उदयपुर. भारत को आजादी मिले हुए 70 साल से भी अधिक समय बीत चुका है, लेकिन रूढ़िवादी परंपराएं आज भी आजाद हिंदुस्तान में कहीं ना कहीं देखने को मिल जाती है. उदयपुर जिले में रूढ़ीवादी परंपराओं की बानगी की एक बार फिर नजर आई. यहां के गोगुंदा थाना क्षेत्र के राव माधड़ा गांव में कुछ रूढ़िवादी लोगों की वजह से एक दलित दूल्हे को अपनी शादी में रीति-रिवाजों को लेकर डर सता रहा था. उसे घोड़ी से उतरने में डर लग रहा था.
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दूल्हा खुद कॉन्स्टेबल है. इसके बावजूद उसे डर था कि समाज के कुछ दबंग लोग उसे घोड़ी से उतार देंगे. इसे लेकर उसने पुलिस को अपनी पीड़ा सुनाई, जिसके बाद पुलिस की निगरानी में बारात और बिंदोरी निकाली गई. विवाह की सभी रस्मों को विधि-विधान से पूरा किया गया.
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जानकारी के अनुसार कॉन्स्टेबल कमलेश मेघवाल की शादी शासन-प्रशासन की निगरानी में संपन्न हुई. उसकी सुरक्षा में डिप्टी एसपी और नायब तहसीलदार सहित दो थानों की फोर्स को तैनात की गई. वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि शादी-समारोह में सुरक्षा-व्यवस्थ पुलिस का काम है. फिर भी इससे उनके गांव का अपमान हुआ है. गांव में कभी भी किसी जाति के दूल्हे को घोड़ी से उतारना तो दूर अपमान तक नहीं किया गया. उपसरपंच ने कहा कि हमारे गांव में सांप्रदायिक सौहार्द का वातावरण है. पहले कभी किसी जाति विशेष के साथ इस तरह की हरकत नहीं की गई.