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Special : बोहरा गणेश मंदिर में लोगों की मनोकामना होती है पूरी, भक्त ले जाते थे उधार रुपये

गणेश चतुर्थी के खास पर्व पर हर कोई भगवान गणपति की विशेष पूजा-अर्चाना करने में जुटा हुआ है. भक्तों का भीड़ भगवान गणपति के दरबार में लगी हुई है. इस बीच उदयपुर के बोहरा गणेश मंदिर में भी सुबह से भक्तों का तांता लगा हुआ है. मान्यता है यहां आने वाले हर भक्त की मनोकामना को गणपति पूरा करते हैं.

Bohra Ganesh Mandir Udaipur
बोहरा गणेश मंदिर
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Published : Aug 31, 2022, 9:37 PM IST

Updated : Sep 1, 2022, 6:29 PM IST

उदयपुर. गणेश चतुर्थी के साथ ही प्रथम पूज्य की विशेष अराधना की शुरुआत हो चुकी है. भगवान गणपति की घरों में स्थापना के साथ ही मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना का दौर जारी है. भक्त मंदिरों में पहुंच कर भगवान गणपति के दर्शन कर रहे हैं. ऐसा ही नजारा उदयपुर के प्रसिद्ध बोहरा गणेश मंदिर में दिखाई दे रहा है. गणेश चतुर्थी के मौके पर मंदिर में सुबह से भक्तों का तांता लगा हुआ है.

कोरोना के 2 साल बाद इस बार मंदिरों में भक्तों की भीड़ दिखाई दे रही है. करीब 500 साल पुराने बोहरा गणेश मंदिर का प्राचीन महत्व है. यहां आने वाले सभी भक्तों की गणपति (Ganesh Chaturthi Celebration in Udaipur) गजानंद महाराज मनोकामनाएं पूरी करते हैं. ऐसे में देश-दुनिया से बड़ी संख्या में भक्त अपने आराध्य देव के दर्शन के लिए पहुंचते हैं.

500 साल पुराने बोहरा गणेश मंदिर का प्राचीन महत्व

महाराणा मोखल सिंह के राज में हुई थी स्थापनाः पुजारियों के अनुसार उदयपुर शहर के बीचोंबीच स्थापित भगवान बोहरा गणेश जी के मंदिर की स्थापना 500 वर्ष की गई थी. उन्होंने बताया कि इस मंदिर की विशेष मान्यता है. मंदिर की स्थापना महाराणा मोखल सिंह के राज में की गई थी. गणेश चतुर्थी के विशेष पूजन के लिए मंदिर में खास तरीके से सजाया गया है. मंदिर में सुबह से भक्तों की भीड़ बनी हुई है. हर कोई गणपति बप्पा के दर्शन करते हुए मनोति मांगता दिखाई दे रहा है.

पढ़ें : Special : भ्रमण के दौरान जहां देवताओं से बिछड़ गए 'विनायक'...400 साल पहले प्रकट हुई थी प्रतिमा

मंदिर के पुजारी गणेश लाल जोशी ने बताया कि भगवान बोहरा गणेश जी का मंदिर देश-दुनिया में विख्यात है. यहां देश के कोने-कोने से श्रद्धालु गणपति गजानंद महाराज के दर्शनों के लिए पहुंचते हैं. भगवान बोहरा गणेश मंदिर की मान्यता है कि (Speciality of Bohra Ganesh Temple) यहां दर्शन के लिए आने वाले भक्तों की गणपति महाराज मनोकामनाएं पूरी करते हैं.

पढे़ं : Ganesh Chaturthi 2022 अजमेर के गणेश मंदिर का 300 साल पुराना मराठाकालीन इतिहास, जानें क्या है खास

पहले भक्त पैसे की जरूरत के लिए लिखते थे पर्चीः कहा जाता है कि पहले किसी को पैसे की जरूरत होती थी तो वह यहां पर्ची लिखकर भगवान के पास छोड़ जाते थे. जब उनकी पैसों की जरूरत पूरी हो जाती थी तो पैसे भगवान को लौटा देते थे. जिस किसी को भी शादी, ब्याह, बिजनेस के लिए रुपये की जरूरत पड़ती तो वह यहां आकर एक कागज पर लिख कर चला जाता था. वहीं, भक्तों का काम पूरा होने पर ब्याज समेत पैसे लौटा दिया करते थे. लेकिन इस दौरान एक भक्त जब पैसे लेकर दोबारा पैसे नहीं लौटा कर गया, जिसके बाद यह प्रथा बंद हो गई.

