श्रीगंगानगर. जहां एक ओर कोरोना वायरस के खिलाफ जान जोखिम में डालकर लड़ रहे चिकित्साकर्मियों की एक तरफ देश के प्रधानमंत्री तारीफ कर रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ अधिकारियों के तुगलकी फरमान के चलते कोरोना संक्रमण की इस जंग में डटे नर्सिंगकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है.
बता दें कि सरकार ने आदेश जारी किया है कि इस जंग में जुटे चिकित्साकर्मियों और नर्सिंगकर्मियों की आइसोलेशन ड्यूटी के बाद इन्हें घर से बाहर होम क्वॉरेंटाइन में रखा जाएगा. वहीं, श्रीगंगानगर में सरकार के इस आदेश की उच्चाधिकारियों की ओर से सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है. दरअसल, आइसोलेशन वार्ड में पिछले कुछ दिनों से कोरोना संदिग्ध के इलाज में जुटे नर्सिंगकर्मियों के परिवार में संक्रमण के डर के चलते शहर के एक होटल में होम क्वॉरेंटाइन में रखा गया था.
मगर हैरानी तब हुई जब इन कोरोना वारियर्स को उच्चाधिकारियों के कहने पर होटल से रातों रात बाहर निकाल दिया गया. इतनी ही नहीं इन नायकों को खाना तक नहीं दिया गया. शायद कही न कही इन्हीं कोरोना वारियर्स की वजह से राजस्थान का श्रीगंगानगर जिला अभी तक कोरोना संक्रमितों से दूर है. ये अपने घर परिवार से दूर कोरोना संदिग्धों के बीच रहकर दिन रात ड्यूटी कर रहे है. ऐसे में इन नर्सिंगकर्मियों के साथ ऐसा व्यवहार ना केवल उनका मनोबल तोड़ने वाला है, बल्कि क्वॉरेंटाइन अवधि के दौरान उन्हें बाहर निकाल देना कोरोना संक्रमण को बढ़ाने का न्योता देना भी है.
दरअसल, जिला अस्पताल में बने कोरोना आइसोलेशन वार्ड में ड्यूटी देने वाले नर्सिंगकर्मियों का आरोप है कि उनको राज्य सरकार के आदेश पर 14 दिनों के लिए एक निजी होटल में होम क्वॉरेंटाइन में रखा गया था. इसी होटल में विभाग के उच्चाधिकारी भी ठहरे हुए थे. ऐसे में जैसे ही उनको पता चला कि उसी होटल में जिला अस्पताल के नर्सिंगकर्मियों को भी होम क्वॉरेंटाइन में रखा गया है तो वे चिंतित होकर खुद होटल छोड़ने की बजाय होम क्वॉरेंटाइन में भेजे गए नर्सिंगकर्मियों को उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को आदेश देकर होटल से निकलवा दिया.
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इस दौरान के वे संक्रमण के खतरे को देखते हुए घर भी नहीं जा सके. ऐसे में उन्होंने इसकी जानकारी नर्सिंग एसोसिएशन अध्यक्ष रविंद्र शर्मा को दी तो उन्होंने रात को इनके ठहरने और खाने की व्यवस्था की. ऐसे में इस तरह के तुगलकी फरमान से यही पता चलता है कि चिकित्सा विभाग उच्चाधिकारियों को कोरोना संक्रमण फैलने की परवाह कम, बल्कि खुद की सुरक्षा की चिंता ज्यादा है.