श्रीगंगानगर. रसद सामग्री के वितरण में धांधली सामने आया है. रसद विभाग द्वारा पात्र परिवारों को आवंटित किया गया गेहूं-दाल वितरण करने के बजाय डिपो संचालक द्वारा खुर्दबुर्द किया गया है. डिपो संचालक ने उपभोक्ताओं से अंगूठा लगवा कर तीन बार का गेहूं उठाकर दो बार ही दिया है. इस पर रसद विभाग ने 39 जीजी के राशन डिपो का लाइसेंस निलंबित कर दिया है.
ग्रामीणों को गेहूं और दाल नहीं मिलने की शिकायत पर जब डिपो संचालक लक्ष्मण दास के रिकॉर्ड की विभाग ने जांच की तो वितरण के लिए आया 40 क्विंटल गेहूं खुर्दबुर्द होना पाया गया. ग्रामीणों की शिकायत पर जब रसद विभाग की जांच के दौरान डिपो होल्डर के घर में 40 क्विंटल सरकारी गेहूं मिला, जो विभाग ने जब्त कर लिया. ग्रामीणों ने शिकायत की थी कि राशन डिपो संचालक लक्ष्मणदास ने जुलाई का अतिरिक्त अगस्त का नियमित और अतिरिक्त सहित तीन बार का गेहूं उठा लिया, जबकि वितरण दो बार ही किया गया.
वहीं, उपभोक्ताओं को दोनों बार ही चना दाल नहीं दी. प्रवर्तन अधिकारी संदीप गौड़ के नेतृत्व में पहुंची टीम ने मौके पर जांच की तो पता चला कि उपभोक्ताओं के राशन कार्डों में अगस्त महीने का गेहूं दर्ज ही नहीं है. पोस मशीन का रिकॉर्ड चेक करने पर पता चला कि उपभोक्ताओं के नाम पर जुलाई का अतिरिक्त गेहूं उठाया गया है, लेकिन वितरण नहीं किया गया है. जांच में राशन डिपो होल्डर के घर पर 40 क्विंटल गेहूं मिला. जिसके बारे में संचालक कोई जवाब नहीं दे पाया.
यह भी पढ़ें- AICC का बड़ा निर्णय: अजय माकन बने कांग्रेस प्रदेश प्रभारी, तीन सदस्यीय कमेटी भी गठित
राशन डिपो संचालक ने उपभोक्ताओं के लिए आया गेहूं घर पर रख लिया था. फिलहाल विभाग ने पंचायत के दूसरे डिपो संचालक को गेहूं, चना और दाल वितरण करने की जिम्मेवारी दी है. वहीं, जिला रसद अधिकारी राकेश सोनी ने डिपो का लाइसेंस निलंबित कर कारवाई शुरू की है.