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303 साल पुराने इस गढ़ के मंदिर में हैं 11 शिवलिंग, जल चढ़ाने से ही मनोकामना पूरी होने की है मान्यता - SHIV TEMPLE IN KUCHAMAN FORT

कुचामन फोर्ट में स्थित शिवालय में जलहरी पर 11 शिवलिंग विराजित किए गए हैं. मान्यता है कि यहां जलाभिषेक से मनोकामना पूर्ण होती है.

Shiv Temple in Kuchaman Fort
कुचामन फोर्ट में स्थित शिवालय (ETV Bharat Kuchaman City)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 25, 2025, 5:13 PM IST

कुचामनसिटी: डीडवाना कुचामन जिले में स्थित कुचामन फोर्ट में एक ऐसा शिवालय स्थित है, जिसके जलहरी में एक नहीं, दो नहीं, बल्कि 11 शिवलिंग हैं. मान्यता है कि यहां जलाभिषेक करने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के मौके पर आइए जानते हैं इस मंदिर के इतिहास और आस्था के बारे में....

पुजारी ने बताई शिव मंदिर की महिमा (ETV Bharat Kuchaman City)

आमतौर पर शिवालय में जलहरी के बीच एक ही शिवलिंग विराजित होता है, लेकिन कुचामन सिटी में एक ऐसा शिव मंदिर है, जिसे देख आप अचंभित हो जाएंगे. दरअसल, ये शिवालय शहर के कुचामन फोर्ट में स्थित है और करीब ढाई सौ वर्ष पुराना है. इस शिवालय की खास बात यह है कि यहां एक नहीं, बल्कि 11 शिवलिंग हैं और सभी शिवलिंग एक ही जलहरी पर स्थित हैं. करीब 1450 फीट ऊंचे और 303 साल पुराने किले में बने इस शिवालय का जीर्णोद्धार विक्रम संवत 2018 में राजा प्रताप सिंह द्वारा कराया गया था. इसका जिक्र मंदिर में लगे शिलालेख में भी मिलता है.

पढ़ें: नवनिर्मित मार्कण्डेश्वर महादेव मंदिर में स्फटिक से बने शिवलिंग की होगी स्थापना - मार्कण्डेश्वर महादेव मंदिर

शिव परिवार का एक साथ दर्शन: वहीं, यहां 11 शिवलिंग के साथ ही आपको पूरे शिव परिवार का एक साथ दर्शन होता है, जो अन्यत्र दुर्लभ है. कुचामन फोर्ट स्थित इस शिवालय के पुजारी छोटूलाल शर्मा बताते हैं कि वो प्रतिदिन सुबह व शाम के दौरान यहां पूजा-अर्चना करते हैं. वहीं, महाशिवरात्रि पर यहां सुबह से ही भक्तों की भीड़ देखने को मिलती है. पुजारी ने बताया कि इस मंदिर को लेकर ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से यहां 11 शिवलिंग की पूजा-अर्चना करता है, महादेव उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी कर देते हैं.

पढ़ें: शिवपुरी धाम के 525 शिवलिंग के दर्शन करने पहुंचा क्रोकोडाइल! - मंदिर में मगरमच्छ

अब लगता है प्रेवश के लिए टिकट: छोटूलाल शर्मा ने बताया कि यहां लगातार सात सोमवार तक जलाभिषेक करने वाले शिव भक्तों के जीवन में कोई कष्ट नहीं आता है. उनका कहना है कि पहले यहां हजारों की संख्या में भक्त आया करते थे और शिव जी को जल चढ़ाने आते थे. लेकिन जब से कुचामनगढ़ को कुचामन फोर्ट में तब्दील किया गया है, तभी से यहां श्रद्धालुओं को प्रवेश के लिए विशेष अनुमति लेनी होती है, साथ ही उन्हें 500 रुपए का भुगतान कर टिकट लेना पड़ता है.

पढ़ें: सावन माह में यहां एक ही शिवलिंग में कीजिए 12 ही ज्योतिर्लिंगों के दर्शन - Harni Mahadev temple of Bhilwara

महाशिवरात्रि 2025 पूजा विधि: महाशिवरात्रि के दिन सुबह जल्दी उठकर ब्रह्म मुहूर्त में ही स्नान कर लें और फिर व्रत का संकल्प लें. इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती की सुबह शाम दोनों समय पूजा करें. साथ ही इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती को वस्त्र अर्पित करें. महाशिवरात्रि पर सुहागन महिलाएं श्रृंगार का सारा सामान माता पार्वती को जरूर अर्पित करें. साथ ही इस दिन महाशिवरात्रि के मौके पर भोलेनाथ को बेलपत्र, भांग, धतूरा जरूर अर्पित करें. साथ ही इस दिन पूरे शिव परिवार को यानी भगवान गणेश, भगवान कार्तिकेय, भगवान शिव, माता पार्वती और नंदी महाराज को भी वस्त्र जरूर अर्पित करें.

