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ADG On Udaipur Case: बोले एडीजी दिनेश- तालिबानी स्टाइल में की गई थी हत्या, ये शहर ऐसा नहीं...लोगों के सहयोग और कॉन्फिडेंस से नहीं बिगड़ी बात

उदयपुर हत्याकांड (Kanhaiyalal murder Case) ने पूरे राजस्थान को ही नहीं देश को भी झकझोर कर रख दिया है. बेबस दर्जी कन्हैयालाल की हत्या स्तब्ध करती है. इसके बाद मरुभूमि में तनाव का माहौल था. किसी भी अप्रत्याशित घटना को रोकने के लिए नेटबंदी और कर्फ्यू का ऐलान किया गया. इस दौरान हत्या के विरोध में मौन जुलूस और जगन्नाथ यात्रा की भी अनुमति प्रशासन ने दी. अच्छी बात ये रही की दोनों ही आयोजनों में किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं हुई. इसका श्रेय काफी हद तक उदयपुर को समझने वाले उसके अपने प्रिय एडीजी दिनेश एमएन को जाता है. कैसे उन्होंने इस विषम परिस्थिति को सहजता से पार किया इस पर उन्होंने ईटीवी भारत से खास बात की.

ADG On Udaipur Case
तालिबानी स्टाइल में की गई थी हत्या
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Published : Jul 3, 2022, 2:04 PM IST

Updated : Jul 3, 2022, 2:10 PM IST

उदयपुर. जिले में हुई कन्हैयालाल की निर्मम हत्या (Kanhaiyalal murder Case) से पूरे देश में आक्रोश देखा जा रहा है. इस वारदात को हत्यारे खौफ के मंजर में बदलना चाहते थे, लेकिन वह कामयाब नही हो सके. लोगों के दीमाग में खौफ और टकराव पैदा हो इसे देखते हुए आरोपियों ने सोशल मीडिया पर वीडियो डाला था. एक्सपर्ट्स का कहना है कि मकसद जिले और राज्य के सुकून को बर्बाद करना था. एकबारगी लगा कि शायद वो कामयाब हो जाएं लेकिन ऐन मौके पर पुलिस प्रशासन की सूझबूझ ने तनाव को टाल दिया.श्रेय एडीजी दिनेश एमएन को कम नहीं जाता जिन्होंने मौन जुलूस भी निकलवाया और भगवान जगन्नाथ यात्रा भी धूमधाम के साथ निकली.

पढ़ें. Mass Protest In Jaipur: उदयपुर हत्याकांड के विरोध में हिन्दू समाज का सामूहिक प्रदर्शन, संत समाज कर रहा नेतृत्व...हनुमान चालीसा का होगा पाठ

इस यात्रा को लेकर एडीजी दिनेश एमएन ने कैसी रणनीति बनाई, क्या उन्हें आम लोगों का साथ मिला... इस पर ईटीवी भारत ने एडीजी दिनेश एमएन (ADG Dinesh MN on Udaipur Case) से बातचीत की. इस दौरान टीम ने उनसे यह जानने की कोशिश की, कि किस तरह उदयपुर आग में सुलगने से बचा. इस वारदात में पुलिस की कितनी बड़ी चूक रही. इन सभी सवालों के जवाब दिनेश एमएन ने दिए.

यह दो लोगों की करतूत थी, ना कि दो पक्षों की: ए़डीजी दिनेश को लगता है कि ये दो लोगों के बीच की ये बात थी दो समुदायों के बीच की नहीं. उन्होंने बताया कि, पुलिस ने दोनों कम्यूनिटी के लोगों को विश्वास दिलाया कि ये दो पक्षों की करतूत नही थी, बल्कि दो लोगों की करतूत थी. इस दौरान शहर भर में मोबाइल पेट्रोलिंग के साथ कुछ असामाजिक तत्वों को राउंडअप करवाया गया. इस बीच घटना के दिन स्थिति संभालना, दूसरे दिन मौन जुलूस के प्रदर्शन की स्थिति को दुरुस्त करना और भगवान जगन्नाथ की शोभा यात्रा को धूमधाम से निकालवाने के लिए लोगों को कॉन्फिडेंस में लिया गया. जिसकी वजह से शांति की स्थिति बनी रही.

ADG On Udaipur Case

मेवाड़ शांतिप्रिय है: उदयपुर के युवाओं के रोल मॉडल एडीजी दिनेश का अनुभव लम्बा है. वो टैलेंटेड और Dynamic अफसर के तौर पर जाने जाते हैं. मेवाड़ की तासीर, उसकी सोच को समझते हैं इसलिए उन्हें लगता है कि ये मिट्टी दंगे फसाद के लिए कभी तैयार नहीं रहती. उन्होंने कहा कि, घटना के बाद लोगों को अशांति की आशंका थी. लेकिन जैसे-जैसे रोज स्थितियां बदलती गईं. इस बीच भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकली. हिंदू और मुस्लिम दोनों ही इस रथयात्रा को मानते हैं और ऐसा दिखा भी.

