श्रीगंगानगर. जिला कलेक्ट्रेट के बाहर धरना दे रहे सामाजिक संगठनों के सदस्यों ने धरना दिया. धरनास्थल पर पुलिस और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए ये लोग कलेक्ट्रेट के मुख्य गेट पर मुख्यमंत्री का पुतला लेकर पहुंचे और वहां नारेबाजी करते हुए पुतले को आग के हवाले किया.
धरनार्थियों की मांगें...
- पुलिस और प्रशासन की सड़कों पर दौड़ रही बिना कागजात वाली समस्त गाड़ियों को सीज किया जाए.
- नहरों पर पानी चोरी रोकने के लिए पुलिस की स्थाई चौकियां स्थापित कर पानी चोरी करने वालों पर कार्रवाई की जाए.
- आवारा पशुओं को पकड़ कर नंदीशाला और गौशालाओं में भेजा जाए.
- शहर में धड़ल्ले से चल रहे पर्ची सट्टा, क्रिकेट बुक्की, अवैध धंधे और नशे के बढ़ते कारोबार पर रोक लगाई जाए.
आंदोलनकारी नेताओं में शामिल डॉक्टर बालकृष्ण पंवार ने कहा कि जिस तरह बुराई के प्रतीक माने जाने वाले रावण को जलाया जा रहा है. उसी तरह सरकारी दफ्तरों में भ्रष्टाचार के रूप में बैठे रावणों को जब तक ठीक नहीं किया जाएगा तब तक आंदोलन जारी रहेगा.
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वहीं, पूर्व व्यापार मंडल अध्यक्ष हरीश कपूर ने कहां कि पुलिस अधीक्षक के आने के बाद जिले में अवैध कारोबार बढ़े हैं. ऐसे में राज्य के मुख्यमंत्री जब तक यहां के एसपी को हटाएंगे नहीं तब तक न तो जनता का भला हो सकेगा और न ही अवैध धंधों पर रोक लग पाएगा.