कुचामनसिटी: डीडवाना कुचामन जिले में स्थित कुचामन फोर्ट में एक ऐसा शिवालय स्थित है, जिसके जलहरी में एक नहीं, दो नहीं, बल्कि 11 शिवलिंग हैं. मान्यता है कि यहां जलाभिषेक करने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के मौके पर आइए जानते हैं इस मंदिर के इतिहास और आस्था के बारे में....

पुजारी ने बताई शिव मंदिर की महिमा (ETV Bharat Kuchaman City)

आमतौर पर शिवालय में जलहरी के बीच एक ही शिवलिंग विराजित होता है, लेकिन कुचामन सिटी में एक ऐसा शिव मंदिर है, जिसे देख आप अचंभित हो जाएंगे. दरअसल, ये शिवालय शहर के कुचामन फोर्ट में स्थित है और करीब ढाई सौ वर्ष पुराना है. इस शिवालय की खास बात यह है कि यहां एक नहीं, बल्कि 11 शिवलिंग हैं और सभी शिवलिंग एक ही जलहरी पर स्थित हैं. करीब 1450 फीट ऊंचे और 303 साल पुराने किले में बने इस शिवालय का जीर्णोद्धार विक्रम संवत 2018 में राजा प्रताप सिंह द्वारा कराया गया था. इसका जिक्र मंदिर में लगे शिलालेख में भी मिलता है.

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शिव परिवार का एक साथ दर्शन: वहीं, यहां 11 शिवलिंग के साथ ही आपको पूरे शिव परिवार का एक साथ दर्शन होता है, जो अन्यत्र दुर्लभ है. कुचामन फोर्ट स्थित इस शिवालय के पुजारी छोटूलाल शर्मा बताते हैं कि वो प्रतिदिन सुबह व शाम के दौरान यहां पूजा-अर्चना करते हैं. वहीं, महाशिवरात्रि पर यहां सुबह से ही भक्तों की भीड़ देखने को मिलती है. पुजारी ने बताया कि इस मंदिर को लेकर ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से यहां 11 शिवलिंग की पूजा-अर्चना करता है, महादेव उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी कर देते हैं.

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अब लगता है प्रेवश के लिए टिकट: छोटूलाल शर्मा ने बताया कि यहां लगातार सात सोमवार तक जलाभिषेक करने वाले शिव भक्तों के जीवन में कोई कष्ट नहीं आता है. उनका कहना है कि पहले यहां हजारों की संख्या में भक्त आया करते थे और शिव जी को जल चढ़ाने आते थे. लेकिन जब से कुचामनगढ़ को कुचामन फोर्ट में तब्दील किया गया है, तभी से यहां श्रद्धालुओं को प्रवेश के लिए विशेष अनुमति लेनी होती है, साथ ही उन्हें 500 रुपए का भुगतान कर टिकट लेना पड़ता है.

पढ़ें: सावन माह में यहां एक ही शिवलिंग में कीजिए 12 ही ज्योतिर्लिंगों के दर्शन - Harni Mahadev temple of Bhilwara

महाशिवरात्रि 2025 पूजा विधि: महाशिवरात्रि के दिन सुबह जल्दी उठकर ब्रह्म मुहूर्त में ही स्नान कर लें और फिर व्रत का संकल्प लें. इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती की सुबह शाम दोनों समय पूजा करें. साथ ही इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती को वस्त्र अर्पित करें. महाशिवरात्रि पर सुहागन महिलाएं श्रृंगार का सारा सामान माता पार्वती को जरूर अर्पित करें. साथ ही इस दिन महाशिवरात्रि के मौके पर भोलेनाथ को बेलपत्र, भांग, धतूरा जरूर अर्पित करें. साथ ही इस दिन पूरे शिव परिवार को यानी भगवान गणेश, भगवान कार्तिकेय, भगवान शिव, माता पार्वती और नंदी महाराज को भी वस्त्र जरूर अर्पित करें.

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