'बैठक में हुई है स्लीपर सेल पर बात': क्या देश विरोधी ताकतें चोरी चुपके अपना काम कर रही हैं. क्या ऐसे लोग मौजूद हैं पूरे प्रदेश में फैले हैं और इन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. इस सवाव पर दिनेश एमएन ने कहा कि इस विषय और अन्य विषयों को लेकर उच्च पुलिस अधिकारियों की बैठक ली गई है. इस बैठक में निर्मम हत्या को अंजाम देने वाले गौस मोहम्मद पर बात हुई. चर्चा हुई कि कैसे वो सरहद पार से ट्रेन होकर आया और 8 सालों से उदयपुर में रह रहा था. उन्होंने बताया कि इस तरह के लोग और भी हो सकते हैं.

उदयपुर. जिले में हुई कन्हैयालाल की निर्मम हत्या (Kanhaiyalal murder Case) से पूरे देश में आक्रोश देखा जा रहा है. इस वारदात को हत्यारे खौफ के मंजर में बदलना चाहते थे, लेकिन वह कामयाब नही हो सके. लोगों के दीमाग में खौफ और टकराव पैदा हो इसे देखते हुए आरोपियों ने सोशल मीडिया पर वीडियो डाला था. एक्सपर्ट्स का कहना है कि मकसद जिले और राज्य के सुकून को बर्बाद करना था. एकबारगी लगा कि शायद वो कामयाब हो जाएं लेकिन ऐन मौके पर पुलिस प्रशासन की सूझबूझ ने तनाव को टाल दिया.श्रेय एडीजी दिनेश एमएन को कम नहीं जाता जिन्होंने मौन जुलूस भी निकलवाया और भगवान जगन्नाथ यात्रा भी धूमधाम के साथ निकली.

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इस यात्रा को लेकर एडीजी दिनेश एमएन ने कैसी रणनीति बनाई, क्या उन्हें आम लोगों का साथ मिला... इस पर ईटीवी भारत ने एडीजी दिनेश एमएन (ADG Dinesh MN on Udaipur Case) से बातचीत की. इस दौरान टीम ने उनसे यह जानने की कोशिश की, कि किस तरह उदयपुर आग में सुलगने से बचा. इस वारदात में पुलिस की कितनी बड़ी चूक रही. इन सभी सवालों के जवाब दिनेश एमएन ने दिए.

यह दो लोगों की करतूत थी, ना कि दो पक्षों की: ए़डीजी दिनेश को लगता है कि ये दो लोगों के बीच की ये बात थी दो समुदायों के बीच की नहीं. उन्होंने बताया कि, पुलिस ने दोनों कम्यूनिटी के लोगों को विश्वास दिलाया कि ये दो पक्षों की करतूत नही थी, बल्कि दो लोगों की करतूत थी. इस दौरान शहर भर में मोबाइल पेट्रोलिंग के साथ कुछ असामाजिक तत्वों को राउंडअप करवाया गया. इस बीच घटना के दिन स्थिति संभालना, दूसरे दिन मौन जुलूस के प्रदर्शन की स्थिति को दुरुस्त करना और भगवान जगन्नाथ की शोभा यात्रा को धूमधाम से निकालवाने के लिए लोगों को कॉन्फिडेंस में लिया गया. जिसकी वजह से शांति की स्थिति बनी रही.

ADG On Udaipur Case

मेवाड़ शांतिप्रिय है: उदयपुर के युवाओं के रोल मॉडल एडीजी दिनेश का अनुभव लम्बा है. वो टैलेंटेड और Dynamic अफसर के तौर पर जाने जाते हैं. मेवाड़ की तासीर, उसकी सोच को समझते हैं इसलिए उन्हें लगता है कि ये मिट्टी दंगे फसाद के लिए कभी तैयार नहीं रहती. उन्होंने कहा कि, घटना के बाद लोगों को अशांति की आशंका थी. लेकिन जैसे-जैसे रोज स्थितियां बदलती गईं. इस बीच भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकली. हिंदू और मुस्लिम दोनों ही इस रथयात्रा को मानते हैं और ऐसा दिखा भी.

'बैठक में हुई है स्लीपर सेल पर बात': क्या देश विरोधी ताकतें चोरी चुपके अपना काम कर रही हैं. क्या ऐसे लोग मौजूद हैं पूरे प्रदेश में फैले हैं और इन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. इस सवाव पर दिनेश एमएन ने कहा कि इस विषय और अन्य विषयों को लेकर उच्च पुलिस अधिकारियों की बैठक ली गई है. इस बैठक में निर्मम हत्या को अंजाम देने वाले गौस मोहम्मद पर बात हुई. चर्चा हुई कि कैसे वो सरहद पार से ट्रेन होकर आया और 8 सालों से उदयपुर में रह रहा था. उन्होंने बताया कि इस तरह के लोग और भी हो सकते हैं.

Last Updated : Jul 3, 2022, 2:10 PM IST
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