श्रीगंगानगर. किसी रोगी के लिए एक डॉक्टर जितना जरुरी है, उतना ही जरुरी डॉक्टर की लिखी हुई दवाईया देने वाला फार्मासिस्ट होता है.शुक्रवार को वर्ल्ड फार्मासिस्ट दिवस मनाया जा रहा है. इसी क्रम में श्रीगंगानगर में विश्व फार्मासिस्ट दिवस के मौके पर राजस्थान फार्मासिस्ट कर्मचारी संघ ने पोस्टर विमोचन का विमोचन किया.
इस मौके पर प्रदेश के समस्त फार्मासिस्ट तीन दिवसीय कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं. जिसमें मुख्यमंत्री के नाम पोस्ट कार्ड भेजो अभियान, चिकित्सालय परिसर में आने वाले सभी गरीब और जरूरतमंद रोगियों एवं परिजनों को निशुल्क मास्क वितरण और सभी रोगियों के हाथ सैनिटाइजर से धुलवाये जा रहे है. इसके साथ ही इन तीन दिनों में जिले भर के फार्मासिस्ट करोना महामारी से बचाव हेतु जानकारी के लिए पंपलेट वितरित करेंगे, ताकी दवाईया लेने के लिए आने वाले रोगियों को कोरोना से बचाया जा सके.
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फार्मासिस्ट एसोसिएशन के जिला सचिव गुलशन छाबड़ा बताया कि फार्मासिस्ट की भुमिका रोगी को ठीक करने मे डॉक्टर से भी कम नहीं है. उन्होंने कहा कि, फार्मासिस्ट बाजार में लाने के लिए नई दवा के शोध, निर्माण और उत्पादन टेस्टिंग, गुणवत्ता नियंत्रण, भंडारण, वितरण और दवाइयों की सरकारी और निजी शिक्षा संस्थानों में उनकी उपलब्धता सुनिश्चित करते हैं. साथ ही कहा कि राजस्थान में मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना को फार्मासिस्टो ने ही कामयाब करके लोगों को राहत दी है. इस योजना को पूरे राजस्थान में प्रथम स्थान दिलाने में फार्मासिस्टो की सर्वाधिक महत्वपूर्ण भुमिका रही है.
वहीं, छाबड़ा ने कहा कि जितनी भी दवाइयां कोरोना और स्वाइन फ्लू जैसी गंभीर बीमारियों से लड़ने में रामबाण साबित हुई हैं, उनका शोध उत्पादन और उपलब्धता फार्मासिस्ट ही करते हैं. फार्मासिस्ट विश्व भर में करोना मेडिसिन के शोध कार्य में भी अपना जबरदस्त योगदान दे रहे हैं. फार्मासिस्ट एक रोगी के लिए वह व्यक्ति है जो उसे दवाई हाथ में पकडाने से लेकर दवाई का असर कैसा रहेगा उसकी जानकारी देता है. यही कारण है कि फार्मासिस्ट डॉक्टर की लिखी पर्ची के बाद अपनी भूमिका जिस गंभीरता के साथ निभाता है उतनी ही गंभीरता के साथ रोगी को जल्दी राहत मिलती है.