैं तो नव संकल्प ही नजर आ रहा है. कयास लगाया जा रहा है कि शायद नए लोगों (युवाओं) को प्राथमिकता देने का संदेश इसमें छुपा है. प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने भी जिस तरह से 1 टिकट 1 फैमिली की बात की है उससे भी नव संकल्प का इशारा मिलता है.
दिग्गजों के पोस्टर से भी चिंतन गायब: सोनिया गांधी, राहुल गांधी,और अशोक गहलोत के पोस्टर बैनर पर नव संकल्प शिविर ही लिखा हुआ है. कांग्रेस पार्टी की इस तीन दिवसीय चिंतन शिविर में कई महत्वपूर्ण बदलाव करेगी और 'चिंतन से नव संकल्प का Shift' इसी बात को जताता है. जिसमें महाराणा प्रताप की भूमि से कांग्रेस 2023 और 2024 को मथने का नया प्रण लेने का ऐलान करेगी.