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श्रीगंगानगर: तालाब-नहरों के जाल में लिपटी है 27 जीजी ग्राम पंचायत, फिर भी यहां के लोग 'प्यासे'

नहरीतंत्र के नाम से महशूर श्रीगंगानगर जिला काफी सम्पन्नता लिए हुए है. नहरों के जाल में लिपटा जिला कृषि योग्य है. यहां के हर गांव में सिंचाई होने से अच्छी फसलें पैदा होती है. जिसके चलते जिलेभर का किसान काफी हद तक सम्पन्न भी कहलाता है, लेकिन पिछले दो दशकों में पीने के पानी ने जो समस्या खड़ी की है उससे यहां के लोग अब परेशान नजर आने लगे हैं.

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Published : Aug 7, 2019, 7:43 PM IST

SRIGANGANAGAR NEWS, श्रीगंगारनगर खबर

श्रीगंगानगर. जिले की 27 जीजी ग्राम पंचायत. छह गांवों से मिलकर बनी इस ग्राम पंचायत में कुल 2600 लोगों की आबादी रहती है. नहरों के जाल में श्रीगंगानगर जिला लिपटा है कृषि योग्य है. यहां के हर गांव में सिंचाई होने से अच्छी फसले पैदा होती है. लेकिन पिछले कुछ सालों से इस गांव में पीने के पानी की विकराल समस्या पैदा हुई है. ईटीवी भारत अपनी मुहिम तालाब को लेकर जब इस गांव पहुंचा और यहां के लोगों से बात की.

तालाब: नहरों के जाल में लिपटी है 27 जीजी ग्राम पंचायत, फिर भी यहां के लोग प्यासे

वैसे तो इस गांव में सुव्यस्तिथ तरिके से बनी 27 जीजी ग्राम पंचायत के सभी गांवों में पक्की सड़कें, नालियां, पंचायत भवन सहित तमाम प्रकार की व्यवस्थाएं हैं. ग्रामीणों की अधिकतर आय कृषि होने के कारण यहां लोग कृषि पर निर्भर है. खेतों में लहलहाती फसलें यहां के किसानों की हाड़तोड़ मेहनत को दर्शाती है. लेकिन इन सबके बीच ग्राम पंचायत के सभी गांवों में एक जो बड़ी दिक्क्त है वह पीने के शुद्ध पानी है.

ये भी पढ़ें: जयपुर का ये पाकिस्तानी हिन्दू परिवार नहीं भूल पायेगा सुषमा स्वराज को...जानिए वजह

गार्मीयों के दिनों लोगों को दूर-दूर पानी के लिए भटकना पड़ता है. वहीं दूषित और गंदा पानी पिने पर मजबूर होते है. इस पंचायत में बारिश के पानी से एकत्रित करने के लिए तालाब और जोहड़ नहीं है जिसमें बारिश का पानी एकत्रित करके उसको काम में लिया जाए. यहां के सरपंच अर्जुन राजपाल भी मामते है कि यहां पर कोई झरना, तालाब नहीं होने के कारण पीने के पानी की समस्या है.

ईटीवी भारत से अपना दर्द बांटते हुए पंचायत के लोगों ने उम्मीद जताई है कि अब गांव में कोई तालाब या फिर जोहड़ी बनेगी, सरकार या सामाजिक संस्थाएं आगे आएंगी जिसके बाद गांव में जोहड़ी और तालाब बनेंगे. बारिश का पानी एकत्रित होगा और एक बार फिर से यहां के लोगों को शुद्ध पानी पीने के लिए मिलेगा.

श्रीगंगानगर. जिले की 27 जीजी ग्राम पंचायत. छह गांवों से मिलकर बनी इस ग्राम पंचायत में कुल 2600 लोगों की आबादी रहती है. नहरों के जाल में श्रीगंगानगर जिला लिपटा है कृषि योग्य है. यहां के हर गांव में सिंचाई होने से अच्छी फसले पैदा होती है. लेकिन पिछले कुछ सालों से इस गांव में पीने के पानी की विकराल समस्या पैदा हुई है. ईटीवी भारत अपनी मुहिम तालाब को लेकर जब इस गांव पहुंचा और यहां के लोगों से बात की.

तालाब: नहरों के जाल में लिपटी है 27 जीजी ग्राम पंचायत, फिर भी यहां के लोग प्यासे

वैसे तो इस गांव में सुव्यस्तिथ तरिके से बनी 27 जीजी ग्राम पंचायत के सभी गांवों में पक्की सड़कें, नालियां, पंचायत भवन सहित तमाम प्रकार की व्यवस्थाएं हैं. ग्रामीणों की अधिकतर आय कृषि होने के कारण यहां लोग कृषि पर निर्भर है. खेतों में लहलहाती फसलें यहां के किसानों की हाड़तोड़ मेहनत को दर्शाती है. लेकिन इन सबके बीच ग्राम पंचायत के सभी गांवों में एक जो बड़ी दिक्क्त है वह पीने के शुद्ध पानी है.

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गार्मीयों के दिनों लोगों को दूर-दूर पानी के लिए भटकना पड़ता है. वहीं दूषित और गंदा पानी पिने पर मजबूर होते है. इस पंचायत में बारिश के पानी से एकत्रित करने के लिए तालाब और जोहड़ नहीं है जिसमें बारिश का पानी एकत्रित करके उसको काम में लिया जाए. यहां के सरपंच अर्जुन राजपाल भी मामते है कि यहां पर कोई झरना, तालाब नहीं होने के कारण पीने के पानी की समस्या है.

ईटीवी भारत से अपना दर्द बांटते हुए पंचायत के लोगों ने उम्मीद जताई है कि अब गांव में कोई तालाब या फिर जोहड़ी बनेगी, सरकार या सामाजिक संस्थाएं आगे आएंगी जिसके बाद गांव में जोहड़ी और तालाब बनेंगे. बारिश का पानी एकत्रित होगा और एक बार फिर से यहां के लोगों को शुद्ध पानी पीने के लिए मिलेगा.

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