पढ़ें : बड़ी दिलचस्प हैं भगवान गणेश के एकदंत होने की कथाएं, जानिए 4 पौराणिक प्रसंग

गणेश चतुर्थी के दिन सुबह 5 बजे भगवान गणपति को पंचामृत स्नान काराय गया. इसके बाद (Ganesh Chaturthi 2022) भगवान का विशेष श्रृंगार कराया गया. इसके बाद महायज्ञ और ध्वजा धारण कराई गई. साथ ही भगवान की विशेष आरती की गई.

उदयपुर. गणेश चतुर्थी के साथ ही प्रथम पूज्य की विशेष अराधना की शुरुआत हो चुकी है. भगवान गणपति की घरों में स्थापना के साथ ही मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना का दौर जारी है. भक्त मंदिरों में पहुंच कर भगवान गणपति के दर्शन कर रहे हैं. ऐसा ही नजारा उदयपुर के प्रसिद्ध बोहरा गणेश मंदिर में दिखाई दे रहा है. गणेश चतुर्थी के मौके पर मंदिर में सुबह से भक्तों का तांता लगा हुआ है.

कोरोना के 2 साल बाद इस बार मंदिरों में भक्तों की भीड़ दिखाई दे रही है. करीब 500 साल पुराने बोहरा गणेश मंदिर का प्राचीन महत्व है. यहां आने वाले सभी भक्तों की गणपति (Ganesh Chaturthi Celebration in Udaipur) गजानंद महाराज मनोकामनाएं पूरी करते हैं. ऐसे में देश-दुनिया से बड़ी संख्या में भक्त अपने आराध्य देव के दर्शन के लिए पहुंचते हैं.

500 साल पुराने बोहरा गणेश मंदिर का प्राचीन महत्व

महाराणा मोखल सिंह के राज में हुई थी स्थापनाः पुजारियों के अनुसार उदयपुर शहर के बीचोंबीच स्थापित भगवान बोहरा गणेश जी के मंदिर की स्थापना 500 वर्ष की गई थी. उन्होंने बताया कि इस मंदिर की विशेष मान्यता है. मंदिर की स्थापना महाराणा मोखल सिंह के राज में की गई थी. गणेश चतुर्थी के विशेष पूजन के लिए मंदिर में खास तरीके से सजाया गया है. मंदिर में सुबह से भक्तों की भीड़ बनी हुई है. हर कोई गणपति बप्पा के दर्शन करते हुए मनोति मांगता दिखाई दे रहा है.

पढ़ें : Special : भ्रमण के दौरान जहां देवताओं से बिछड़ गए 'विनायक'...400 साल पहले प्रकट हुई थी प्रतिमा

मंदिर के पुजारी गणेश लाल जोशी ने बताया कि भगवान बोहरा गणेश जी का मंदिर देश-दुनिया में विख्यात है. यहां देश के कोने-कोने से श्रद्धालु गणपति गजानंद महाराज के दर्शनों के लिए पहुंचते हैं. भगवान बोहरा गणेश मंदिर की मान्यता है कि (Speciality of Bohra Ganesh Temple) यहां दर्शन के लिए आने वाले भक्तों की गणपति महाराज मनोकामनाएं पूरी करते हैं.

पढे़ं : Ganesh Chaturthi 2022 अजमेर के गणेश मंदिर का 300 साल पुराना मराठाकालीन इतिहास, जानें क्या है खास

पहले भक्त पैसे की जरूरत के लिए लिखते थे पर्चीः कहा जाता है कि पहले किसी को पैसे की जरूरत होती थी तो वह यहां पर्ची लिखकर भगवान के पास छोड़ जाते थे. जब उनकी पैसों की जरूरत पूरी हो जाती थी तो पैसे भगवान को लौटा देते थे. जिस किसी को भी शादी, ब्याह, बिजनेस के लिए रुपये की जरूरत पड़ती तो वह यहां आकर एक कागज पर लिख कर चला जाता था. वहीं, भक्तों का काम पूरा होने पर ब्याज समेत पैसे लौटा दिया करते थे. लेकिन इस दौरान एक भक्त जब पैसे लेकर दोबारा पैसे नहीं लौटा कर गया, जिसके बाद यह प्रथा बंद हो गई.

पढ़ें : बड़ी दिलचस्प हैं भगवान गणेश के एकदंत होने की कथाएं, जानिए 4 पौराणिक प्रसंग

गणेश चतुर्थी के दिन सुबह 5 बजे भगवान गणपति को पंचामृत स्नान काराय गया. इसके बाद (Ganesh Chaturthi 2022) भगवान का विशेष श्रृंगार कराया गया. इसके बाद महायज्ञ और ध्वजा धारण कराई गई. साथ ही भगवान की विशेष आरती की गई.

Last Updated : Sep 1, 2022, 6:29 PM IST
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