श्रीगंगानगर. नाबार्ड द्वारा बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में कृषि अवसरंचना निधि को लेकर बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में नाबार्ड के मैनेजर चन्द्रेश शर्मा, उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक हरीश मित्तल, एलडीएम सतीश जैन और कृषि विभाग के उपनिदेशक जी.आर.मटोरिया सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे. बैठक में वर्तमान विपणन व्यवस्था में फसल कटाई के बाद बुनियादी ढांचे की कमी, फसल कटाई के बाद उचित प्रबंधन, आधुनिक पैकेजिंग और ग्रेडिंग सुविधाओं, किसानों की धारण क्षमता, ग्रामीण क्षेत्र में अपर्याप्त निजी निवेश के परिणाम स्वरूप कम रोजगार और पलायन से संबंधित चुनौतियों पर चर्चा हुई.
कृषि क्षेत्र में हाल ही में किए गए सुधार 2022 तक किसानों की आय दौगुनी करने के अभियान, आवश्यक वस्तु अधिनियम में सुधार, कृषि उपज विपणन समिति से जुड़े सुधार, अनुबंध कृषि से जुड़ी नीतियों पर विस्तार से चर्चा हुई. बैठक में ब्याज अनुदान एवं क्रेडिट गारंटी सुविधा में अनुदान की सीमा 2 करोड़ रुपए के ऋण तक 3 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज अनुदान की सुविधा क्रेडिट गारंटी फी का भुगतान भारत सरकार द्वारा किया जाएगा.
यह भी पढ़ें- राज्यपाल ने गढ़ा इतिहास: संविधान सिखाया, कृषि कानूनों को छुआ और पेट्रोल की कीमतें कम करने का पाठ पढ़ाया
बैठक में पात्र परियोजनाएं, पात्र लाभार्थी, साझेदार वित्तीय संस्थाओं के बारे में विचार विमर्श हुआ. इस योजना में केन्द्र सरकार, राज्य सरकार की वर्तमान एवं भविष्य की योजनाओं के तहत अनुदान को इस योजना के तहत अभिसरित किया जा सकेगा.